LIVE: पीएम मोदी पहुंचे अर्जेंटीना, जमीन में गड़े सफेद खजाने पर होगा बड़ा ऐलान

4 hours ago

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रिनिडाड और टोबैगो की अपनी ऐतिहासिक यात्रा पूरी कर शुक्रवार रात अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंच गए हैं, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के निमंत्रण पर पीएम मोदी वहां गए हैं. इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई देने पर जोर दिया जाएगा.

पीएम मोदी और राष्ट्रपति मिलेई के बीच होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. इसमें रक्षा, कृषि, खनन, तेल और गैस, व्यापार और निवेश, साथ ही जनसंपर्क बढ़ाने जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के रास्ते तलाशे जाएंगे.

इस यात्रा को भारत-अर्जेंटीना संबंधों में एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है. दोनों देशों के बीच 2019 में रणनीतिक साझेदारी स्थापित की गई थी, और अब यह यात्रा उस साझेदारी को व्यावहारिक और व्यापक रूप देने का अवसर है.

ट्रिनिडाड और टोबैगो की यात्रा रही ऐतिहासिक

इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रिनिडाड और टोबैगो की सफल यात्रा पूरी की और ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना के लिए रवाना हुए.’ पीएम मोदी ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘ट्रिनिडाड और टोबैगो, धन्यवाद. यहां के पल कभी नहीं भूलेंगे. भारत-ट्रिनिडाड और टोबैगो की दोस्ती को नई गति मिली है. राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कांगालू, प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर और वहां की जनता का आभार.’ उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में भागीदारी के लिए प्रधानमंत्री बिसेसर का भी धन्यवाद किया और जलवायु परिवर्तन पर साझा प्रयासों की प्रतिबद्धता दोहराई.

प्रधानमंत्री मोदी को इस यात्रा के दौरान ट्रिनिडाड और टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ ट्रिनिडाड एंड टोबैगो’ से भी सम्मानित किया गया.

अब अर्जेंटीना की बारी

प्रधानमंत्री मोदी अब अपनी पांच देशों की यात्रा के तीसरे पड़ाव अर्जेंटीना पहुंचेंगे, जहां वे 4 और 5 जुलाई को आधिकारिक दौरे पर रहेंगे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 1968 के बाद पहली द्विपक्षीय यात्रा है. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अर्जेंटीना का दौरा किया था. यह यात्रा ना केवल भारत-अर्जेंटीना संबंधों को नई दिशा देगी, बल्कि भारत की लैटिन अमेरिका और ग्लोबल साउथ में रणनीतिक उपस्थिति को भी मजबूत करेगी.

पीएम मोदी की अर्जेंटीना यात्रा के दौरान उनकी राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से द्विपक्षीय बातचीत होगी, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, खनिज, कृषि, निवेश, व्यापार, आतंकवाद विरोध और डिजिटल सहयोग जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.

लिथियम और ऊर्जा स्रोतों पर खास नजर

अर्जेंटीना के कैटामार्का प्रांत में भारत की खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (KABIL) ने लिथियम की खुदाई अधिकार पहले ही हासिल कर लिए हैं. अब उम्मीद की जा रही है कि इस क्षेत्र में नई घोषणाएं हो सकती हैं.

अर्जेंटीना लिथियम ट्रायंगल (बोलीविया और चिली के साथ) का हिस्सा है और भारत की इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ ऊर्जा रणनीति के लिए लिथियम अत्यंत आवश्यक है. इसके अलावा, अर्जेंटीना के शेल गैस और एलएनजी भंडारों में भी भारत की गहरी दिलचस्पी है.

खाड़ी देशों में अस्थिरता को देखते हुए भारत ऊर्जा स्रोतों के विविधीकरण की नीति पर काम कर रहा है और अर्जेंटीना इसका एक प्रमुख हिस्सा बन सकता है.

व्यापार और रक्षा में संभावनाएं

2024 में भारत और अर्जेंटीना के बीच द्विपक्षीय व्यापार 5.2 अरब डॉलर के पार पहुंच गया है. दोनों देशों के बीच अब तक व्यापार मुख्यतः सोयाबीन तेल और कृषि उत्पादों पर केंद्रित रहा है, लेकिन अब भारत फार्मा, आईटी और हेल्थटेक जैसे क्षेत्रों में अपना निर्यात बढ़ाना चाहता है.

दूसरी ओर, अर्जेंटीना भारतीय तेजस लड़ाकू विमान जैसे रक्षा उत्पादों में रुचि दिखा रहा है. संयुक्त प्रशिक्षण, को-प्रोडक्शन और तकनीक हस्तांतरण पर भी चर्चा हो सकती है.

डिजिटल गवर्नेंस, टेलीमेडिसिन और अंतरिक्ष क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने की योजना है. भारत के ISRO और अर्जेंटीना की CONAE एजेंसी के बीच पहले से सहयोग रहा है, जिसे अब और औपचारिक बनाया जा सकता है.

आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा

यात्रा के दौरान भारत और अर्जेंटीना के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझा घोषणा भी अपेक्षित है. अर्जेंटीना ने हाल ही में पाहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हुई थी.

अर्जेंटीना खुद 1992 और 1994 के दो भीषण आतंकी हमलों का शिकार रह चुका है, जिससे दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी समझ गहरी है.

अर्जेंटीना के राजदूत मारियानो काउकिनो ने कहा, ‘हमें भारत का दर्द समझ आता है. आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है.’

MERCOSUR और ब्रिक्स से पहले अहम पड़ाव

भारत की MERCOSUR के साथ व्यापार वार्ता को पुनर्जीवित करने की योजना में अर्जेंटीना की भूमिका महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा इस दिशा में नई गति लाने की संभावना रखती है. प्रधानमंत्री मोदी अपनी यात्रा के दौरान अर्जेंटीना के स्वतंत्रता सेनानी जनरल जोस दे सैन मार्टिन की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी देंगे. राष्ट्रपति मिलेई पीएम मोदी के सम्मान में राजकीय भोज का आयोजन करेंगे.

इस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री 5 और 6 जुलाई को ब्राजील में BRICS सम्मेलन में भाग लेंगे, जहां वे ग्लोबल साउथ की आवाज को और मजबूत करने की रणनीति पर चर्चा करेंगे. भारत और अर्जेंटीना के बीच 2019 में रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया था. अब यह यात्रा उस साझेदारी को और गहरा करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है.

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