Last Updated:October 23, 2025, 18:14 IST
Pilot Medical Test: डीजीसीए ने देशभर के नौ निजी अस्पतालों को पायलट मेडिकल जांच के लिए एयरोमेडिकल सेंटर्स के रूप में मान्यता दी है. इस फैसले से नागरिक एविएशन सेक्टर में पारदर्शिता और सुविधा दोनों बढ़ेंगी.

Pilot Medical Test: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पायलट्स और अन्य एविएशन प्रोफेशनल्स की मेडिकल जांच के लिए प्राइवेट अस्पतालों को मंजूरी दे दी है. सिविल एविएशन की नई मेडिकल पॉलिसी 15 नवंबर 2025 से लागू हो जाएगी. इस पॉलिसी के लागू होने के बाद पायलट्स और एविएशन प्रोफेशनल्स की भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के एयरोमेडिकल सेंटर्स पर निर्भरता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी. इस कदम से मेडिकल एग्जामिनेशन का प्रॉसेस तेज और आसान हो जाएगा.
डीजीसीए ने जिन प्राइवेट हॉस्पिटल्स को मेडिकल एग्जामिनेशन के लिए मंजूरी दी है, उसमें चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, इंदौर और दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल्स शामिल हैं. इसके अलावा, नई दिल्ली के मैक्स मल्टी स्पेशलिटी सेंटर, गुरुग्राम का मेदांता मेडिक्लिनिक, पुणे का रूबी हॉल क्लिनिक, तथा मुंबई के वीएम मेडिकल सेंटर और नानावटी हॉस्पिटल को भी एयरोमेडिकल सेंटर्स के तौर पर मंजूरी दी गई है. इनमें नानावटी हॉस्पिटल को खास तौर पर क्लास 1 की मेडिकल जांच की मंजूरी दी गई है.
डीजीसीए के अनुसार, मंजूरी पाने वाले सभी एयरोमेडिकल सेंटर्स डीजीसीए दिशानिर्देशों के तहत काम करेंगे, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके. आपको बता दें कि अभी तक भारत के नागरिक पायलटों को हर पांचवें मेडिकल टेस्ट के लिए बेंगलुरु के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम) या पुणे के कमांड मेडिकल एस्टेब्लिशमेंट (सीएमई) जैसे इंडियन एयरफोर्स के सेंटर्स पर जाना पड़ता था. इस प्रॉसेस को बदलने के लिए लंबे समय से पायलट एसोसिएशन आवाज उठाती रही हैं.
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएलपीए इंडिया) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. एसोसिएशन ने अपने बयान में कहा कि यह कदम हमारी लंबे समय से की जा रही मांगों में से एक था. अब सैन्य और नागरिक मेडिकल जांच की प्रक्रिया अलग हो रही है, जो भारत को इंटरनेशनल एविएशन स्टैंडर्ड विमानन मानकों के अनुरूप बनाती है. एएलपीए इंडिया का कहना है कि एयरफोर्स सेंटर्स में कई बार व्यवस्थागत दिक्कतों के साथ पारदर्शिता की समस्या से भी जूझना पड़ता था.
अब सभी नियमित मेडिकल जांच निजी अस्पतालों में होंगी, जिससे प्रशासनिक देरी घटेगी और सिविल एविएशन सिस्टम अधिक सरल और पारदर्शी बनेगा. एविएशन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला 50,000 से ज्यादा लाइसेंस प्राप्त एविएशन प्रोफेशनल्स के लिए फायदेमंद साबित होगा, खासकर उन पायलटों के लिए जो बड़े और बिजी एयरपोर्ट्स पर उड़ान भरते हैं.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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First Published :
October 23, 2025, 18:14 IST