SSP बदले पर नहीं थमा अपराध... गोपाल खेमका मर्डर केस से कार्तिकेय शर्मा पर सवाल

3 hours ago

Last Updated:July 05, 2025, 09:46 IST

Gopal Khemka Murder Case: पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या ने पुलिस प्रशासन की नाकामी उजागर की. हाई अलर्ट के बावजूद घटना हुई. SSP बदलने के बावजूद पटना में कानून व्यवस्था में नहीं दिखा सुधार...

SSP बदले पर नहीं थमा अपराध... गोपाल खेमका मर्डर केस से कार्तिकेय शर्मा पर सवाल

गोपाल खेमका हत्याकांड से पटना में कानून-व्यवस्था पर बड़े सवाल उठ रहे हैं. (फाइल फोटो)

हाइलाइट्स

पटना में मशहूर उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्याहाई अलर्ट के बावजूद हत्या से पुलिस पर उठे सवालएसएसपी बदलने के बाद भी कानून व्यवस्था में सुधार नहीं

पटना में अपराध के बढ़ते ग्राफ और पुलिस प्रशासन की नाकामी एक बार फिर सुर्खियों में है. पटना के बीचोबीच एक नामी उद्योगपति गोपाल खेमका की शुक्रवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. यह वारदात तब हुई जब पूरे शहर में हाई अलर्ट था, मुहर्रम को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दावा किया जा रहा था कि पुलिस हर कोने पर निगरानी रख रही है, अतिरिक्त बल तैनात है, और किसी भी तरह की चूक नहीं होने दी जाएगी. लेकिन खेमका की हत्या ने इन तमाम दावों की पोल खोल दी.

घटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास हुई, जो थाने से महज 600 मीटर की दूरी पर है. ADG लॉ एंड ऑर्डर पंकज दराद ने एक दिन पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि सीसीटीवी कैमरों से पूरे शहर पर नजर रखी जा रही है, हर जिले में अतिरिक्त बल तैनात है, और खुद वे और उनके अधीन अधिकारी 24×7 कंट्रोल रूम से निगरानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा था कि ‘किसी भी हाल में लॉ एंड ऑर्डर नहीं बिगड़ने दिया जाएगा.’

लेकिन गोपाल खेमका की हत्या ने इन दावों की सच्चाई उजागर कर दी. गोली चलने के 1 घंटे से अधिक समय तक कोई भी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. पुलिस की निष्क्रियता ने जनता के बीच डर और नाराजगी दोनों को जन्म दिया.

SSP बदलने के बाद भी सवाल बरकरार

अभी हाल ही में पटना के एसएसपी अवकाश कुमार को हटाकर उनकी जगह कार्तिकेय शर्मा को नई जिम्मेदारी सौंपी गई थी. तब यह उम्मीद जताई जा रही थी कि कानून व्यवस्था में सुधार होगा और बढ़ते अपराधों पर लगाम लगेगी. लेकिन गोपाल खेमका की हत्या ने यह साफ कर दिया कि महज नेतृत्व बदलने से हालात नहीं सुधरते. प्रशासनिक लापरवाही और जमीनी स्तर पर कानून व्यवस्था की स्थिति जस की तस बनी हुई है.

गोपाल खेमका के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनके भाई शंकर खेमका ने बताया कि घटना के बाद परिवार ने ही पुलिस को बताया कि कहां गोली चली है और कहां कारतूस गिरा है. उन्होंने कहा, ‘पुलिस को हमने सब कुछ बताया, लेकिन वह सिर्फ ईंट से घेराबंदी करने आई थी. ऐसा लग रहा था कि वे तमाशा देखने आए हों.’

गार्ड राम पारस की गवाही भी बताती है कि वारदात को अंजाम इतनी तेजी से दिया गया कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला. हमलावर फरार हो गए और पुलिस सिर्फ जांच का दावा करती रह गई.

बीजेपी सांसद रामकृपाल ने भी उठाए सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने खेमका परिवार से मुलाकात के बाद कहा कि छह साल में पिता और पुत्र दोनों की हत्या होना प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि मामले की गंभीरता से जांच हो और स्पीडी ट्रायल कर दोषियों को सजा दी जाए.

उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी सवाल उठाते हुए कहा, ‘इतनी बड़ी वारदात राजधानी के केंद्र में हो और पुलिस वक्त पर न पहुंचे, यह शर्मनाक है. अब सरकार को सख्त संदेश देना होगा कि अपराधियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा.’

केवल बदलाव नहीं, ज़िम्मेदारी भी तय हो

फिलहाल एफएसएल की टीम मौके से साक्ष्य इकट्ठा कर रही है और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया जा रहा है. टाउन डीएसपी-2 प्रकाश का कहना है कि जांच जारी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है. यही हालात दर्शाते हैं कि राजधानी पटना में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं और पुलिस की पकड़ कितनी कमजोर.

गोपाल खेमका की हत्या न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि केवल शीर्ष अधिकारियों को बदलने से हालात नहीं सुधरते. असली ज़रूरत है जवाबदेही तय करने की, सिस्टम को ज़मीन पर मज़बूत बनाने की और अपराध के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति लागू करने की.

अगर राजधानी की सड़कों पर दिनदहाड़े एक प्रतिष्ठित उद्योगपति की हत्या हो सकती है और पुलिस मूकदर्शक बनी रह सकती है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा? यह सवाल अब सिर्फ विपक्ष का नहीं, बल्कि हर उस नागरिक का है जो खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है. (एजेंसी इनपुट के साथ)

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

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