Last Updated:September 09, 2025, 12:10 IST
भारत और इजरायल के बीच 5 अरब डॉलर का एक बड़ा समझौता है. इजरायल ने इस डील को बेहद खास करार दिया है. गाजा में हमले को लेकर कई देशों से दबाव झेल रहे इस यहूदी देश के लिए यह समझौता बड़ी राहत की तरह देखा जा रहा है.

भारत और इजरायल के बीच सोमवार को एक बड़ा समझौता हुआ. नई दिल्ली में आयोजित समारोह में भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इजरायलीय वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच ने इस निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते को दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और निवेश बढ़ाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. इसका मकसद निवेशकों को विश्वास दिलाना, कारोबारी माहौल को और आसान बनाना और दोनों देशों के बीच नवाचार, बुनियादी ढांचा विकास, वित्तीय विनियमन और डिजिटल सेवाओं के व्यापार जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाना है.
इस समझौते के तहत निवेशकों को आपसी सुरक्षा, निष्पक्ष व्यवहार और गैर-भेदभाव की गारंटी दी गई है. इसके साथ ही स्वतंत्र विवाद निपटान के लिए मध्यस्थता (Arbitration) का प्रावधान भी जोड़ा गया है. इससे खासकर इजरायली निवेशकों को भारत में किसी बदलाव या संपत्ति खरीद जैसी परिस्थितियों में सुरक्षा मिलेगी.
इजरायल के वित्त मंत्री स्मोट्रिच ने कहा, ‘यह एक रणनीतिक कदम है जो भारतीय और इजरायली निवेशकों के लिए नए दरवाजे खोलेगा, इजरायली निर्यात को मजबूती देगा और दोनों देशों के व्यवसायों को निश्चितता और विकास के लिए नए उपकरण प्रदान करेगा. भारत एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है और यह सहयोग हमारे लिए अपार अवसर लेकर आया है.’
OECD देश से भारत का पहला समझौता
इजरायल ने भारत के साथ हुए इस समझौते को बेहद खास करार दिया है. किसी OECD देश के साथ भारत का पहला समझौता है. OECD ऐसे देशों का समूह हैं, जो आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development) के सदस्य हैं. इसमें 38 सदस्य देश हैं, जो मुख्य रूप से यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया-प्रशांत क्षेत्र से हैं, जिनमें इजरायल भी शामिल है. इससे पहले भारत ने 2024 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और उज्बेकिस्तान के साथ भी निवेश समझौते किए थे.
स्मोट्रिच रविवार रात एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत पहुंचे. इस दल में इजरायली वित्त मंत्रालय के मुख्य अर्थशास्त्री शमुएल अब्रैमज़ोन, अकाउंटेंट जनरल याली रोथेनबर्ग और महानिदेशक इलान रोम शामिल हैं. इसके अलावा इजरायल सिक्योरिटीज अथॉरिटी के चेयरमैन सेफी सिंगर भी मौजूद रहे.
वैश्विक दबाव के बीच इजरायल को राहत
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समझौते के बाद रोथेनबर्ग ने कहा, ‘भारत के साथ यह साझेदारी हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा इंजन है. बुनियादी ढांचा, नवाचार और वित्तीय बाजार के विकास में मिलकर काम करना आर्थिक अवसरों को बढ़ाने और रणनीतिक संबंधों को गहराई देने का मजबूत आधार है.’
यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब गाज़ा युद्ध को लेकर ब्रिटेन, फ्रांस समेत कई देश इजरायल से आर्थिक संबंध पर विराम लगाने की धमकी दे रहे हैं और वैश्विक निवेश फंड इजरायली संपत्तियों से पैसा निकाल रहे हैं. ऐसे माहौल में भारत जैसा बड़ा और भरोसेमंद साझेदार इजरायल को नया आर्थिक सहारा देगा.
भारत-इजरायल के बीच मजबूत होते रिश्ते
भारत और इजरायल के संबंध पिछले कुछ वर्षों में लगातार मजबूत हुए हैं. कृषि, विज्ञान, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में पहले से ही कई सहयोगी परियोजनाएं चल रही हैं. अब दोनों देश जल प्रबंधन, फिनटेक, निर्माण और बुनियादी ढांचा जैसे नए क्षेत्रों में भी साझेदारी बढ़ाना चाहते हैं.
भारत आज दुनिया की सबसे बड़ी आबादी और पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसकी जीडीपी करीब 3.9 ट्रिलियन डॉलर है. इजरायल के लिए चीन के बाद भारत एशिया का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.
भविष्य का रास्ता
2024 में भारत-इजरायल के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 5 अरब डॉलर तक पहुंच गया था. इसमें 2.5 अरब डॉलर का इजरायली निर्यात, 1 अरब डॉलर का हीरा व्यापार और 1.5 अरब डॉलर का भारत से इजरायल को निर्यात शामिल था.
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि यह निवेश समझौता भारत और इजरायल के बीच भविष्य के मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा. इस साल की शुरुआत में इजरायल के अर्थव्यवस्था मंत्री नीर बारकाट एक बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आए थे, ताकि लंबे समय से लंबित FTA वार्ताओं को आगे बढ़ाया जा सके.
अमेरिका-भारत-इजरायल कॉरिडोर पर नजर
यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के साथ मिलकर एक बड़े व्यापारिक कॉरिडोर को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. इस प्रस्तावित रेल और शिपिंग कॉरिडोर के जरिए भारत को मध्य पूर्व, यूरोप और अमेरिका से जोड़ा जाएगा. यह पहल बाइडेन प्रशासन ने शुरू की थी, जिसे अब ट्रंप सरकार नए सिरे से गति दे रही है.
रक्षा क्षेत्र में सहयोग
भारत और इजरायल के रिश्ते सिर्फ कारोबार तक सीमित नहीं हैं. इजरायल भारत को सैन्य साजोसामान देने वाला चौथा सबसे बड़ा सप्लायर है. रक्षा सहयोग को और गहरा करने के लिए हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्रालय के महानिदेशक अमीर बराम ने भारत का दौरा किया था. इससे पहले पर्यटन मंत्री हैम काट्ज़ और कृषि मंत्री एवी डिक्टर भी भारत आ चुके हैं.
भारत और इजरायल का यह निवेश समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों में एक नया अध्याय है. यह न सिर्फ निवेशकों को सुरक्षा और भरोसा देगा बल्कि नवाचार, बुनियादी ढांचा, डिजिटल सेवाओं और वित्तीय बाजार के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा. बदलते वैश्विक हालात में यह साझेदारी दोनों देशों के लिए आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 09, 2025, 12:04 IST