Last Updated:September 16, 2025, 11:59 IST
असम सिविल सर्विसेज की एक अधिकारी अकूत खजाने की मालिक निकली है. अवैध कामों के लिए मशहूर सरकारी अफसर नूपुर बोरा के घर धन-संपत्ति के अथाह भंडार मिले हैं. मुख्यमंत्री की विजिलेंस टीम उनके गुवाहाटी स्थित सरकारी आवास पर छापा मारा था.

सवाल- सरकारी अफसर क्यों बनना है? जवाब- देश और जनता की सेवा करना चाहता/चाहती हूं. ये सवाल और जवाब अक्सर सरकारी अधिकारी खास कर सिविल सर्विसेज के इंटरव्यू में पूछे जाते हैं. हालांकि, इसके असल जिंदगी में कुछ ही अफसर लागू कर पाते हैं. पैसों और पावर की लालसा में सारी हदें पार कर जाते हैं. हम ऐसा कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं… मगर, अखबार और न्यूज के पन्नों या वेबसाइट को खंगालेंगे तो पता चलेगा कि कितने सरकारी बाबू अकूत संपत्ति कूटने में लगे हुए हैं. ऐसा ही मामला है असम के नूपुर बोरा की. असम सिविल सेवा (एसीएस) अधिकारी नूपुर बोरा के पास से कुबेर का खजाना मिला है. असम पुलिस के मुख्यमंत्री की सतर्कता टीम ने सोमवार उनके सरकारी आवास से करोड़ों की अवैध संपत्ति जब्त की थी.
सोमवार को असम सिविल सर्विस की सर्किल अफसर 2019 बैच की अधिकारी पर अवैध काम करने का आरोप लगा है. उनपर 6 महीने से विजिलेंस की नजर बनाए हुए थी. सोमवार को उनके घर से छापेमारी में 2 करोड़ तक की अवैध संपत्ति बरामद हुई है. लगभग ₹90 लाख नकद और ₹1 करोड़ से ज़्यादा मूल्य के सोने के आभूषण ज़ब्त किए. बरामद सामान की कुल कीमत ₹2 करोड़ आंकी गई है. एक नॉर्मल सरकारी अफसर के घर इतने पैसे देखकर विजिलेंस की टीम भी हैरान रह गई.
6 महीनों से रडार पर
इसके बारे में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने खुलासा किया कि नूपुर बोरा पिछले छह महीनों से निगरानी में थीं. बारपेटा ज़िले में सर्किल ऑफिसर के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कथित तौर पर संदिग्ध लोगों को पैसे लेकर अवैध रूप से बसाने का काम कर रही थीं. ये वहीं लोग हैं जिनको मुख्यमंत्री ने ‘मियां‘ कहा था.
तीन ठिकानों पर रेड
छापेमारी पहले रविवार रात को होने वाली थी. हालांकि, नूपुर के घर पर ना होने और कथित तौर पर एक गेस्ट हाउस में रहने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा. यह कार्रवाई सोमवार सुबह उनके घर लौटने पर की गई. छापेमारी उनके गुवाहाटी स्थित आवास से शुरू हुई और बाद में उनसे जुड़े तीन अन्य ठिकानों पर भी की गई. मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों को अधिकारी की गतिविधियों की पूरी जानकारी थी. वे महीनों से उस पर कड़ी नजर रख रहे थे.
रेट कारेड तय था
शिवसागर विधायक अखिल गोगोई के नेतृत्व वाले स्थानीय कार्यकर्ता समूह कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) ने अधिकारी के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में आरोप लगाया गया कि वह विभिन्न भूमि-संबंधी सेवाओं के लिए एक विस्तृत “रेट कार्ड” रखती थीं. शिकायत के अनुसार, रिश्वत की रकम जमीन के नक्शे के लिए ₹1,500 से लेकर जमीन के रिकॉर्ड में नाम जोड़ने या रद्द करने के लिए ₹2 लाख तक थी.
अभी और भी राज हैं
छापेमारी का नेतृत्व करने वाली सीएम विजिलेंस की एसपी रोज़ी कलिता ने पुष्टि की कि अधिकारी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. उन्होंने कहा कि ज़ब्त की गई नकदी और गहने एक प्रारंभिक कार्रवाई का हिस्सा थे. आगे की जांच में और भी चौंकाने वाले खुलासे और सबूत मिल सकते हैं.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 16, 2025, 11:50 IST