India Argentina bilateral Ties: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के तीसरे चरण में अर्जेंटीना पहुंच गए हैं. इससे पहले वे घाना और त्रिनिदाद एंड टोबैगो का दौरा कर चुके हैं. पीएम मोदी की इस यात्रा को ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि पिछले 47 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है. भारतीय राजदूत अजनीश कुमार ने इसे भारत और अर्जेंटीना के रिश्तों को नई ऊंचाई देने वाला क्षण बताया है. इससे पहले इंदिरा गांधी 1968 में द्विपक्षीय यात्रा के लिए अर्जेंटीना गई थीं.
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता..
असल में प्रधानमंत्री मोदी का ब्यूनस आयर्स में भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया. वे अर्जेंटीना के राष्ट्रपिता जनरल जोस डे सैन मार्टिन को श्रद्धांजलि देंगे और राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से मुलाकात कर प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे. इसके बाद राष्ट्रपति पीएम मोदी के सम्मान में भोज देंगे और प्रधानमंत्री अर्जेंटीना के मशहूर बोका जूनियर्स फुटबॉल स्टेडियम का दौरा करेंगे.
सहयोग और आतंकवाद जैसे जरूरी मुद्दों पर चर्चा
इस यात्रा के दौरान रक्षा, ऊर्जा, खनिज, कृषि, निवेश, डिजिटल सहयोग और आतंकवाद विरोध जैसे जरूरी मुद्दों पर चर्चा होगी. भारत पहले ही अर्जेंटीना में लिथियम खनन के अधिकार हासिल कर चुका है. अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली के साथ लिथियम ट्रायंगल में शामिल है. जो भारत की स्वच्छ ऊर्जा नीति के लिए बेहद अहम है. इसके अलावा, भारत अर्जेंटीना के शेल गैस और एलएनजी भंडारों में भी रुचि रखता है.
राजदूत अजनीश ने भारत के फार्मा और मेडिकल डिवाइस सेक्टर को 'दुनिया की फार्मेसी' बताया और कहा कि इन उत्पादों को अर्जेंटीना लाकर वहां की जनता को किफायती स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी. भारत पहले ही यूरोप और अमेरिका में मेडिकल डिवाइस निर्यात करता है. अब अर्जेंटीना में भी इनका विस्तार हो सकता है.
भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की इच्छा
दूसरी तरफ अर्जेंटीना ने भारत के साथ व्यापार बढ़ाने की इच्छा जताई है. वर्तमान 5.2 अरब डॉलर के व्यापार को अगले 3-4 वर्षों में 8 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. अर्जेंटीना भारत के तेजस लड़ाकू विमान और रक्षा तकनीक में भी रुचि दिखा रहा है. दोनों देश संयुक्त प्रशिक्षण और को-प्रोडक्शन जैसे विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं.
यात्रा के दौरान आतंकवाद के खिलाफ साझा घोषणा की संभावना है. अर्जेंटीना ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम हमले की निंदा की थी. दोनों देश खुद आतंकी हमलों का सामना कर चुके हैं जिससे आपसी समझ और सहयोग और गहरा हो सकता है.