3 महीने बढ़ गई यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम की डेडलाइन, कब तक कर सकते हैं चुनाव

4 hours ago

Last Updated:June 24, 2025, 10:10 IST

UPS vs NPS : केंद्र सरकार ने गारंटी वाली पेंशन स्‍कीम का चुनाव करने की डेडलाइन बढ़ाकर 30 सितंबर, 2025 कर दी है. इससे पहले तक इसकी डेडलाइन 30 जून रखी गई थी. वित्‍त मंत्रालय ने बताया कि कई हितधारकों ने इसकी डेडला...और पढ़ें

3 महीने बढ़ गई यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम की डेडलाइन, कब तक कर सकते हैं चुनाव

यूपीएस के तहत सरकार ने गारंटी वाली पेंशन देने का वादा किया है.

हाइलाइट्स

यूपीएस और एनपीएस की डेडलाइन 30 सितंबर तक बढ़ी.सरकारी कर्मचारियों को यूपीएस चुनने का मौका.अब तक 10 हजार कर्मचारियों ने यूपीएस चुना.

नई दिल्‍ली. वित्‍त मंत्रालय ने यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम (UPS) और नेशन पेंशन स्‍कीम (NPS) में से किसी एक का चुनाव करने की डेडलाइन 3 महीने और बढ़ा दी है. पहले इसका चुनाव करने की डेडलाइन 30 जून थी, जो अब बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई है. केंद्र सरकार ने यह डेडलाइन तमाम स्‍टेकहोल्‍डर्स की ओर से की गई डिमांड के बाद बढ़ाई है.

वित्‍त मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस में से किसी एक का चुनाव करने के लिए 3 महीने का समय और दिया है. ऐसे कर्मचारी जो अभी एनपीएस में अपना योगदान दे रहे हैं, अगर वे चाहें तो 30 सितंबर तक अपना फंड यूपीएस में ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके बाद कर्मचारियों को अपना विकल्‍प बदलने का अवसर नहीं दिया जाएगा और वे हमेशा एनपीएस में ही बने रहेंगे. सरकार ने 1 अप्रैल, 2025 से यूपीएस योजना को लागू किया है.

चुनाव नहीं करेंगे तो क्‍या होगा
यूपीएस के साथ जारी सुझावों में कहा गया कि केंद्रीय कर्मचारियों ने 30 सितंबर से पहले यूपीएस का चुनाव करना जरूरी है. इसमें बताया गया कि अगर कोई कर्मचारी इसमें फेल हो जाता है तो वह एनपीएस में ही बना रह जाएगा. इसका मतलब है कि अगर किसी ने यूपीएस का चुनाव नहीं किया तो उसे एनपीएस में ही माना जाएगा और रिटायरमेंट पर एनपीएस के हिसाब से ही पेंशन मिलेगी.

यूपीएस के लिए कौन से कर्मचारी योग्‍य

ऐसे सभी सरकारी कर्मचारी जिनकी सेवा की शुरुआत 1 अप्रैल, 2025 के बाद से शुरू हुई है, वे एनपीएस के बजाय यूपीएस का चुनाव कर सकते हैं. ऐसे केंद्रीय कर्मचारी जो 31 मार्च, 2025 के पहले ही रिटायर हो चुके हैं, उन्‍हें भी एनपीएस से यूपीएस में जाने का विकल्‍प मिलता है.

एनपीएस से कितना अलग है यूपीएस
एनपीएस में जहां कर्मचारियों की पेंशन पूरी तरह बाजार और उनकी ओर से निवेश किए गए पैसों पर निर्भर करती है, जिसमें सरकार की ओर से कोई गारंटी नहीं होती है. यूपीएस में सरकार रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 50 फीसदी पेंशन देने की गारंटी देती है. एनपीएस में कर्मचारी का योगदान 10 फीसदी और सरकार का 14 फीसदी रहता है. वहीं, यूपीएस में कर्मचारी का योगदान 10 फीसदी तो सरकार का 18 फीसदी योगदान रहता है.

सिर्फ 10 हजार ने चुनी स्‍कीम
केंद्र सरकार ने भले ही यूपीएस में गारंटी वाली पेंशन देने का वादा किया है, फिर इसका चुनाव करने में कर्मचारी बेहद हिचकिचा रहे हैं. अगर देखा जाए तो केंद्र सरकार के 23 लाख कर्मचारियों को यूपीएस के लिए योग्‍य माना जाता है, लेकिन 30 जून तक रखी गई पहली डेडलाइन तक महज 10 हजार कर्मचारियों ने ही यूपीएस का चुनाव किया है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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