त्रिनिदाद-टोबैगो की संसद को रेड हाउस क्यों कहते हैं, कब बना आतंकवाद का शिकार?

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Last Updated:July 05, 2025, 09:09 IST

GK News: त्रिनिदाद का संसद भवन- रेड हाउस लाल रंग के कारण प्रसिद्ध है. इसका निर्माण 1907 में हुआ था और 1990 में यह आतंकी हमले का शिकार हो गया था.

त्रिनिदाद-टोबैगो की संसद को रेड हाउस क्यों कहते हैं, कब बना आतंकवाद का शिकार?

Red House History: त्रिनिदाद और टोबैगो के रेड हाउस का इतिहास आतंकवाद से कलंकित हो चुका है

हाइलाइट्स

त्रिनिदाद का संसद भवन रेड हाउस लाल रंग के कारण प्रसिद्ध है.रेड हाउस 1990 में आतंकी हमले का शिकार हुआ था.पीएम मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की संसद को संबोधित किया.

नई दिल्ली (GK News, Trinidad and Tobago). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद एंड टोबैगो की यात्रा पर है. वह पोर्ट ऑफ स्‍पेन पहुंच चुके हैं. वहां पीएम नरेंद्र मोदी का पारंपरिक अंदाज में जोरदार स्वागत किया गया. पीएम मोदी का बतौर प्रधानमंत्री इस कैरेबियाई देश का पहला ऑफिशियल दौरा है. साल 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है. त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन में स्थित रेड हाउस देश का संसद भवन है. यह अपनी लाल रंग की इमारत के कारण इस नाम से जाना जाता है.

रेड हाउस न केवल त्रिनिदाद एंड टोबैगो की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का प्रतीक है, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व ने इसे ग्लोबल स्तर पर भी चर्चा का केंद्र बनाया है (Red House History). रेड हाउस का नाम इसके बाहरी हिस्से के लाल रंग से लिया गया है, जो ब्रिटिश औपनिवेशिक वास्तुकला (Colonial Architecture) की एक शानदार मिसाल है. यह भवन देश की संसदीय गतिविधियों का केंद्र है. इसमें संसद के दोनों सदनों, प्रतिनिधि सभा और सीनेट, की बैठकें होती हैं.

Red House History: रेड हाउस का निर्माण कब हुआ था?

त्रिनिदाद एंड टोबैगो की संसद का निर्माण 19वीं सदी के आखिरी में शुरू हुआ था. रेड हाउस 1907 में बनकर तैयार हुआ था. इसकी डिजाइन का श्रेय स्कॉटिश आर्किटेक्ट डी.एम. हान को दिया जाता है. उन्होंने इसे कोलोनियल स्टाइल में डिजाइन किया था. रेड हाउस की खासियत इसकी लाल रंग की दीवारें हैं. भारत ने 1968 में इस संसद को एक स्पीकर की कुर्सी उपहार में दी थी, जिस पर ‘भारत के लोगों से त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के लिए’ लिखा है. यह दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक है.

Trinidad and Tobago History: आतंकी हमले का गवाह है रेड हाउस

रेड हाउस का इतिहास केवल उसके खास आर्किटेक्चर तक सीमित नहीं है. यह देश के राजनीतिक और सामाजिक उतार-चढ़ाव का भी गवाह रहा है. इसमें एक भयावह आतंकवादी हमला भी शामिल है. 1990 में रेड हाउस एक गंभीर आतंकवादी हमले का शिकार बना था. त्रिनिदाद और टोबैगो के इतिहास में इसे ‘1990 तख्तापलट प्रयास’ के रूप में जाना जाता है. 27 जुलाई 1990 को जमात अल मुस्लिमीन नामक चरमपंथी समूह ने सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश की थी.

इस हमले में क्या हुआ था? 

इस हमले में सशस्त्र आतंकवादियों ने रेड हाउस पर कब्जा करके संसद के सदस्यों, कर्मचारियों और तत्कालीन प्रधानमंत्री ए.एन.आर. रॉबिन्सन सहित कई लोगों को बंधक बना लिया था. इस हमले में कई लोग घायल हुए थे और कुछ की जान चली गई थी. हमलावरों ने इमारत के अंदर विस्फोटक और आगजनी का सहारा लिया था. इससे रेड हाउस की इमारत को भी काफी नुकसान पहुंचा था. 6 दिन तक चले इस हमले ने देश को हिलाकर रख दिया था. इसके साथ ही यह त्रिनिदाद एंड टोबैगो के इतिहास में एक काला अध्याय बन गया.

सुरक्षा पर उठे सवाल

इस घटना ने रेड हाउस को न केवल एक संसदीय भवन के रूप में, बल्कि एक ऐसी जगह के रूप में भी चिह्नित किया, जो आतंकवाद का दंश झेल चुकी है. इस हमले ने देश में सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता के सवाल खड़े कर दिए. इसके बाद सरकार ने कई सुधार किए. रेड हाउस की मरम्मत और पुनर्निर्माण किया गया. आज यह फिर से देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का केंद्र है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए रेड हाउस और इसके आतंकवादी हमले के इतिहास का जिक्र किया.

PM Modi in Trinidad and Tobago: पीएम मोदी ने भाषण में क्या कहा?

अपने भाषण में पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता का दुश्मन बताया और रेड हाउस के 1990 के हमले का जिक्र करते हुए कहा- इस रेड हाउस ने खुद आतंक के घाव और मासूमों का खून बहते देखा है. हमें एकजुट होकर आतंकवाद को कोई आश्रय या स्थान देने से इनकार करना होगा. यह बयान ग्लोबल स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान था. पीएम मोदी ने त्रिनिदाद एंड टोबैगो की सरकार और लोगों का आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के समर्थन के लिए आभार जताया.

इशारों में कर दी बड़ी बात

पीएम मोदी के इस संबोधन ने भारत और त्रिनिदाद के बीच डेमोक्रेटिक कमिटमेंट को अंडरलाइन किया. साथ ही साझा मूल्यों पर भी फोकस किया. रेड हाउस का जिक्र करके पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और भावनात्मक संबंधों को भी मजबूत किया. रेड हाउस आज भी त्रिनिदाद एंड टोबैगो की पहचान का एक बहुत बड़ा हिस्सा है. यह सिर्फ संसदीय भवन नहीं है, बल्कि एक ऐसी जगह भी है जो देश के संघर्ष, लोकतंत्र और पुनर्जनन की कहानी बयां करता है.

Deepali Porwal

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें

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