ITO, पहाड़गंज, कापसहेड़ा... अब भूल जाएंगे जाम, रेखा सरकार ने बना लिया प्लान

7 hours ago

Last Updated:September 02, 2025, 11:03 IST

Delhi Traffic News: लोक निर्माण विभाग (PWD) ने दिल्ली की आठ प्रमुख सड़कों पर फ्लाईओवर, अंडरपास और एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए कंसल्टेंट्स को आमंत्रित किया है. इन परियोजनाओं के जरि...और पढ़ें

ITO, पहाड़गंज, कापसहेड़ा... अब भूल जाएंगे जाम, रेखा सरकार ने बना लिया प्लानदिल्ली की आठ प्रमुख सड़कों पर फ्लाईओवर, अंडरपास और एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने तैयारी चल रही है.

राजधानी दिल्ली की सबसे भीड़भाड़ वाली सड़कों को जल्द ही जाम से निजात मिलने वाली है. दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने इसे लेकर बड़ा कदम उठाया की है. दरअसल लोक निर्माण विभाग (PWD) ने राजधानी की आठ प्रमुख सड़कों पर फ्लाईओवर, अंडरपास और एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की संभावनाओं का अध्ययन करने के लिए कंसल्टेंट्स को आमंत्रित किया है. इन परियोजनाओं के जरिए लगभग 47 किलोमीटर लंबे हिस्से पर यातायात का दबाव कम करने और कनेक्टिविटी बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

इस योजना के सबसे अहम हिस्सों में शामिल है 7 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर, जो देशबंधु गुप्ता रोड (पहाड़गंज) से अजमेरी गेट तक बनेगा. यहां सात ट्रैफिक सिग्नल हैं और दिनभर भारी जाम की स्थिति रहती है. इस हिस्से पर फ्लाईओवर या अंडरपास का विकल्प देखा जा रहा है.

किन-किन सड़कों पर है प्लान

इसी तरह शादीपुर डिपो क्षेत्र में भी अध्ययन होगा, जहां चार बड़े चौराहे हैं. ITO चौराहे को भी इस योजना में शामिल किया गया है. यह दिल्ली का सबसे व्यस्त इलाका माना जाता है और यहां पांच प्रमुख सिग्नलों के कारण ट्रैफिक जाम आम बात है. इसके अलावा पूर्वी दिल्ली में नानकसर गुरुद्वारा टी-पॉइंट से ट्रॉनिका सिटी (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) तक 6 किलोमीटर का एलीवेटेड कॉरिडोर का भी प्रस्ताव है. हालांकि यमुना बाढ़ क्षेत्र, पेड़ और डीजेबी की पाइपलाइनों जैसी बाधाएं यहां चुनौती बन सकती हैं.

पश्चिम और दक्षिणी दिल्ली में भी बड़ी परियोजनाएं

पश्चिमी दिल्ली में शिवाजी मार्ग पर ज़खिरा क्रॉसिंग से करमपुरा फ्लाईओवर तक 2.2 किलोमीटर का एलीवेटेड कॉरिडोर बनाने की योजना.
वहीं इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 के सामने स्थित NSG इंटरसेक्शन पर 2 किलोमीटर का फ्लाईओवर या अंडरपास भी प्रस्तावित है.
नजफगढ़ (फिरनी रोड) से कपासहेड़ा बॉर्डर तक 20 किलोमीटर का कॉरिडोर सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना होगी, जिसमें पुराने दिल्ली-गुड़गांव रोड का हिस्सा भी शामिल होगा. इसमें 15 ट्रैफिक सिग्नल हटाने की योजना है.

क्या है राह में रोड़े?

PWD के मुताबिक, कंसल्टेंट को डिज़ाइन, लागत अनुमान, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव का आकलन, सड़क सुरक्षा ऑडिट और विभिन्न एजेंसियों से मंजूरी सुनिश्चित करनी होगी. वहीं पेड़ों की GPS-आधारित गिनती, ट्रांसप्लांटेशन योजना, अतिक्रमण का सर्वे और भूमि अधिग्रहण की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

इसके अलावा सड़क डिजाइन में फुटपाथ, बस बे, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, ट्रैफिक डायवर्जन प्लान और सुरक्षा उपकरण शामिल होंगे. वहीं पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए कर्ब रैंप, पैदल पुल, रेलिंग और क्रैश बैरियर प्राथमिकता पर होंगे.

इस योजना के जरिये सरकार का मकसद न सिर्फ जाम से राहत दिलाना है, बल्कि दिल्ली को एक सुरक्षित और टिकाऊ यातायात व्यवस्था देना भी है.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 02, 2025, 11:03 IST

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