Last Updated:September 14, 2025, 23:32 IST
Banke Bihari Mandir Vrindavan: वृंदावन स्थित विश्वप्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का खजाना 54 साल बाद अब फिर से खुलेगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईपावर कमेटी की निगरानी में मंदिर के गर्भगृह के नीचे बने "तोषखाने" को खोला जाएगा, जिसकी पूरी वीडियोग्राफी भी की जाएगी. जानिए क्या है खजाने में और क्यों है यह फैसला श्रद्धालुओं के लिए बेहद खास.

वृंदावन: विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में फैली अव्यवस्थाओं और सुरक्षा के लिहाज से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईपावर कमेटी ने अपनी अब तक की 5 बैठकों में श्रद्धालुओं के लिए 9 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए हैं. इनमें सबसे बड़ा और ऐतिहासिक फैसला मंदिर के तोषखाने (खजाना) को खोलने को लेकर लिया गया है, जो पूरे 54 साल बाद खोला जाएगा.
खजाना खुलेगा वीडियोग्राफी के साथ
मंदिर के गर्भगृह के नीचे बने तोषखाने को खोलने के लिए एक विशेष कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी में एक ऑडिटर, सिविल जज, एसीएम वृंदावन, सीओ वृंदावन और गोस्वामी समाज का प्रतिनिधि सदस्य होंगे. तोषखाना खोलते समय पूरी वीडियोग्राफी होगी और उसकी रिपोर्ट संयुक्त हस्ताक्षर के साथ हाईपावर कमेटी को सौंपी जाएगी.
क्या है खजाने में?
बांके बिहारी जी के खजाने में शामिल हैं:
– पन्ना का मोरनी हार
– सहस्त्र फनी रजत शेषनाग
– स्वर्ण कलश में रखे गए नवरत्न
– दुर्लभ आभूषण व गहने
यह खजाना आखिरी बार साल 1971 में खोला गया था, जिसके बाद कई बेशकीमती आभूषण बैंक में जमा कर दिए गए थे.
क्या बोले मंदिर इतिहासकार?
मंदिर के इतिहासकार आचार्य प्रह्लाद वल्लभ गोस्वामी के अनुसार, तोषखाने का निर्माण वर्ष 1864 में वैष्णव परंपरा के तहत करवाया गया था. यह मंदिर की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर का अहम हिस्सा है. उन्होंने बताया कि यह तोषखाना मंदिर के गर्भगृह में श्री बांके बिहारी जी महाराज के सिंहासन के ठीक नीचे है.
संपत्ति का विवरण भी मांगा गया
हाईपावर कमेटी ने यह भी निर्देश दिया है कि मंदिर के पास कितनी चल व अचल संपत्ति है, इसका पूरा विवरण 15 दिनों के भीतर प्रस्तुत किया जाए. साथ ही, 2013 से 2016 के बीच की अवधि का विशेष ऑडिट भी कराया जाएगा.
सुरक्षा और संरचना की होगी समीक्षा
अब मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी निजी गार्ड्स के बजाय पूर्व सैनिकों या नामचीन सिक्योरिटी एजेंसी को सौंपी जाएगी. आईआईटी रुड़की से मंदिर की संरचना और भवन की मजबूती के लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट कराया जाएगा.
राहुल गोयल सीनियर पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. साल 2011 में पत्रकारिता का सफर शुरू किया. नवभारत टाइम्स, वॉयस ऑफ लखनऊ, दैनिक भास्कर, पत्रिका जैसे संस्थानों में काम करने का अनुभव. सा...और पढ़ें
राहुल गोयल सीनियर पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया 16 साल से ज्यादा का अनुभव है. साल 2011 में पत्रकारिता का सफर शुरू किया. नवभारत टाइम्स, वॉयस ऑफ लखनऊ, दैनिक भास्कर, पत्रिका जैसे संस्थानों में काम करने का अनुभव. सा...
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Location :
Vrindavan,Mathura,Uttar Pradesh
First Published :
September 14, 2025, 23:02 IST
54 साल से बंद है बांके बिहारी मंदिर का खजाना, क्या है अंदर? जो खींच रहा ध्यान