1 कैदी को फांसी देने में लग जाते हैं सालों, इस मुल्क ने 180 दिन में 180 लोगों को लटकाया

2 weeks ago

Record Executions in Saudi Arabia: साल 2025 में सऊदी अरब में फांसी की सजा को लेकर मानों क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अभियान छेड़ दिया हो. प्रिंस ने पिछले किए गए वादों के बावजूद एक बार फिर से बहुत संख्या में फांसी की सजा दे रहे हैं. इसके पहले उन्होंने इस बात का वादा किया था कि उन्होंने फांसी की सजा सिर्फ जानबूझ कर की गई हत्याओं के आरोपियों की दी गईं थी. अब एक बार फिर से प्रिंस ने फांसी की सजा को अभियान के तौर पर शुरू कर दिया है. इस बार गैर हिंसक नशीली ड्रग्स की सप्लाई के आरोप में कई लोगों को दी गई फांसी.

सऊदी अरब में दी जाने वाली फांसी की सजा में आधे से भी ज्यादा नागरिक विदेशी मूल के होते हैं. बीते दिनों एक बार फिर सऊदी अरब ने एक ही दिन में 8 लोगों को मौत की सजा दी गई. इनमें से चार सोमालियाई और तीन इथियोपियाई लोगों को राज्य में हशीश की तस्करी के लिए मौत की सजा सुनाई गई. सऊदी अरब में तज़ीर, एक इस्लामी कानूनी सिद्धांत जो जजों को सजा देने में व्यापक विवेक देता है, के तहत सऊदी अदालतें मौत की सजा को चिंताजनक दर पर सुनाना जारी रखे हुए हैं. फांसी की सजा की इस नई लहर ने मानवाधिकार समूहों में चिंता पैदा कर दी है. 

एक दशक से बढ़ता जा रहा तनाव
जुलाई 2025 में प्रकाशित एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक नई रिपोर्ट और आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी के डेटा के अनुसार, जनवरी 2014 से जून 2025 के बीच सऊदी अरब ने 1,816 लोगों को मौत की सजा दी है. लगभग हर तीसरे व्यक्ति को नशीली ड्रग्स से संबंधित अपराधों के लिए फांसी की सजा दी गई. ये ऐसेअपराध हैं जिन्हें अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और मानकों के तहत मौत की सजा से दंडित नहीं किया जा सकता.

सऊदी अरब में फांसी के कुछ प्रमुख आंकड़े 

जून 2014 से लेकर जून 2025 तक कुल फांसी के 1816 मामले.  साल 2014-2025 के बीच नशीली दवाओं से संबंधित मामले में कुल 597 लोगों को फांसी की सजा. नशीली दवाओं से संबंधित फांसी में मरने वाले लोगों का 32.9 फीसदी हिस्सा. नशीली दवाओं के मामले में 75 फीसदी विदेशी नागरिक हुए फांसी की सजा के शिकार. 2024 में 345 लोगों को फांसी की सजा. ये बीते 30 से भी ज्यादा वर्षों में सबसे अधिक एक साल में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी दी गई. 2024 में नशीली दवाओं से संबंधित 122 लोगों को फांसी की सजा (2014-2025 तक कुल फांसी की सजा का 35%) 2024 में 15 दूसरे देशों के 137 नागरिकों को फांसी की सजा. जनवरी-जून 2025 में 180 लोगों को फांसी की सजा. जून 2025 में 46 लोगों को फांसी की सजा. जून 2025 में नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में 37 लोगों को फांसी.

तज़ीर अपराध के मामलों फांसी में हुई बढ़ोत्तरी
तज़ीर अपराधों के लिए शरिया में कोई निश्चित सजा नहीं है, न ही देश के अन्य कानूनों में इनकी स्पष्ट परिभाषा है. इसलिए, जजों को उन अपराधों के लिए सजा निर्धारित करने का विवेक प्राप्त है, जिनके लिए कोई निश्चित सजा नहीं है, जिसमें मृत्युदंड भी शामिल है, बिना किसी न्यायिक मिसाल से बंधे हुए.सार्वजनिक बयानों के विपरीत, सऊदी अरब में जज तज़ीर का उपयोग गैर-हिंसक मामलों में भी मृत्युदंड देने के लिए करते रहते हैं. यह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के 2022 के दावे के सीधे विरोध में है, जिसमें उन्होंने कहा था कि फांसी की सजा केवल कुरान में स्पष्ट रूप से आदेशित अपराधों तक सीमित होगी.

तज़ीर अपराध में फांसी की संख्या

जनवरी 2014-जून 2025 के बीच कुल तज़ीर आधारित फांसी के 862 मामले  सभी मामलों में फांसी की सजा 47.5 फीसदी मामले 2019 में केवल तज़ीर मामले में 130 लोगों को फांसी की सजा 2019 में नशीली ड्रग्स सप्लाई के जुर्म में 84 लोगों को फांसी की सजा 2024 में नशीली ड्रग्स सप्लाई के जुर्म में तज़ीर के तहत 122 लोगों को फांसी की सजा जनवरी2025-जून 2025 में नशीली दवाओं के अपराधों के लिए तज़ीर के तहत 118 लोगों को फांसी की सजा औसत: हर दूसरे दिन एक फांसी की सजा 2019 में, तज़ीर के तहत 71 फीसदी लोगों को फांसी की सजा सुनाई विदेशी नागरिक बने सबसे आसान शिकार

कम आय वाले पृष्ठभूमि के विदेशी श्रमिकों को किसी भी मामले में फांसी की सजा का सबसे ज्यादा खतरा होता है.अक्सर ये लोग अपने खिलाफ आरोपों के लिए पर्याप्त कानूनी प्रतिनिधित्व नहीं पाते हैं जिसकी वजह से इन्हें भाषाई बाधाओं का सामना करना पड़ता है और इनको कोई कांसुलर समर्थन भी नहीं मिल पाता है जिसकी वजह से ये फांसी की सजा के आसान शिकार होते हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि फांसी की सजा पाए विदेशी नागरिकों की सीमित शिक्षा और वंचित सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि उनकी प्रवास प्रक्रिया में शोषण के जोखिम को बढ़ाती है और सऊदी अरब में कानूनी प्रतिनिधित्व तक पहुंच को और अधिक कठिन बनाती है.

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अगर हम बीते 10 सालों सऊदी अरब में राष्ट्रीयता के आधार पर दी गई फांसी पर बात करें तो आंकड़े सऊदी अरब में विदेशी मूल के लोगों को फांसी देने में कितनी तत्परता दिखाई है ये जानकर आपको हैरानी होगी.

पाकिस्तानी: 155 सीरियाई: 66 जॉर्डनवासी: 50 यमनी: 39 मिस्री: 33 नाइजीरियाई: 32 सोमाली: 22 इथियोपियाई: 13

कई अन्य लोग अभी भी सऊदी अरब में फांसी की सजा से मौत के जोखिम में हैं. जून में, संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सऊदी अरब से ताबूक जेल में नशीली ड्रग्स के अपराधों के लिए मृत्युदंड की सजा पाए 26 मिस्री नागरिकों की फांसी को रोकने का आग्रह किया. इस समूह के दो पुरुषों को मई में बिना उनकी परिवारों को सूचना दिए बिना ही फांसी की सजा दे दी गई.

नशीली ड्रग्स के खिलाफ युद्ध और कैप्टागॉन क्राइसिस
सऊदी अरब फांसी के मामलों को उचित ठहराने के लिए अपनी 'नशीली ड्रग्स के खिलाफ युद्ध' का हवाला देता है, देश में अभी भी महत्वपूर्ण नशीली दवाओं की तस्करी और बड़े पैमाने पर जब्ती देखने को मिल रही है.जून में प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र के ड्रग्स और अपराध कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, अरब प्रायद्वीप के देश कैप्टागॉन के लिए प्राथमिक गंतव्य बाजार बने हुए हैं. हालांकि, 2022 के बाद से सऊदी अरब से इकट्ठा आंकड़ों की आधिकारिक रिपोर्टिंग की कमी ने क्षेत्रीय रुझान विश्लेषण को व्यापक रूप से करना मुश्किल बना दिया है, क्योंकि 2012 और 2021 के बीच क्षेत्र में जब्त की गई कैप्टागॉन गोलियों का लगभग दो-तिहाई (67 प्रतिशत) हिस्सा उसी देश द्वारा रिपोर्ट किया गया था.

2024 के अंत और 2025 की शुरुआत में पड़ोसी देशों जैसे इराक और जॉर्डन, साथ ही सऊदी अरब में कई बड़े पैमाने पर जब्ती की रिपोर्टें, स्थापित तस्करी रास्तों के निरंतर उपयोग की ओर इशारा करती हैं. पिछले एक दशक में, मध्य पूर्व में कैप्टागॉन व्यापार में विस्फोट हुआ (2018-2022), जो 2021 में चरम पर था. पिछले 10 वर्षों में सऊदी अरब में

700 मिलियन से अधिक नशीली गोलियां जब्त की गईं
100,000+ किलोग्राम अन्य नशीले पदार्थ (मेथमफेटामाइन, हेरोइन, कोकेन) जब्त किए गए. 2023 में, क्राउन प्रिंस ने औपचारिक रूप से नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध की घोषणा की. तब से लगातार सामूहिक गिरफ्तारियां फांसी की सजा में तेजी आई है.

हाल में हुईं ये गिरफ्तारियां
सऊदी अरब ने जून और जुलाई 2025 में अपनी नशीली ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई को तेज किया, जिसमें कई क्षेत्रों में प्रमुख गिरफ्तारियां और जब्ती की गईं। मेथ, हशीश और प्रिस्क्रिप्शन गोलियों की तस्करी को टारगेट करने वाले अभियानों में दर्जनों लोग हिरासत में लिए गए, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल थे. आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, 

6 जुलाई: रियाद और हैल में एम्फेटामाइन और मेथ (शाबू) की तस्करी से जुड़े 37 व्यक्तियों की गिरफ्तारी. इसमें 28 सऊदी, 2 इथियोपियाई, 5 सीरियाई और 2 यमनी शामिल थे. 28 जुलाई: जज़ान क्षेत्र में एक इथियोपियाई निवासी और एक सऊदी नागरिक की गिरफ्तारी.72,715 प्रिस्क्रिप्शन गोलियां और 70 किलोग्राम हशीश जब्त किया गया.  जून 2025: दो इथियोपियाई लोगों को हशीश, एम्फेटामाइन और चिकित्सकीय रूप से नियंत्रित गोलियों की तस्करी करते पकड़ा गया.

बयानबाजी और हकीकत
वहीं इस मामले में सऊदी अरब के प्रिंस कुरान इस बात का दावा तो करते हैं कि वो फांसी की सजा को कम करेंगे लेकिन जब उनसे आंकड़ों का हवाला देकर पूछा जाता है तो वो कुरान का हवाला देकर निकल जाते हैं. इसके पहले सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने कहा था कि देश मृत्युदंड के उपयोग को सीमित करेगा. 3 मार्च, 2022 को, द अटलांटिक के साथ एक इंटरव्यू में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था,'हमने मृत्युदंड की सजा को खत्म कर दिया है, सिवाए एक श्रेणी के और यह कुरान में लिखा है, भले ही हम कुछ करना चाहें तो भी हम इसके बारे में कुछ भी नहीं कर सकते हैं.' 

फिर भी, विशेष रूप से नशीली दवाओं के अपराधों के लिए तज़ीर पर आधारित फांसी की सजा में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. ये प्रिंस क्राउन की बात का सार्वजनिक खंडन करती है. नशीली ड्रग्स से संबंधित अपराधों के लिए मृत्युदंड को प्रतिबंधित करने वाले अंतरराष्ट्रीय कानून और उचित प्रक्रिया के बारे में संयुक्त राष्ट्र की बार-बार व्यक्त की गई चिंताओं के बावजूद, सऊदी अरब 2024 में ऐसे अपराधों के लिए लोगों को फांसी देने वाले केवल चार देशों में से एक रहा.

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