Last Updated:May 08, 2025, 12:32 IST
SBI Story: इरादे अगर मजबूत हों, तो किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है. ऐसी ही कहानी एक महिला की है, जिन्होंने जिस बैंक में झाड़ू लगाया वहीं वह असिस्टेंट जनरल मैनेजर बन गई.

SBI Story: झाड़ू लगाने से बैंक में असिस्टेंट जनरल मैनेजर बनने तक का सफर पूरा किया.
हाइलाइट्स
बैंक में झाड़ू लगाने का काम किया है.17 में शादी, 20 में विधवा हुईं.SBI में सफाईकर्मी से AGM तक का सफर.SBI Story: कई बार कुछ कहांनियां केवल इंस्पायर ही नहीं बल्कि वे यह भी सिखाती हैं कि साहस, मेहनत और आत्मविश्वास से कोई भी असंभव लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. ऐसी ही कहानी एक महिला की है, जिन्होंने सफाईकर्मी से लेकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) बनने तक का अद्वितीय सफर तय किया है. जिनके बारे में हम बात कर रहे हैं, उनका नाम प्रतीक्षा टोंडवालकर है.
17 साल की उम्र में हो गई थी शादी
प्रतीक्षा की कहानी की शुरुआत कठिनाइयों से भरी थी. 17 साल की उम्र में आर्थिक मजबूरियों के चलते उन्होंने कक्षा 10वीं की पढ़ाई बीच में छोड़कर शादी कर ली. उनके पति सदाशिव कडू, मुंबई में SBI में बुकबाइंडर के पद पर कार्यरत थे. लेकिन महज 20 साल की उम्र में प्रतीक्षा विधवा हो गईं, जब एक दुर्घटना में उनके पति की मृत्यु हो गई. इस दुखद घटना के बाद उनके सामने आजीविका और बेटे की परवरिश की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई.
जीवन यापन के लिए सफाईकर्मी की नौकरी
शिक्षा पूरी न होने के कारण प्रतीक्षा को अच्छी नौकरी मिलना मुश्किल हो गया. उन्होंने SBI में सफाईकर्मी के रूप में काम करना शुरू किया, जहां उनका काम शौचालय और फर्नीचर की सफाई करना था. इस मेहनत के बदले उन्हें मात्र 60-65 रुपये महीना वेतन मिलता था. साथ ही वे घर की जिम्मेदारियां और बेटे की देखभाल भी अकेले संभाल रही थीं.
शिक्षा की ओर लौटना: नाइट कॉलेज में की पढ़ाई
कठिन समय में भी प्रतीक्षा ने हार नहीं मानी. उन्होंने मुंबई के विक्रोली स्थित नाइट कॉलेज में दाखिला लिया और अपनी 12वीं की परीक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने मनोविज्ञान में ग्रेजुएट की डिग्री भी हासिल की. इसी दौरान, उन्होंने खुद को पूरी तरह से बदलने और एक नई दिशा में आगे बढ़ने का निश्चय किया.
सफाईकर्मी से क्लर्क और फिर ऑफिसर बनने का सफर
अपनी पढ़ाई पूरी करने और बैंक में निरंतर मेहनत के चलते प्रतीक्षा को बैंक क्लर्क के पद पर पदोन्नति मिली. वर्ष 1993 में उन्होंने प्रमोद टोंडवालकर से दूसरी शादी की, जिन्होंने हर मोड़ पर उनका साथ दिया और बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रेरित किया. प्रतीक्षा ने मेहनत जारी रखी और जल्द ही ट्रेनी ऑफिसर बन गईं.
लोगों के लिए हैं प्रेरणा
प्रतीक्षा की लगन और समर्पण ने उन्हें सीजीएम और फिर एजीएम (Assistant General Manager) जैसे ऊंचे पद तक पहुंचा दिया. उनकी कहानी उन लाखों लोगों के लिए मिसाल हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सपनों को छोड़ने के बजाय, उन्हें साकार करने के लिए संघर्ष करते हैं. अगर इरादे मजबूत हों, तो किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है.
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पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...
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