हिमाचल में भीषण बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड, 77 साल पहले अगस्त में हुई थी ऐसी बरसात

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Last Updated:September 01, 2025, 14:46 IST

Himachal Rainfall Record: हिमाचल प्रदेश में अगस्त 2024 में 434.5 मिलीमीटर बारिश हुई, 77 साल का रिकॉर्ड टूटा. लाहौल-स्पीति, कुल्लू, मंडी सबसे प्रभावित, 320 मौतें और 3000 करोड़ का नुकसान हुआ.

हिमाचल में भीषण बारिश ने तोड़ा रिकॉर्ड, 77 साल पहले अगस्त में हुई थी ऐसी बरसातसाइंटिस्ट संदीप सिंह ने बताया कि अगस्त माह में हुई बारिश ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

शिमला. हिमाचल प्रदेश में जारी भंयकर बारिश ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. प्रदेश में अगस्त महीने में साल 1948 के बाद इतनी अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई कि 77 साल का रिकॉर्ड टूट गया. मौसम विभाग के शिमला केंद्र की तरफ से यह जानकारी दी गई है.

शिमला के मौसम विज्ञान केंद्र के साइंटिस्ट संदीप सिंह ने बताया कि अगस्त माह में हुई बारिश ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस बार अगस्त में 434 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो 1948 के बाद सबसे ज्यादा है. वर्ष 1948 में 456 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी, जबकि 1927 में 542 मिलीमीटर बारिश हुई थी.

इस बार के मानसून में अब तक सामान्य से 69 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है. लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं और भूस्खलन की घटनाओं में भी तेजी आई है. वैज्ञानिक संदीप ने बताया कि इस मानसून सीजन में अगस्त माह में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है और 1901 के बाद आठवीं बार सबसे ज्यादा बारिश हुई है. 1948 में 456.5 मिलीमीटर बारिश हुई थी और उसके बाद अब 434.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है.

बीते तीन साल में हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश में बीते तीन साल में मॉनसून सीजन में 16500 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इस सीजन में अब तक 320 लोगों की मौत हो चुकी है और 3 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है. करीब 1200 लोगों की जानें तीन साल (2023 से 25 तक)में गई हैं. गौरतलब है कि 2024 के मॉनसून सीजन में हिमाचल को 1600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था और 317 लोगों की मौत हुई थी. इस बार नुकसान करीब दोगुना हुआ है.

बादल फटने की घटनाएं बढ़ गई

गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं. इस सीजन में 20 जून से अब तक 231 प्राकृतिक आपदाओं के मामले दर्ज किए गए हैं और 95 भूस्खलन, 91 फ्लैश फ्लड और 45 बार बादल फटे हैं. सबसे अधिक घटनाएं लाहौल-स्पीति जिले में दर्ज हुई हैं, जहां 52 फ्लैश फ्लड और 13 भूस्खलन के मामले सामने आए. कुल्लू और मंडी भी सबसे प्रभावित जिलों में रहे हैं कुल्लू में 19 भूस्खलन, 11 फ्लैश फ्लड और 12 क्लाउडबर्स्ट हुए हैं. इसी तरह, मंडी में 12 भूस्खलन, 11 फ्लैश फ्लड और 19 बार बादल फटे हैं. शिमला में 19 भूस्खलन और 3 बार क्लाउडबर्स्ट, चंबा में 11 भूस्खलन और 6 क्लाउडबर्स्ट हुआ है.

Vinod Kumar Katwal

Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें

Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...

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Location :

Shimla,Shimla,Himachal Pradesh

First Published :

September 01, 2025, 14:46 IST

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