Last Updated:September 03, 2025, 05:56 IST
S-400 Missile Systems: भारत का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर में गेम-चेंजर साबित हुआ. इसने पाकिस्तान के हौसले पस्त कर दिए. अब उसी एस-400 को और बढ़ाने की बात हो रही है. रूस का कहना है कि भारत संग उसकी बा...और पढ़ें
S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर में गेम-चेंजर साबित हुआ.S-400 Missile Systems: भारत के एस-400 डिफेंस सिस्टम का लोहा दुनिया मान चुकी है. पाकिस्तान तो इसका स्वाद चख चुका है. ऑपरेश सिंदूर के वक्त एस-400 डिफेंस सिस्टम ने तो शहबाज-मुनीर की नींद उड़ा दी. पाकिस्तान के हर वार को भारत के एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने ध्वस्त कर दिया. अब उसी एस-400 को लेकर नई जानकारी सामने आई है. अगर सबकुछ सही रहा तो भारत की झोली में एस-400 की नई खेफ होगी. जी हां, रूस का कहना है कि वह भारत को और अधिक एस-400 मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति के लिए बातचीत कर रहा है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, मास्को और नई दिल्ली भारत को रूसी एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम की आपूर्ति बढ़ाने पर बातचीत कर रहे हैं. रूसी TASS समाचार एजेंसी ने मंगलवार देर रात एक सीनियर रूसी रक्षा निर्यात अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी. बता दें कि भारत ने रूस से ही एस-400 ली है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में इस एयर डिफेंस सिस्टम ने अहम भूमिका निभाई.
नई खेप पर बातचीत जारी
TASS ने रूस की फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन के प्रमुख दिमित्री शुगायेव के हवाले से कहा कि भारत के पास पहले से ही हमारा S-400 सिस्टम है. इस क्षेत्र में हमारे सहयोग को बढ़ाने की संभावना है. इसका मतलब है नई आपूर्ति. फिलहाल, हम बातचीत के चरण में हैं.
चीन-पाक से निपटने के लिए जरूरी है एस-400
दरअसल, भारत ने साल 2018 में रूस के साथ पांच S-400 ट्रायम्फ लंबी दूरी की सतह-से-हवा मिसाइल सिस्टम के लिए 5.5 बिलियन डॉलर का सौदा किया था. इसे लेकर नई दिल्ली का मानना है कि चीन और पाकिस्तान से खतरे का मुकाबला करने के लिए उसे एस-400 की आवश्यकता है. हालांकि, इन एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति में कई बार देरी हुई है. म्मीद है कि मास्को 2026 और 2027 में भारत को अंतिम दो एस-400 डिफेंस सिस्टम की इकाइयां प्रदान करेगा.
रूस ही है हथियारों वाला भी दोस्त
इस बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को व्लादिमीर पुतिन से कहा कि भारत और रूस कठिन समय में भी एक साथ खड़े हैं. वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एससीओ यानी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान पीएम मोदी को अपना ‘प्रिय मित्र’ कहा. वहीं, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2020-2024 के बीच भारत के हथियार आयात में रूस का हिस्सा 36% था, जबकि फ्रांस ने 33% और इजराइल ने 13 फीसदी की आपूर्ति की.
अभी कितेन और कहां हैं एस-400?
एस-400 मिसाइल सिस्टम एक तरह से भारत का ब्रह्मास्त्र ही है. भारत ने रूस से पांच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदे हैं. इनमें से तीन स्क्वाड्रन मिल चुके हैं. ये पंजाब, लद्दाख, और सिलीगुड़ी कॉरिडोर में तैनात हैं, जो पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. चौथा स्क्वाड्रन 2025 के अंत तक और पांचवां 2026 में मिलेगा. इनकी रेंज 400 किमी तक है, जो हवाई खतरों को प्रभावी ढंग से रोकता है. अब अगर भारत और रूस के बीच पर्दे के पीछे बातचीत चल रही है तो जाहिर है आने वाले दिनों करार होगा. अगर ऐसा होता है तो फिर भारत के हर कोने में एस-400 तैनात होगा. इस एयर डिफेंस सिस्टम के सामने एफ-35 और एफ-16 भी फेल हो जाएंगे.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
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First Published :
September 03, 2025, 05:52 IST

1 month ago
