न तो परमाणु धमकी वाली बात सच और न ही... मिसरी ने ट्रंप के झूठ से उठाया पर्दा

3 hours ago

Last Updated:May 19, 2025, 19:24 IST

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ट्रंप के दावों को झूठा बताया, कहा न परमाणु हमले की धमकी थी, न सीजफायर में अमेरिका की भूमिका. सीजफायर की पहल पाकिस्तान ने की, भारत ने अकेले आतंकवाद का जवाब दिया.

न तो परमाणु धमकी वाली बात सच और न ही... मिसरी ने ट्रंप के झूठ से उठाया पर्दा

विदेश सच‍िव ने ट्रंप के सारे दावों को खार‍िज क‍िया.

हाइलाइट्स

विक्रम मिसरी ने ट्रंप के दावों को झूठा बताया.सीजफायर की पहल पाकिस्तान ने की, अमेरिका की भूमिका नहीं.भारत ने अकेले आतंकवाद का जवाब दिया.

पाक‍िस्‍तान के साथ सीजफायर पर अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप एक के बाद एक दावे कर रहे थे. कुछ लोग उनकी बातों को सच मानने लगे थे. लेकिन अब विदेश सच‍िव विक्रम मिसरी ने उनके एक-एक झूठ से पर्दा हटा द‍िया है. ट्रंप ने दावा क‍िया था क‍ि पाक‍िस्‍तान परमाणु हमला करने वाला था, इस वजह से उन्‍होंने भारत को जंग रोकने के ल‍िए मनाया. उन्‍होंने ये भी दावा क‍िया था क‍ि सीजफायर उन्‍होंने करवाया. वह भी ट्रेड खत्‍म करने की धमकी देकर. अब‍ विदेश सच‍िव ने संसद की स्थायी समिति के सामने एक एक सच से पर्दा हटाया. उन्‍होंने साफ कहा क‍ि न तो न तो पाकिस्तान की ओर से कोई परमाणु हमले की धमकी थी, और न ही सीजफायर में अमेरिका की कोई भूमिका रही.

ट्रंप ने हाल में सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सीजफायर कराया और एक संभावित न्यूक्लियर वॉर को रोका. उन्होंने इसे एक कूटनीतिक जीत की तरह पेश क‍िया, यह तक कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेता अब साथ बैठकर डिनर करेंगे. लेकिन भारत सरकार ने ट्रंप के इस दावे को झूठ और भ्रामक करार दिया है. विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने संसदीय समिति को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जो संघर्ष हुआ, वह पूरी तरह परंपरागत सैन्य स्तर पर था और कहीं से भी परमाणु हमले का कोई संकेत नहीं मिला.

सीजफायर की पहल पाकिस्तान ने की, अमेरिका कहीं नहीं था
मिसरी ने बताया कि सीजफायर की पहल पाकिस्तान की ओर से हुई, वह भी सैन्य स्तर पर. पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने भारतीय DGMO से संपर्क किया और संघर्ष विराम की बात कही. इस बातचीत में किसी भी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं थी, न अमेरिका की, न किसी अन्य की.

भारत का सख्त संदेश-कोई तीसरी पार्टी नहीं
विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के बयान के बाद स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी संवाद केवल दो मुद्दों पर ही हो सकता है. आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) की वापसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपने संबोधन में साफ कहा था कि भारत की नीति स्पष्ट है. आतंक का जवाब सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक और सख्त कार्रवाई है. इस घटनाक्रम से यह साफ हो गया कि डोनाल्ड ट्रंप ने जो दावा किया, वह राजनीतिक लाभ के लिए गढ़ी गई कहानी से अधिक कुछ नहीं था. न तो कोई परमाणु खतरा था और न ही अमेरिका ने किसी भी प्रकार की मध्यस्थता की. भारत ने अकेले दम पर आतंकवाद को जवाब दिया और सीजफायर की शर्तें भी पाकिस्तान ने खुद रखीं.

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Gyanendra Mishra

Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें

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