Last Updated:May 19, 2025, 21:35 IST

टी-72 टैंकों ने एलओसी पर पाकिस्तानी चौकियों को बहुत नुकसान पहुंचाया. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैन्य शक्ति को पूरी दुनिया ने देखा. इसकी अगुवाई भारतीय वायुसेना और एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम्स ने किया, जिसने पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइलों को उनके लक्ष्य से पहले ही मार गिराया, और दुश्मन के इलाके में अंदर तक हमला किया. हालांकि, भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दूसरी तरफ से किसी भी सीजफायर उल्लंघन की स्थिति में पाकिस्तानी सेना की चौकियों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई.
अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना की बख्तरबंद यूनिट्स ने सीजफायर तोड़ने की कोशिश से निपटने के लिए एलओसी के करीब टी-72 मुख्य युद्धक टैंकों को तैनात किया. इन टैंकों ने 7 से 10 मई की लड़ाई के दौरान कई पाकिस्तानी चौकियों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिसके वीडियो भी ऑनलाइन सामने आए. अधिकारियों ने कहा कि टैंकों के साथ-साथ मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री यूनिट्स ने भी किसी भी तरह की बढ़त से निपटने के लिए अपने प्लेटफॉर्म और सैनिकों को तैनात किया और इजाजत मिलने पर हमला किया.
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया. जब पाकिस्तान ने भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए अपने ड्रोन और मिसाइलों को भेजने की हिम्मत की, तो भारत की एयर डिफेंस सिस्टम्स ने दुश्मन के प्रोजेक्टाइल को उनके निर्धारित लक्ष्यों को भेदने से पहले ही हवा में मार गिराया.
इसके बाद भारत ने 11 पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिससे पाकिस्तानियों को घुटने टेकने पड़े और 10 मई को उन्हें “सीजफायर” पर बातचीत करनी पड़ी. भारत और पाकिस्तान ने सैन्य अभियानों को रोकने के लिए एक “समझौता” किया. हालांकि, भारत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी कि भविष्य में कोई भी आतंकी हमला “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा. फिलहाल सीमा पर दोनों ओर से शांति बनी हुई है.
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New Delhi,Delhi