Last Updated:March 22, 2025, 08:48 IST
Google Jobs: हर एंप्लॉई किसी भी कंपनी में जॉइनिंग के समय ही नोटिस पीरियड के नियम भी चेक कर लेता है. किसी कंपनी से रिजाइन देने के बाद वाले समय को नोटिस पीरियड कहा जाता है. सभी छोटी-बड़ी कंपनियों की तरह गूगल ने भ...और पढ़ें

Notice Period in Google: गूगल में नोटिस पीरियड के अपने नियम हैं
हाइलाइट्स
गूगल में नोटिस पीरियड 30 से 60 दिन का होता है.सीनियर मैनेजमेंट के लिए नोटिस पीरियड 60-90 दिन हो सकता है.नोटिस पीरियड के दौरान पूरी सैलरी मिलती है.नई दिल्ली (Google Jobs, Notice Period). हर कंपनी के अपने नियम-कायदे होते हैं. एक इंटर्न से लेकर हाई मैनेजमेंट रोल वाले एंप्लॉई तक, सभी इनका पालन करते हैं. कंपनी में रहने के दौरान से लेकर वहां से रिजाइन करने तक के भी खास नियम होते हैं. गूगल में भी ऐसा ही है. गूगल की नौकरी काफी चार्मिंग है. अच्छी सैलरी के साथ कई तरह की सुख-सुविधाएं भी मिलती हैं. हालांकि उससे बेहतर ऑफर मिल जाने पर लोग गूगल की नौकरी भी छोड़ देते हैं.
किसी कंपनी से रिजाइन करने के बाद एंप्लॉई को नोटिस पीरियड सर्व करना होता है. नोटिस पीरियड के नियम कंपनी और देश के श्रम कानूनों (Labor Laws) पर निर्भर करते हैं. ये नियम कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों के लिए लागू हो सकते हैं. इन नियमों के बारे में एंप्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट (Employment Contract) में स्पष्ट रूप से लिखा जाता है. मन में नोटिस पीरियड को लेकर कोई भी सवाल होने पर उसे जॉइनिंग के समय ही पूछ लेना चाहिए.
Notice Period Rules: नोटिस पीरियड के सामान्य नियम
आमतौर पर हर कंपनी अपने नियम खुद सेट करती है (Notice Period Meaning). लेकिन कुछ नियम लगभग हर रजिस्टर्ड कंपनी पर लागू होते हैं. जानिए नोटिस पीरियड के कुछ ऐसे सामान्य नियम, जो सभी कंपनियों पर लागू हैं.
अवधि:नोटिस पीरियड की अवधि आमतौर पर 15 दिन, 1 महीने, 2 महीने या 3 महीने तक हो सकती है. यह आपके पद, अनुभव और कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है.
उदाहरण: जूनियर लेवल के लिए 30 दिन, सीनियर लेवल के लिए 60 दिन. लिखित सूचना:
नौकरी छोड़ने की सूचना आमतौर पर लिखित रूप में (ईमेल या रिजाइनेशन लेटर) देनी होती है. इसमें नोटिस पीरियड शुरू होने की तारीख और लास्ट वर्किंग डे की जानकारी जरूर होनी चाहिए. इससे बाद में किसी भी परेशानी से बचा जा सकता है. काम करना:
नोटिस पीरियड के दौरान सामान्य रूप से काम करना पड़ता है, जब तक कि कंपनी आपको पहले रिलीव न कर दे. कुछ मामलों में, कंपनी ‘Garden Leave’ का विकल्प दे सकती है, जहां आपको काम नहीं करना पड़ता, लेकिन आप तकनीकी रूप से अभी भी कर्मचारी रहते हैं. सैलरी:
नोटिस पीरियड के दौरान भी पूरी सैलरी मिलती है. अगर आप नोटिस पीरियड पूरा नहीं करते हैं तो कंपनी आपसे उस अवधि की सैलरी वापस मांग सकती है. इसे आमतौर पर नोटिस पीरियड बाईआउट (Notice Period Buyout) कहा जाता है. कानूनी बाध्यता:
भारत जैसे देशों में, श्रम कानून (जैसे Shops and Establishments Act) नोटिस पीरियड को नियंत्रित करते हैं. अगर कॉन्ट्रैक्ट में लिखा है तो उसे मानना जरूरी होता है. यह बात कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों पर लागू होती है.
Notice Period in Google: गूगल में नोटिस पीरियड के नियम (संभावित)
कॉन्ट्रैक्ट आधारित: गूगल में जॉइनिंग के समय आपने जो कॉन्ट्रैक्ट साइन किया होगा, उसी में नोटिस पीरियड की जानकारी होगी. ज्यादातर मामलों में यह 30 से 60 दिनों का होता है. पद के आधार पर: सीनियर मैनेजमेंट या टेक्निकल लीड को लंबा नोटिस पीरियड (60-90 दिन) सर्व करना पड़ सकता है, जबकि जूनियर कर्मचारियों को कम (30 दिन). फ्लेक्सिबिलिटी: गूगल जैसी कंपनियां कभी-कभी आपसी सहमति से नोटिस पीरियड को कम कर सकती हैं. अगर आपका प्रोजेक्ट पूरा हो चुका हो या रिप्लेसमेंट तैयार हो. Buyout विकल्प: अगर आप तुरंत रिलीव होना चाहते हैं तो बचे हुए नोटिस पीरियड की सैलरी का भुगतान करके जल्दी रिलीव हो सकते हैं, बशर्ते कंपनी सहमत हो.भारत में कानूनी पहलू:
भारत में नोटिस पीरियड का नियम कंपनी के कॉन्ट्रैक्ट और राज्य के श्रम कानूनों (जैसे Shops and Establishments Act) पर आधारित होता है. अगर कॉन्ट्रैक्ट में नोटिस पीरियड का उल्लेख नहीं है तो यह आमतौर पर 30 दिन माना जाता है. नियोक्ता आपको मजबूर नहीं कर सकता कि आप नोटिस पीरियड पूरा करें, लेकिन वे बकाया सैलरी या बोनस रोक सकते हैं.First Published :
March 22, 2025, 08:48 IST