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Last Updated:September 15, 2025, 10:21 IST
Supreme Court Waqf Law Verdict Live Updates: वक्फ कानून संवैधानिक है या असंवैधानिक? सुप्रीम कोर्ट आज इस सवाल अंतरिम आदेश सुनाएगा. सीजेआई बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर की सुप्रीम को...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट आज वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा.
वक्फ कानून के लिए आज बड़ा दिन है. वक्फ कानून संवैधानिक है या असंवैधानिक? सुप्रीम कोर्ट आज इस सवाल पर फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट में कुछ ही देर में इस पर फैसला आ सकता है. इससे पहले 22 मई को लगातार तीन दिन की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने कानून को मुसलमानों के अधिकारों के खिलाफ बताया और अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी. वहीं, केंद्र सरकार ने कानून के पक्ष में दलीलें रखी थीं.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश तीन प्रमुख कानूनी और प्रक्रियात्मक मुद्दों पर केंद्रित होगा, जो सुनवाई के दौरान उठाए गए थे.
क्या वक्फ की संपत्तियों को अपनी सुनवाई तक डी नोटिफाई किया जा सकता है… इस पर सुप्रीम कोर्ट आज फैसला ले सकती है.
सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड के सदस्यों से जुड़ा दूसरा मुद्दा भी उठा था..जिसमें कहा गया था कि बोर्ड के पदेन सदस्यों को छोड़कर सभी सदस्य मुस्लिम होने चाहिए… इस मुद्दे पर भी सुप्रीम आदेश आज आ सकता है.
वहीं कलेक्टर की जांच के दौरान संपत्ति को वक्फ की संपत्ति नहीं माना जाएगा… इस मुद्दे पर भी सुप्रीम कोर्ट आज आगे की स्थिति साफ कर सकती है.
खास बात ये है कि सुप्रीम कोर्ट जिन याचिकाओं पर अंतरिम फैसला सुनाएगी उन्हें संसद में पारित वक्फ अधिनियम में व्यापक संशोधनों की संवैधानिकता को चुनौती देने के लिए दायर किया गया था. देश में वक्फ कानून लागू होने के बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें इस कानून को संविधान के खिलाफ बताया गया था. इस मामले में तीन दिनों तक लगातार सुनवाई हुई थी, इस दौरान सभी पक्षों की दलीलें सुनी गईं और फैसला आज तक के लिए सुरक्षित रख लिया गया था.
September 15, 2025 09:35 IST
वक्फ कानून से जुड़े क्या हैं तीन मुद्दे
इस विवाद के तीन प्रमुख मुद्दे हैं, जिन पर याचिकाकर्ताओं ने रोक लगाने की मांग की है. पहला मुद्दा उन संपत्तियों को ‘अधिसूचित’ करने की शक्ति से संबंधित है, जिन्हें ‘अदालतों द्वारा, उपयोग के आधार पर या डीड द्वारा वक्फ’ घोषित किया गया है.
दूसरा मुद्दा राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद की संरचना से जुड़ा है, जहां याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि पदेन सदस्यों को छोड़कर केवल मुस्लिम ही होने चाहिए.
तीसरा मुद्दा एक प्रावधान से संबंधित है जो कहता है कि जब कलेक्टर यह जांच करेगा कि कोई संपत्ति सरकारी भूमि है या नहीं, तो उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा.
September 15, 2025 08:24 IST
SC on Waqf Law Live Updates: अल्पसंख्यक मंत्रालय की वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट से अपील
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद 8 अप्रैल को नया वक्फ कानून अधिसूचित किया था. इससे पहले लोकसभा ने 3 अप्रैल और राज्यसभा ने 4 अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को पारित किया था.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने इस मामले में 25 अप्रैल को 1,332 पन्नों का हलफ़नामा दायर कर वक्फ (संशोधन) अधिनियम का बचाव किया था और अदालत से ‘ब्लैंकेट स्टे’ (सारे प्रावधानों पर रोक) लगाने से मना करने का आग्रह किया था.
September 15, 2025 07:38 IST
SC Hearing on Waqf Law Live Updates: नए वक्फ कानून से मुस्लिमों को क्या आपत्ति?
इस मामले में याचिकाकर्ताओं ने राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ काउंसिल की संरचना को भी चुनौती दी है. उनका कहना है कि इनमें केवल मुसलमानों को ही सदस्य होना चाहिए, सिवाय पदेन सदस्यों के. तीसरा विवादास्पद प्रावधान वह है, जिसके अनुसार अगर किसी संपत्ति पर कलेक्टर जांच कर यह तय करता है कि वह सरकारी जमीन है तो उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा.
September 15, 2025 07:13 IST
वक्फ इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं... सुप्रीम कोर्ट से बोले तुषार मेहता
वहीं इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वक्फ संशोधन कानून का जोरदार बचाव किया. उनका कहना था कि वक्फ अपने स्वरूप में एक ‘धर्मनिरपेक्ष अवधारणा’ है और इस पर रोक नहीं लगाई जा सकती, क्योंकि संसद की तरफ से पारित किसी भी कानून को संवैधानिक वैधता की धारणा का लाभ प्राप्त होता है. केंद्र ने यह भी कहा कि भले ही वक्फ की अवधारणा इस्लाम से जुड़ी हो, लेकिन यह इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है.
September 15, 2025 07:09 IST
वक्फ संपत्तियों से खिलवाड़... नए कानून पर सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल की दलील
वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि नया कानून ऐतिहासिक, कानूनी और संवैधानिक परंपराओं से पूरी तरह अलग है और गैर-न्यायिक प्रक्रिया के जरिए वक्फ संपत्तियों पर कब्ज़ा करने का प्रयास है. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम वक्फ संपत्तियों की प्रकृति और उनके प्रबंधन के सिद्धांतों से खिलवाड़ करता है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 15, 2025, 07:07 IST