Last Updated:April 27, 2025, 10:14 IST
पुलवामा हमले के बाद बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ पाकिस्तानी रेंजर्स के कब्जे में हैं. उनकी गर्भवती पत्नी रजनी शॉ पति को छुड़ाने पठानकोट जा रही हैं. तीन फ्लैग मीटिंग बेनतीजा रही.

भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की तेज होती आहट के बीच बीएसएफ जवान पूर्णम शॉ की जिंदगी वहां पाकिस्तानी रेंजर्स के कब्जे में है.
हाइलाइट्स
बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ पाकिस्तानी रेंजर्स के कब्जे में हैं.उनकी गर्भवती पत्नी रजनी शॉ पति को छुड़ाने पठानकोट जा रही हैं.तीन फ्लैग मीटिंग बेनतीजा रही, रजनी ने 2000 किमी का सफर शुरू किया.पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की तेज होती आहट के बीच एक बीएसएफ जवान की जिंदगी वहां पाकिस्तानी रेंजर्स के कब्जे में है. इस बीएसएफ जवान का नाम पूर्णम कुमार शॉ है, जिन्हें पाकिस्तान के चुंगल में फंसे 3 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं. उसे छुड़ाने के लिए बीएसएफ अधिकारी दो दौर की बातचीत कर चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान रेंजर्स उसे छोड़ने के लिए तैयार नहीं.
अब पूर्णम की पत्नी रजनी शॉ अपने पति को छुड़वाने के लिए एलओसी के सफर पर निकल पड़ी हैं. रजनी तीन महीने की गर्भवती हैं. वह रविवार रात अमृतसर मेल के जरिये पश्चिम बंगाल के हुगली से कश्मीर के करीब 2000 किलोमीटर लंबी यात्रा पर रवाना हो गईं. वह पठानकोट स्थित बीएसएफ बेस जाएंगी, जहां उन्हें अपने पति के बारे में कुछ सूचना मिलने की उम्मीद है. उनके साथ इस सफर पर उनके पांच रिश्तेदार भी हैं.
‘पति के बारे में कुछ नहीं पता’
रजनी ने कहा, ‘हां, मैं गर्भवती हूं, लेकिन मेरी प्राथमिकता अपने पति के बारे में जानकारी हासिल करना है. चार दिन बीत चुके हैं, और अब तक उनके रेस्क्यू का कोई संकेत नहीं मिला है. मुझे नहीं पता कि पाकिस्तान में उन्हें खाना-पानी मिल रहा है या नहीं.’
रजनी ने बताया कि उनके सास-ससुर भी साथ जाना चाहते थे, लेकिन उनकी खराब सेहत को देखते हुए उन्हें घर पर ही रहने को कहा गया. उन्होंने कहा, ‘मैं जानती हूं कि पठानकोट जाकर भी हो सकता है कि सारी जानकारी न मिले, लेकिन कम से कम मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश करना चाहती हूं. बीएसएफ अधिकारी फ्लैग मीटिंग्स की बातें कर रहे हैं, लेकिन मुझे सटीक जानकारी नहीं दे रहे हैं.’
वह कहती हैं, ‘अगर बीएसएफ ऑफिस से भी मुझे कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली, तो मैं दिल्ली जाऊंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय जाकर अपने पति को वापस लाने की अपील करूंगी.’
पाक रेंजर्स के कब्जे में कैसे आए पूर्णम
परिवार ने बताया कि बढ़ते भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच पूर्णम शॉ की सुरक्षा को लेकर चिंता और बढ़ गई है. पूर्णम पहले जम्मू-कश्मीर में तैनात थे और कुछ समय के लिए घर छुट्टी पर आए थे. होली की छुट्टी में वे घर आए थे. इसके बाद उन्होंने ड्यूटी जॉइन की और उनकी पोस्टिंग पंजाब के पठानकोट में हुई. वहां ड्यूटी के दौरान जब वे शारीरिक रूप से अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, तो एक पेड़ की छाया में बैठकर आराम करने लगे. तभी पाक रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया. तब से उनके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल रही है.
पूर्णम को छुड़ाने के लिए बीएसएफ और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच अब तक तीन फ्लैग मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन अब तक उनकी रिहाई को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. उधर सरेमपुर से तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने भी इस मुद्दे पर बीएसएफ के डीजी दलजीत चौधरी से बातचीत की. उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा, ‘डीजी ने आश्वासन दिया है कि सरकार की सभी एजेंसियां शॉ की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयासरत हैं और पाकिस्तान समय तो ले रहा है, लेकिन उम्मीद है कि वे जल्द उन्हें सौंप देंगे.’
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 27, 2025, 10:14 IST