Last Updated:September 01, 2025, 14:36 IST
Supreme Court on Vikas Yadav Interim Bail: विकास यादव की अंतरिम जमानत याचिका पर सोमवार को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो एक जज ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में विकास य...और पढ़ें

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 2002 के नीतीश कटारा हत्या मामले में दोषी विकास यादव की अंतरिम जमानत को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया. न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और एन कोटिस्वर सिंह की पीठ ने यादव द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की, जिसमें दिल्ली हाईकोर्ट ने 22 अगस्त के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसने शीर्ष अदालत द्वारा 29 जुलाई को दी गई अंतरिम जमानत को बढ़ाने से इनकार कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. न्यायमूर्ति सुंदरेश ने पक्षकारों के वकीलों को सूचित किया कि मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई के आदेश प्राप्त करने के बाद मामले की सुनवाई एक अलग पीठ द्वारा की जाएगी. जब न्यायमूर्ति सिंह ने खुद को अलग किया, तो यादव के वकील ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग की, यह कहते हुए कि उनके मुवक्किल की शादी तय हो गई थी.
नीतीश कटारा की मां के वकील ने दी क्या दलील?
नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा के वकील ने इस दावे का विरोध किया, यह कहते हुए कि यादव पहले ही जुलाई में शादी कर चुके हैं. हालांकि, पीठ ने यादव की अंतरिम जमानत को एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया. 54 वर्षीय विकास याद जो 23 साल से अधिक समय से जेल में है उनकी शादी 5 सितंबर को तय हुई है और उन्हें ₹54 लाख की व्यवस्था करनी है, जो सजा के समय उन पर जुर्माना लगाया गया था.
29 जुलाई को भी बढ़ाई गई थी विकास यादव की अंतरिम जमानत
इससे पहले, न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता और ए जी मसीह की पीठ ने हाईकोर्ट के नजरिए पर सहमति व्यक्त की थी और कहा था कि मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली पीठ द्वारा की जानी चाहिए जिन्होंने 29 जुलाई को यादव की अंतरिम जमानत बढ़ाने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने 22 अगस्त को मामले को 2 सितंबर तक स्थगित कर दिया था, यह कहते हुए कि यह अनिश्चित है कि क्या उसके पास अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अधिकार है. सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि यह निर्णय इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया था कि ट्रायल कोर्ट द्वारा याचिकाकर्ता की सजा हाईकोर्ट द्वारा 25 साल की बिना रिहाई की सजा के साथ पुष्टि की गई. सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी मंजूर की गई थी, न केवल अपील के समय बल्कि समीक्षा याचिका खारिज होने पर भी.
किसका बेटा है विकास यादव
बेंच ने कहा कि हाईकोर्ट का पहला नजरिया सही प्रतीत होता है कि एक बार जब इस अदालत ने हाईकोर्ट के निर्णय की पुष्टि कर दी कि याचिकाकर्ता किसी भी रिहाई के हकदार नहीं होंगे, तो उसके पास याचिकाकर्ता की प्रार्थना को मंजूर करने का अधिकार नहीं था. यदि कुछ भी है, तो यह अदालत ही राहत पर विचार कर सकती है और प्रदान कर सकती है. यादव उत्तर प्रदेश के राजनेता डी पी यादव के बेटे हैं. उनके चचेरे भाई विशाल यादव को भी व्यवसायी कटारा के अपहरण और हत्या के लिए सजा दी गई थी. दोनों कटारा के भारती यादव के साथ कथित संबंध के खिलाफ थे, जो विकास की बहन हैं क्योंकि वे अलग-अलग जातियों से थे. एक अन्य सह-दोषी सुखदेव पहलवान को बिना किसी रिहाई लाभ के 20 साल की जेल की सजा दी गई थी. 29 जुलाई को, अदालत ने उनकी जेल से रिहाई का आदेश दिया था. यह देखते हुए कि उन्होंने इस साल मार्च में अपनी 20 साल की सजा पूरी कर ली थी.
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
September 01, 2025, 14:36 IST