GSLV-F16 की पीठ पर सवार, अमेरिका-भारत की जुगलबंदी से आसमान में पहुंचेगा NISAR

14 hours ago

Last Updated:July 30, 2025, 02:09 IST

NISAR एक मिलिट्री-ग्रेड सुपर सैटेलाइट है जिसे ISRO और NASA ने मिलकर बनाया है. बुधवार शाम इसे GSLV-F16 की मदद से लॉन्च किया जाएगा. 'निसार' मिशन पर 1.5 बिलियन डॉलर की लागत आई है.

GSLV-F16 की पीठ  पर सवार, अमेरिका-भारत की जुगलबंदी से आसमान में पहुंचेगा NISARअंतरिक्ष के क्षेत्र में इसरो का बड़ा कीर्तिमान. (File Photo)

हाइलाइट्स

NISAR मिशन को ISRO और NASA मिलकर लॉन्च करेंगे.NISAR मिशन का मुख्य उद्देश्य भूमि और बर्फ की विकृति का अध्ययन है.NISAR लॉन्च का सीधा प्रसारण ISRO और NASA की वेबसाइट पर देखें.

नई दिल्‍ली. इंडियन स्‍पेस एजेंसी ISRO और अमेरिका की NASA के ज्‍वाइंट वेंचर NISAR नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर रडार मिशन आज यानी बुधवार को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित होने के लिए तैयार है. लगभग 10 सालों में विकसित हुए 1.5 बिलियन डॉलर यानी 13,000 करोड़ की लागत वाला यह मिशन दोनों देशों के वैज्ञानिक समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है. निसार का मुख्य उद्देश्य भूमि और बर्फ की विकृति, इकोसिस्‍टम और समुद्री क्षेत्रों का अध्ययन करना है. इसरो ने एस-बैंड रडार सिस्टम, डेटा हैंडलिंग सिस्टम, हाई-स्पीड डाउनलिंक सिस्टम, अंतरिक्ष यान और प्रक्षेपण यान विकसित किया है, जबकि नासा ने एल-बैंड रडार सिस्टम, अतिरिक्त डाउनलिंक सिस्टम, सॉलिड-स्टेट रिकॉर्डर, जीपीएस रिसीवर और 9 मीटर लंबा बूम प्रदान किया है, जो 12 मीटर के रडार रिफ्लेक्टर को सपोर्ट करता है.

कब और कहां होगा NISAR लॉन्च?
निसार मिशन बुधवार को भारतीय समयानुसार शाम 5:40 बजे (IST) श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी-एमके II (GSLV-F16) रॉकेट के जरिए लॉन्‍च होगा. प्रक्षेपण के 18 मिनट बाद उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात होगा. यह ड्यूल-बैंड SAR मिशन स्वीप SAR तकनीक का उपयोग करता है, जो उच्च रिजॉल्यूशन और विस्तृत स्वाथ इमेजिंग प्रदान करता है. यह हर 12 दिन में वैश्विक भूमि, बर्फ और समुद्री क्षेत्रों की इमेजिंग करेगा.

कैसे देखें NISAR लॉन्च?
इसरो और नासा इस लॉन्च को लाइव स्ट्रीम करेंगे. आप इसे इसरो की आधिकारिक वेबसाइट, नासा की वेबसाइट या उनके यूट्यूब चैनलों पर देख सकते हैं.

NISAR लॉन्च के बाद क्या?
निसार मिशन चार चरणों—लॉन्च, तैनाती, कमीशनिंग और साइंस ऑपरेशंस—से गुजरेगा. तैनाती चरण में नासा/जेपीएल द्वारा डिजाइन किया गया 12 मीटर का रिफ्लेक्टर 9 मीटर बूम के जरिए विस्तारित होगा. 90 दिनों के कमीशनिंग चरण में सिस्टम जांच, कैलिब्रेशन और उपकरण परीक्षण होंगे. साइंस ऑपरेशंस चरण में नियमित कक्षा युद्धाभ्यास, डेटा संग्रह और इसरो-जेपीएल समन्वय के साथ वैज्ञानिक अध्ययन होगा. यह मिशन भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष सहयोग की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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