Last Updated:June 24, 2025, 12:38 IST
Pahalgam terror attack: NIA ने पहलगाम आतंकी हमले में दो कश्मीरी नागरिकों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने लश्कर आतंकियों को पनाह, खाना और सुरक्षा बलों की जानकारी दी. ये मदद कुछ हजार रुपये में दी गई थी.

बड़े पैमाने पर कश्मीर ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने घरों और जंगलों की तलाशी ली.
हाइलाइट्स
दो कश्मीरी नागरिकों ने आतंकियों को दी पनाह और मदद.हमले से पहले सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी आतंकियों को दी गई.26 लोगों की हत्या के बदले में लिया सिर्फ कुछ हजार.जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस खौफनाक हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई, और अब यह साफ हो चुका है कि इसमें सिर्फ पाकिस्तान से आए आतंकवादी ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोग भी शामिल थे. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दो कश्मीरी लोगों– परवेज अहमद जोठर और बशीर अहमद जोठर, को गिरफ्तार किया है.
इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने पाकिस्तान से आए तीन लश्कर आतंकियों को न सिर्फ अपने ‘ढोक’ (पहाड़ी झोपड़ी) में दो दिन पनाह दी, बल्कि सुरक्षा बलों की तैनाती और इलाके की जानकारी भी दी. बदले में इन्हें मिले केवल “कुछ हजार रुपये”.
हमले से पहले की पूरी प्लानिंग में निभाई थी बड़ी भूमिका
सूत्रों की मानें तो परवेज और बशीर ने आतंकियों को 20 और 21 अप्रैल को अपने पहाड़ी झोपड़े में शरण दी थी. यहीं पर आतंकियों ने पूरी प्लानिंग की, कैसे हमला करना है, कब करना है और कहां से भागना है. इन दोनों ने हमलावरों को खाने-पीने का सामान, ठहरने की जगह और तकनीकी जानकारी दी.
NIA ने खुलासा किया है कि ये सिर्फ मददगार नहीं थे, बल्कि आतंक की साजिश में पूरी तरह शामिल थे. पुलिस और सेना की गश्त कब होती है, कितने सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, इन सब बातों की पूरी जानकारी इन्होंने आतंकियों को दी थी.
टूरिस्ट टारगेट थे, फिर भी जानकारी दी
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि हमले की जगह — बैसरन — उस वक्त टूरिस्टों से भरी हुई थी. परवेज और बशीर खुद भी उस इलाके में टट्टू चलाते थे और उन्हें अच्छी तरह पता था कि वहां आम लोग मौजूद हैं. फिर भी इन्होंने आतंकियों को पूरी डिटेल दी, कि पुलिस कहां तैनात है, सुरक्षा में कहां-कहां गैप है, और कब-कब चेकिंग नहीं होती.
सूत्रों का कहना है कि इन्हें पूरा अंदाज़ा था कि हमला टूरिस्टों पर होगा, फिर भी ये पीछे नहीं हटे. कुछ पैसों के लालच में इन्होंने 26 लोगों की जान जाने दी.
पूछताछ में बदलते रहे बयान
NIA की पूछताछ में इन दोनों ने पहले कहा कि उन्हें नहीं पता था कि हमले का निशाना टूरिस्ट होंगे. लेकिन जब सबूतों का दबाव बढ़ा — वीडियो फुटेज, तकनीकी सबूत और चश्मदीदों की गवाही — तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने आतंकियों की मदद की थी. और ये सब “चंद हजार रुपये” के लिए किया गया.
Location :
New Delhi,Delhi