KG, नर्सरी नहीं अरुण और उदय कहिए, संस्कृत में शुरू हो रही है प्राइमरी कक्षाएं

1 month ago

School in Sanskrit: मध्य प्रदेश सरकार एक अनोखा प्रयोग करने जा रही है. अब संस्कृत में केजी 1,केजी 2 की पढ़ाई शुरू होगी. इसके लिए संस्कृत बोर्ड प्राइमरी कक्षाएं शुरू कर रहा है. अब KG, नर्सरी नहीं संस्कृत की इन क्लासेज का नाम अरुण और उदय होगी. इन क्लासेज में संस्कृत, संस्कृति और संस्कार का मंत्र दिया जाएगा और वर्चुअल नहीं रियलटी पर फोकस होगा. कक्षाओं में कबूतर, खरगोश होंगे. इन क्लासेज में अपने बच्चों का एडमिशन 10 अगस्त तक करवा सकते हैं. यहां वर्किंग पेरेंट्स के बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी.

संस्कृत में शुरु होने वाले छोटे बच्चों की कक्षाओं के नाम KG और नर्सरी की जगह अरुण और उदय होंगे. मध्यप्रदेश संस्कृत बोर्ड प्रदेश में पहली बार अपने पाइलट प्रोजेक्ट को शुरू करने जा रहा है. इसमें कॉनवेंट स्कूल की तरह केजी 1 और केजी 2 की क्लासेस अरुण और उदय नाम से होंगी. इनमें छोटे बच्चे ना सिर्फ संस्कृत में पढ़ाई करेंगे बल्कि अभिवादन और श्लोकों का उच्चारण भी करेंगे. राजधानी के सरोजनी नायडू स्कूल में शुरू होने वाले इस कॉनसेप्ट में बच्चों के एडमिशन शुरू हो चुके हैं. प्रोजेक्ट संचालिका मैडम माया सिंह ने बताया कि पहला बैच 30 बच्चों से शुरू होगा. इसमें कई एडमिशन हो चुके हैं.

वर्चुअल की जगह रियल पर होगा फोकस
स्कूल परिसर को ना सिर्फ छोटे बच्चों के हिसाब से डिजाइन किया गया है बल्कि वर्चुअल की जगह रियल में शिक्षा दी जाएगी. प्रोजेक्ट डिजाइनर संजीव दुबे बताते हैं कि स्कूल परिसर में अगर बच्चों को क से कपोत (कबूतर) ख से खरा: पढ़ाया जाएगा तो उसे किसी पिक्चर या बुक में दिखाने के बजाए रियल में कबूतर और खरगोश और चिड़िया यहीं सच में दिखाई जाएंगी. इसके लिए स्कूल में पछियों और जानवरों के बाड़े भी तैयार किए जा रहे हैं.

खोले जाएंगे 350 संस्कृत प्राइमरी स्कूल
प्रदेश में भोपाल में यह पहला प्रयोग है जिसे अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है. संजीव बताते हैं कि पूरे प्रदेश में ऐसे 350 संस्कृत प्राथमिक स्कूल खोले जाने का प्लान है. स्कूल का फी स्ट्रक्चर भी काफी चौंकाने वाला है. जिसमें बच्चों के माता-पिता दोनों में से जिसकी भी सैलरी कम होगी. उसका दो दिन का वेतन फीस के तौर पर लिया जाएगा.

इन पैरेंट्स को मिलेगी प्राथमिकता
महर्षि पतंजलि संस्थान और संस्कृत बोर्ड के सहयोग से शुरू हुआ यह अनोखा प्रयोग अपने आप में बेहद खास है. कक्षाओं को वैदिक वातावरण देने के साथ ही संस्थान का फोकस संस्कृत, संस्कृति और संस्कारों को मजबूत करने पर होगा. खास बात यह है अरुण और उदय में वर्किंग पेरेंट्स के बच्चों को एडमिशन में प्राथमिकता दी जाएगी. ताकि ऐसे माता-पिता अपने बच्चों के व्यवहार और उनमें पनपने वाले संस्कारों को लेकर निश्चिंत रहें.

Tags: Government Primary School, Nursery Admission, Nursery School

FIRST PUBLISHED :

July 28, 2024, 07:24 IST

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