-60 डिग्री किट, किट, किट... यहां जमीन ही नहीं है, याकू कैसे बन जाता है धरती का सबसे ठंडा शहर?

1 hour ago

हम आप 2-4 डिग्री में कांपने लगते हैं. दांत किटकिटाने लगते हैं. क्या आप जानते हैं कि धरती पर सबसे ठंडा शहर कहां है, जहां इंसान रहते हैं. वहां का तापमान -60 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है. भारी बर्फबारी और बर्फीली हवाओं से लोगों की जिंदगी घर में बंद हो चुकी है. स्कूल बंद हैं. रोजमर्रा की जरूरत की चीजें प्रशासन जुटा रहा है. ये शहर न सियाचिन में है, न अंटार्कटिका या अलास्का में. दुनिया का मैप देखेंगे तो इसकी लोकेशन रूस के याकूत्स्क (याकू) में दिखाई देगी. उत्तर भारतीय जिस समय सर्दी के पीक की तरफ बढ़ रहे हैं, यह जानना दिलचस्प है कि याकू में इतनी सर्दी कैसे पड़ती है. क्या वहां की बर्फ कभी पिघलती नहीं है? क्या वहां जमीन नहीं है? 

जी हां, यहां ठंड काफी ज्यादा समय तक रहती है. याकू के ओमाक्यू गांव को सबसे ठंडा माना जाता है. गर्मी के सीजन में भी यहां सर्दी पड़ती है. कुछ दिनों के लिए ही पारा 15-20 डिग्री सेल्सियस तक जाता होगा. सर्दी के दिनों में बुजुर्गों को अंदर ही रखा जाता है. कुछ जगहों पर ऐसी बर्फ गिरती है कि गेट खोलना भी संभव नहीं होता. सड़कें बंद हो गई हैं. तेज हवाओं और बंद सड़कों के चलते राहत सामग्री भी देर से आती है. लोगों को बाहर निकलने से मना किया जा रहा है. यहां जिंदगी एक जंग है. fallback

FAQ: याकू दुनिया का सबसे ठंडा शहर कैसे बनता है?

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1. याकुत्स्क की लोकेशन मैप में फिर से देखिए. भूमध्य रेखा से उत्तर की तरफ यह जगह काफी दूर है. मतलब सूरज की रोशनी बहुत कम मिल पाती है. इससे सूरज की गर्मी से इलाका गर्म नहीं हो पाता. 

2. यह क्षेत्र समुद्र के असर से दूर है. हां, प्रशांत महासागर से यह 1000 किमी दूर है. इस कारण महासागर का असर यानी सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में ठंडक वाला प्रभाव यहां नहीं पड़ता. 

3. साइबेरिया की उच्च दबाव प्रणाली आर्कटिक हवा को बनाए रखती है. आर्कटिक से बर्फीली हवाएं साइबेरिया में बनी रहती हैं. यहां का मौसम ऐसा बन जाता है कि सर्दियों में बहुत कम धूप और बहुत कम दिन के लिए गर्मियों का मौसम आता है. 

-56°C has been recorded in Yakutia — the lowest temperature on Earth right now.
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— World of Statistics (@stats_feed) December 25, 2025

4. यहां कह सकते हैं कि जमीन है ही नहीं. हां, जमीन पर तो  बर्फ ही जमी रहती है. इससे गर्मी जमीन में नहीं जा पाती और काफी ज्यादा ठंड बनी रहती है.

5. पर्वतीय क्षेत्र होने के कारण गर्म हवाएं नहीं पहुंच पाती हैं और यह क्षेत्र अलग-थलग पड़ जाता है. 

6. सर्दी के मौसम में तापमान में काफी उतार-चढ़ाव देखा जाता है जिससे यह नैचुरली आइस-बॉक्स बन जाता है. 

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