Last Updated:September 27, 2025, 10:46 IST
मोदी सरकार संसद की स्थायी समितियों का कार्यकाल दो साल करने पर विचार कर रही है. इससे शशि थरूर को विदेश मामलों की समिति अध्यक्ष पद पर बने रहने का फायदा मिल सकता है.

कांग्रेस सांसद शशि थरूर को मोदी सरकार से इनाम मिल सकता है. मोदी सरकार संसद की स्थायी समितियों का कार्यकाल बढ़ाने की तैयारी में है. इससे शशि थरूर को फायदा मिल सकता है. जी हां, सरकार संसदीय स्थायी समितियों का कार्यकाल मौजूदा एक साल से बढ़ाकर दो साल करने पर विचार कर रही है. इस कदम का मकसद निरंतरता में सुधार लाना और विधेयकों, रिपोर्टों और नीतिगत मामलों की गहन जांच संभव बनाना है. मौजूदा समितियों का कार्यकाल 26 सितंबर को समाप्त होने वाला है. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है.
सरकार का यह प्रस्ताव कांग्रेस सांसद शशि थरूर के लिए खासा राजनीतिक महत्व रखता है. वह वर्तमान में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष हैं. अगर सरकार संसदीय समितियों का कार्यकाल बढ़ाती है तो वह अपनी पार्टी के साथ हालिया मतभेदों के बावजूद अगले दो साल तक अपने पद पर बने रह सकते हैं. इस तरह से देखा जाए तो शशि थरूर को ऑपरेशन सिंदूर की डेलिगेशन वाली नुमाइंदगी का इनाम होगा.
दरअसल, संसदीय स्थायी समितियां स्थायी निकाय हैं. इनमें लोकसभा और राज्यसभा के निश्चित संख्या में सांसद होते हैं. ये समितियां प्रस्तावित कानूनों की जांच, सरकारी नीतियों की समीक्षा और बजट आवंटन की जांच में अहम भूमिका निभाती हैं. ये समितियां सरकार के विशिष्ट क्षेत्रों पर पूछताछ और साक्ष्य संग्रह के माध्यम से मंत्रालयों को जवाबदेह भी बनाती हैं.
जब संसद का सत्र नहीं चल रहा होता है तो ये स्थायी समितियां अक्सर मिनी संसद के रूप में कार्य करती हैं. इनमें सांसदों को पूर्ण संसदीय बैठक की प्रतीक्षा किए बिना विस्तृत नीतिगत और विधायी निगरानी करने में मदद मिलती है. अभी जो व्यवस्था है, उसके तहत इन समितियों का हर साल पुनर्गठन किया जाता है.
हालांकि, विपक्ष के सदस्यों सहित कई सांसदों ने सरकार से इनका कार्यकाल कम से कम दो साल तक बढ़ाने का आग्रह किया है. तर्क यह है कि सौंपे गए विषयों पर व्यापक और गहन अध्ययन करने के लिए एक साल का वक्त पर्याप्त नहीं है. हालांकि समिति अध्यक्षों में बदलाव की संभावना नहीं है, मगर नवनियुक्त सदस्यों का कार्यकाल दोगुना किया जा सकता है. इससे समितियां अधिक निरंतरता के साथ काम कर सकेंगी और विधायी एवं नीतिगत मामलों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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First Published :
September 27, 2025, 10:46 IST