122 केस, 272 अरेस्ट… मुर्शिदाबाद में इंटरनेट बहाल, गवर्नर ने कहा- पूरा सपोर्ट

20 hours ago

Last Updated:April 18, 2025, 21:04 IST

Murshidabad Riots News: पुलिस के मुताबिक, मुर्शिदाबाद में हालात बिल्कुल ठीक हैं. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राहत शिविर में रह रहे पीड़ितों से मुलाकात की.

122 केस, 272 अरेस्ट… मुर्शिदाबाद में इंटरनेट बहाल, गवर्नर ने कहा- पूरा सपोर्ट

मुर्शिदाबाद: अस्थायी कैंपों में रखे गए पीड़ितों से मिले गवर्नर.

मुर्शिदाबाद: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में दंगों के बाद अब स्थिति थोड़ी संभली है. आगजनी और हमलों के बाद इंटरनेट बंद कर दिया गया था. उसे अब बहाल कर दिया गया है. पुलिस का दावा है कि सब कंट्रोल में है. जंगीपुर के एसपी आनंद रॉय ने बताया, ‘हमने अब तक 272 लोगों को गिरफ्तार किया है. 122 मुकदमे दर्ज हुए हैं. इंटरनेट सेवा अब बहाल कर दी गई है.’ लेकिन मुर्शिदाबाद हिंसा में जिनके घर जले, जिन्होंने अपनों को खोया… उनके लिए ये बस आंकड़े हैं.

राज्यपाल से मिलने पहुंचे पीड़ित

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस मालदा के आश्रय गृह पहुंचे. यहां मुर्शिदाबाद हिंसा से प्रभावित लोग रह रहे हैं. राज्यपाल ने कहा, ‘लोगों ने बताया कि उनके साथ मारपीट हुई, घर जलाए गए. वे अब घर लौटना चाहते हैं. हम उन्हें सुरक्षा देंगे.’ लोगों ने चीख-चीख कर बताया, ‘हमें पीटा गया, भगाया गया, हम क्या वापस जाएंगे, जब तक सुरक्षा की गांरटी नहीं मिलेगी?’

महिलाओं की आपबीती

राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहतकर ने भी कैंप का दौरा किया. उनके शब्द हैं, ‘महिलाओं ने जो बताया, वो रूह कंपा देने वाला है. यौन हिंसा, घर जलाना, गालियां… ये सब झेल चुकी हैं ये महिलाएं. कुछ की बच्चियां भी लापता हैं.’

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांता मजूमदार का आरोप साफ था, ‘TMC सब छिपा रही है. ममता सरकार ने जानबूझकर दंगे करवाए. ताकि वक्फ एक्ट पर उठ रहे सवालों से ध्यान हट जाए. 26,000 लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं.’

VHP की मांग, राष्ट्रपति शासन लगे

वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, ‘मुर्शिदाबाद की हिंसा सुनियोजित थी. प्रदर्शन पूरे देश में होते हैं. पर हिंदुओं पर हमले सिर्फ बंगाल में क्यों? ये सब बिना सत्ता के समर्थन के नहीं हो सकता. हम NIA जांच की मांग करते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ममता खुद मानती हैं कि इसमें बांग्लादेशी घुसे थे, फिर जांच से क्यों डर रही हैं? क्या वो चाहती हैं कि हमलावर बच जाएं? पीड़ितों की मदद करने आई संस्थाओं को भी रोक दिया गया. खाना तक नहीं बांटने दिया गया. क्या ये अमानवीयता नहीं है?’

जले घर, टूटी उम्मीदें

मालदा के कैंप में रह रहे कई परिवारों ने कहा, ‘हम गांव वापस नहीं जाएंगे. वहां हमारी बहनों के साथ जो हुआ, उसे हम नहीं भूल सकते. पुलिस आई थी, पर सब खत्म होने के बाद. जब घर जल रहे थे, कोई नहीं आया.’ सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर ये हिंसा सुनियोजित थी, तो खुफिया एजेंसियां कहां थीं? क्या किसी को भनक तक नहीं लगी? और अगर लगी, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

Location :

Murshidabad,West Bengal

First Published :

April 18, 2025, 21:04 IST

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