Last Updated:September 14, 2025, 08:54 IST
STAR Supersonic Missile: भारत लगातार अपने डिफेंस सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है. मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए देसी तकनीक से नए वेपन भी डेवलप कर रहा है.

STAR Supersonic Missile: ग्लोबल कंडीशन को देखते हुए भारत अपने डिफेंस सिस्टम को लगातार मजबूत करने में जुटा है. डिफेंस साइंटिस्ट ने ऐसी मिसाइल डेवलप की है, जो जमीन से महज 100 मीटर की ऊंचाई पर मूव कर सकती है. ऐसे में किसी भी रडार या एयर डिफेंस सिस्टम के लिए इसे पकड़ पाना काफी मुश्किल होगा. देसी तकनीक से डेवलप सुपरसोनिक टार्गेट सिस्टम (STAR) तेजस जैसे फाइटर जेट की मारक क्षमता को और बढ़ाएगी. बता दें कि एचएएल तेजस के अपग्रेडेड वर्जन Mark-1A को बनाने में जुटा है. एयरफोर्स को जल्द ही इसकी डिलीवरी दी जानी है.
STAR को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह समुद्र की लहरों से महज 12 फ़ीट की ऊंचाई पर उड़ते हुए भी लक्ष्य को चुनौती दे सकता है. साथ ही यह जमीन से 100 मीटर से लेकर 10 किलोमीटर तक की ऊंचाइयों पर उड़ान भरने में सक्षम है. इस मिसाइल की रेंज 55 से 175 किलोमीटर तक की है. हाई-एल्टीट्यूड (30,000 फ़ीट से भी अधिक) से डाइविंग प्रोफ़ाइल जैसे जटिल हमले के मॉडलिंग की क्षमता इसे बेहद प्रभावशाली बनाती है.
मॉडर्न प्रोपल्सन सिस्टम
तकनीकी लिहाज से STAR का सबसे बड़ा आकर्षण इसका लिक्विड फ्यूल रैमजेट (LFRJ) प्रोपल्सन सिस्टम है, जो इसे पारंपरिक सॉलिड फ्यूल रॉकेट मोटर्स की तुलना में ज्यादा प्रभावी बनाता है. यह दो स्टेज वाली व्यवस्था पर काम करता है. यह टेक्नोलॉजी न केवल टार्गेटेड सिस्टम के परफॉर्मेंस को बढ़ाती है, बल्कि अगली पीढ़ी के सुपरसोनिक हथियारों के विकास के लिए भी आधार तैयार करती है. उल्लेखनीय है कि इससे संबंधित प्रोपल्शन तकनीकें Astra Mk3 जैसे एयर-टू-एयर मिसाइल प्रोग्राम की तरह है.
तेजस को देगी ताकत
STAR का मॉड्यूलर आर्किटेक्चर इसे दो प्रमुख वेरिएंटों में उपलब्ध कराता है. यह एक एयर प्रोपल्सन वर्जन है, जिसे तेजस जैसे लड़ाकू विमानों से लॉन्च किया जा सकेगा, जिससे एयर-टू-एयर और एयर-टू-ग्राउंड के साथ-साथ एंटी-रेडिएशन और एंटी-AWACS रोल का भी अभ्यास संभव होगा. दूसरा ग्राउंड-लॉन्च वेरिएंट है, जिसमें अतिरिक्त बूस्टर स्टेज जोड़कर वाहन या अन्य प्लेटफॉर्म से लॉन्चिंग की सुविधा रहेगी. यह विविधता कठोर तथा दूरस्थ क्षेत्रों में प्रशिक्षण संचालन को किफायती और लचीला बनाती है. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में STAR का महत्व सिर्फ तकनीकी नहीं, आर्थिक भी है. महंगे आयातित टार्गेट सिस्टम व सिमुलेशन को बदलकर यह प्रणाली घरेलू संसाधनों पर निर्भरता घटाएगी और प्रशिक्षण लागत में कमी लाएगी. स्वदेशी उत्पादन क्षमता में वृद्धि से रक्षा उद्योग को दीर्घकालिक लाभ होंगे तथा निर्यात संभावनाएं भी जन्म लेंगी. DRDO ने STAR को Phase-III विकास चरण तक पहुंचाया है, जो इसे और पावरफुल और एडवांस बनाता है. अब इसका सीमित उत्पादन जल्द ही आरम्भ होने की उम्मीद जताई जा रही है.
रडार को टार्गेट बनाने में सक्षम
डिफेंस एक्सपर्ट का मानना है कि STAR मात्र प्रशिक्षण उपकरण नहीं रहेगा. इसके तकनीकी आधार का विकास भविष्य में इसे वास्तविक सामरिक हथियार के रूप में बदलने की राह खोलता है. विशेषकर उन मिशनों के लिए जो शत्रु के रडार व सर्विलांस प्लेटफ़ॉर्म को निशाना बनाते हैं. यदि STAR अपने उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन करता है, तो यह ब्रह्मोस जैसे मौजूदा सुपरसोनिक सिस्टम के समकक्ष या श्रेष्ठ कुछ पहलुओं में खरा उतर सकता है. TRI-Service (थ्री-सर्विस) तैयारियों के लिए भी यह बेहतर साबित हो सकता है. STAR प्रोजेक्ट न सिर्फ तकनीकी सफलता की मिसाल है, बल्कि यह भारत की रक्षा नीति में स्वदेशी नवाचार और रणनीतिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम भी है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 14, 2025, 08:52 IST