उच्च न्यायालय ने हाथियों के लिए जारी किए कड़े निर्देश, प्रजनन पर नियंत्रण! जानिए कौन सी शर्तें हुईं लागू
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उच्च न्यायालय ने हाथियों के लिए जारी किए कड़े निर्देश, प्रजनन पर नियंत्रण! जानिए कौन सी शर्तें हुईं लागू
कोच्चि में उच्च न्यायालय ने हाथियों के प्रजनन और उनके परिवहन से जुड़े मामलों में कड़े निर्देश जारी किए हैं. अदालत ने हाथियों के संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए विभिन्न नियमों और शर्तों का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया है. इन नए निर्देशों का उद्देश्य न केवल हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि उनके परिवहन और प्रजनन के दौरान मानव जीवन की सुरक्षा को भी ध्यान में रखना है. अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार और अन्य संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श के बाद ये गाइडलाइंस जारी की हैं.
कोर्ट द्वारा सख्त शर्तों का आदेश
उच्च न्यायालय ने हाथियों और उनके साथ यात्रा करने वाले लोगों के बीच एक सुरक्षित दूरी सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह गाइडलाइंस मौजूदा कानूनों के आधार पर लागू की गई हैं, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी पक्षों का ध्यान रखा जाए और किसी प्रकार की लापरवाही न हो. अदालत ने इस मामले में त्रावणकोर, कोच्चि, मालाबार और गुरुवयूर देवास्वाम को भी शामिल किया है, ताकि हर स्थान पर इन नियमों का पालन किया जा सके.
राज्य सरकार की भूमिका और स्थिति
इस मामले पर पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अदालत में अपना पक्ष रखा था. सरकार ने बताया था कि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है और इसे लेकर सभी पक्षों की बात सुनी जानी चाहिए. अदालत ने सरकार के इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए व्यापक विचार-विमर्श के बाद ये निर्देश जारी किए हैं.
मुख्य निर्देशों की सूची
आवेदन प्रक्रिया: एझुन्नालम से एक माह पहले संबंधित जिला स्तरीय समिति को आवेदन करना होगा. इस आवेदन में यह भी स्पष्ट करना होगा कि कौन से हाथी लाए जाएंगे और उनकी सुरक्षा के उपाय क्या होंगे. हाथियों के बीच दूरी: यह सुनिश्चित किया जाए कि दो हाथियों के बीच की न्यूनतम दूरी तीन मीटर हो, ताकि उनके बीच किसी भी प्रकार की झगड़ा या तनाव की स्थिति न उत्पन्न हो. धूप में हाथियों की सुरक्षा: हाथियों को 10 मिनट से अधिक समय तक धूप में नहीं छोड़ा जाए, क्योंकि लंबी धूप से उनका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है. आश्रय और छाया का प्रबंध: हाथियों को रखते समय उनके लिए उचित आश्रय और छाया की व्यवस्था की जाए, ताकि वे आराम से रह सकें और सूरज की गर्मी से बच सकें. डॉक्टरों का प्रमाण पत्र: निजी डॉक्टरों द्वारा हाथियों की जांच का प्रमाण पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा. केवल सरकारी पशु चिकित्सकों द्वारा जारी प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे, ताकि उनकी जांच सटीक और प्रमाणिक हो. हाथियों की यात्रा की सीमा: हाथियों को 125 किमी से अधिक की दूरी तक यात्रा नहीं कराई जा सकती और न ही लगातार छह घंटे से अधिक यात्रा की जा सकती है. इससे हाथियों पर अत्यधिक शारीरिक दबाव नहीं पड़ेगा. वाहन की गति पर नियंत्रण: हाथियों को ले जाने वाले वाहनों की गति 25 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके लिए स्पीड गवर्नर की आवश्यकता होगी, और मोटर वाहन विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन नियमों का पालन करें. संतुलित आराम की आवश्यकता: यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हाथियों को एक से अधिक लिफ्ट के बीच पर्याप्त आराम मिले. लंबी यात्रा के दौरान आराम और भोजन की व्यवस्था भी की जानी चाहिए. यात्रा दस्तावेजों की जांच: यात्रा दस्तावेजों की जांच प्रस्थान से 10 दिन पहले और प्रस्थान के पांच दिन बाद तक की जानी चाहिए, ताकि किसी प्रकार की धोखाधड़ी या अनियमितता से बचा जा सके. सड़क पर यात्रा के समय की सीमा: हाथियों को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक सार्वजनिक सड़कों पर नहीं ले जाया जा सकता और न ही उन्हें लॉरी में ले जाया जाना चाहिए, ताकि यातायात की स्थिति नियंत्रित रहे और हाथियों को कोई खतरा न हो.Tags: Animal Welfare, Kerala, Local18, Special Project
FIRST PUBLISHED :
November 15, 2024, 12:40 IST