Last Updated:June 12, 2025, 12:24 IST
IIM Placement News: पहले IIM का नाम सुनते ही करोड़ों की सैलरी और बड़ी कंपनियों की छवि बनती थी, लेकिन अब IIM त्रिची के प्लेसमेंट आंकड़ों ने इसकी चमक पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

IIM टैग का चमकता सितारा क्या अब फीका पड़ने लगा?
हाइलाइट्स
IIM त्रिची के 59 छात्रों को प्लेसमेंट ऑफर नहीं मिला.104 छात्रों को ही 20 लाख से अधिक का सालाना पैकेज मिला.IIMs की संख्या बढ़ने से ब्रांड वैल्यू पर असर पड़ा है.IIM Placement News: कभी IIM का नाम सुनते ही लोगों को करोड़ों की सैलरी और बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों की छवि सामने आ जाती थी. लेकिन अब समय बदल गया है. हाल ही में IIM त्रिची से सामने आए प्लेसमेंट डेटा ने इस प्रतिष्ठित टैग की चमक पर सवाल खड़े कर दिए हैं. रवि हांडा द्वारा साझा किए गए RTI डेटा के अनुसार IIM त्रिची के वर्ष 2024 बैच में कुल 384 छात्र थे. इनमें से 59 छात्रों को कोई प्लेसमेंट ऑफर नहीं मिला. इसके अलावा, सिर्फ 104 छात्रों को ही 20 लाख से अधिक का सालाना पैकेज मिला है.
कठोर परीक्षा, भारी फीस… फिर भी अनिश्चित भविष्य?
IIM में दाखिला पाना आसान नहीं होता. CAT जैसी कठिन परीक्षा पास करने के बाद ही छात्र इन संस्थानों तक पहुंचते हैं. इसके साथ ही MBA की पढ़ाई पर करीब 20 लाख तक का खर्च आता है. ऐसे में जब नौकरी की गारंटी भी न मिले, तो सवाल उठना लाज़मी है.
सोशल मीडिया पर उठे सवाल: क्या IIM ब्रांड कमजोर हो रहा है?
इस डेटा के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. कई नेटिज़न्स ने चिंता जताई कि देश में IIMs की संख्या बढ़ने से इनकी विशिष्टता (exclusivity) कम हो रही है. पहले जहां चुनिंदा IIMs थे, अब लगभग हर राज्य में एक IIM है, जिससे ब्रांड वैल्यू पर असर पड़ा है.
“100% प्लेसमेंट” की क्या है सच्चाई
कुछ यूज़र्स ने आरोप लगाया कि IIMs अपने प्लेसमेंट आंकड़ों को बेहतर दिखाने के लिए छात्रों पर “ऑप्ट-आउट” का दबाव डालते हैं. यानी छात्रों से कहा जाता है कि वे खुद को प्लेसमेंट प्रक्रिया से बाहर दिखाएं, ताकि संस्थान 100% प्लेसमेंट का दावा कर सके.
पुराने IIM बनाम नए IIM: कंपनियों की प्राथमिकता साफ
IIM अहमदाबाद, बैंगलोर, कोलकाता जैसे पुराने संस्थानों को BLACKI ग्रुप कहा जाता है. इन संस्थानों में आज भी टॉप कंपनियां आती हैं, लेकिन नए IIM, जैसे त्रिची, उतने बड़े ब्रांड्स को आकर्षित नहीं कर पा रहे हैं. यही वजह है कि प्लेसमेंट में अंतर दिख रहा है.
बदलते दौर में MBA की भूमिका
पहले MBA छात्रों को FMCG, कंसल्टिंग और टेक फर्मों से अच्छे ऑफर मिलते थे. लेकिन अब टेक कंपनियां IIT या BITS जैसे कॉलेजों से सीधे इंटर्न हायर कर रही हैं. MBA डिग्री की जरूरत कुछ क्षेत्रों में खासकर प्रोडक्ट मैनेजमेंट जैसी भूमिकाओं में घटती जा रही है.
जब टैलेंट हो, लेकिन मौके नहीं
एक ऑनलाइन यूज़र ने कहा कि बच्चे टैलेंटेड हैं, लेकिन अब मार्केट उतना खुला नहीं रहा. कंपनियां ज्यादा चुनिंदा और मांगलिक हो गई हैं. यानी हर छात्र को अब पहले जैसा मौका नहीं मिल रहा, भले ही उसकी योग्यता अच्छी हो. कुछ लोगों का मानना है कि इतने छात्रों को उच्च वेतन मिलना एक अच्छी बात है, लेकिन रवि हांडा ने जोर दिया कि 15% छात्रों को कोई ऑफर न मिलना ज्यादा गंभीर मुद्दा है. यह नए IIM की स्थिति पर सोचने को मजबूर करता है.
क्या शिक्षा का उद्देश्य केवल नौकरी है?
कुछ यूज़र्स ने तर्क दिया कि IIM का मुख्य उद्देश्य शिक्षा देना है, न कि नौकरी की गारंटी देना. वहीं कुछ लोगों ने आरक्षण नीतियों और संस्थान विस्तार को भी वर्तमान हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया.
विदेशी बी-स्कूल्स से तुलना: क्या हमारे मॉडल में बदलाव की ज़रूरत है?
कुछ लोगों ने हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड जैसे बी-स्कूल्स का उदाहरण दिया. ये संस्थान कैंपस प्लेसमेंट नहीं कराते, लेकिन वहां का नेटवर्क, इंडस्ट्री से जुड़ाव और स्किल-बिल्डिंग इतना मजबूत होता है कि छात्रों को आसानी से नौकरियां मिल जाती हैं.
ये भी पढ़ें…
HSSC CET के लिए आज कर लें ये जरूरी काम, नहीं तो होगा पछतावा, जानें एग्जाम पैटर्न
JEE में बटोरे 360 में से 312 अंक, ओलंपियाड से मिली धार, अब IIT Bombay की बारी!
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें
पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...
और पढ़ें