Last Updated:July 15, 2025, 06:39 IST
Shubhanshu Shukla ISS Return Live Updates: शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं. उनकी ये उपलब्धि भारत के अपने मानवीय मिशन गगनयान के लिए काफी महत्वपूर्...और पढ़ें

शुभांशु शुक्ला ISS से साढ़े 22 घंटे का सफर करके आज पृथ्वी पर स्प्लैशडाउन करेंगे.
हाइलाइट्स
शुभांशु शुक्ला आईएसएस से पृथ्वी वापसी के सफर पर हैं.वह शाम 3 बजे कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेंगे.उनका यह सफर भारत के गगनयान मिशन के लिए बहेद अहम.भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) से पृथ्वी वापसी के सफर पर हैं. उनके साथ Axiom-4 मिशन (Ax-4) पर गया चार सदस्यीय दल ने सोमवार शाम करीब 4:50 बजे (भारतीय समय) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से विदाई ली. स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ‘ग्रेस’ अब साढ़े 22 घंटे की यात्रा के बाद मंगलवार 15 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 3 बजे अमेरिका के कैलिफोर्निया तट के पास समुद्र में स्प्लैशडाउन करेगा.
यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए ऐतिहासिक था, क्योंकि चार दशकों बाद इन देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने किसी मानवयुक्त मिशन में भाग लिया. मिशन का नेतृत्व अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री और Axiom की कमांडर पेगी व्हिटसन ने किया.
राकेश शर्मा के बाद शुभांशु अंतरिक्ष में कदम रखने वाले दूसरे भारतीय नागरिक हैं.
उनकी ये उपलब्धि भारत की अपनी मानवीय उड़ान के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए शुभांशु शुक्ला प्रमुख दावेदार हैं.
ISRO पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन 2027 में लॉन्च करने की तैयारी में है.
PM मोदी का 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने का लक्ष्य है.
इस मिशन का मकसद क्या?
भारत के शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में मांसपेशियों और हड्डियों के क्षरण पर अध्ययन किया और लंबे अंतरिक्ष अभियानों के लिए सूक्ष्म शैवाल (Microalgae) को पोषण का स्थायी स्रोत मानते हुए उस पर प्रयोग किया.
उन्होंने शून्य गुरुत्वाकर्षण में पानी के व्यवहार पर भी प्रयोग किया. पानी की सतह तनाव (surface tension) का उपयोग कर उन्होंने अंतरिक्ष में पानी की गेंद बनाई और मजाक में कहा, ‘मैं यहां वॉटर बेंडर बन गया हूं.’
वहीं दूसरे अंतरिक्ष यात्रियों ने कैंसर रिसर्च, पौधों की वृद्धि, मानव रक्त प्रवाह और मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रयोग किए.
शुभांशु के मिशन पर क्या कह रहा ISRO?
25 जून को केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च हुए इस मिशन के दौरान 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए गए. इनमें चिकित्सा, कृषि और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी शोध गतिविधियां शामिल थीं. शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के दौरान आईएसएस पर अपने सभी 7 वैज्ञानिक प्रयोग और गतिविधियां सफलतापूर्वक पूरी कीं. इसरो ने बताया कि भारतीय प्रजाति के टार्डीग्रेड्स, मायोजेनेसिस (मांसपेशियों के विकास), मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण, सियानोबैक्टीरिया, माइक्रोएल्गी, फसल बीज, और वॉयेजर डिस्प्ले जैसे सात प्रयोग अच्छी तरह से पूरे किए गए.
गगनयान की राह में भारत की उड़ान
शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत के 2027 में प्रस्तावित गगनयान मिशन की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है. 28 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष स्टेशन से शुक्ला से वीडियो कॉल पर बात भी की थी. वहीं उनके वापसी सफर पर रवाना होने पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘वेलकम बैक शुभांशु! पूरा देश आपके घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.’
स्पेसएक्स ड्रैगन कैसे करेगा वापसी?
‘Grace’ नामक ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट मंगलवार को प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन करेगा. इसके बाद हेलिकॉप्टरों के जरिये यात्रियों को समुद्र से निकाला जाएगा. ठीक उसी तरह जैसे हाल ही में सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की वापसी की गई थी.
ड्रैगन कैप्सूल पृथ्वी पर 580 पाउंड (करीब 260 किलो) वैज्ञानिक उपकरण और डेटा भी लेकर लौटेगा.
फिर अंतरिक्ष में गूंजा ‘सारे जहां से अच्छा’
विदाई समारोह में आईएसएस के कमांडर ताकुया ओनिशी ने कहा- ‘आप सभी ने हमारे समय को और भी प्रेरणादायक और आनंददायक बना दिया. विज्ञान और प्रोफेशन के प्रति आपकी प्रतिबद्धता निजी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए एक नई मिसाल है.’ इस मौके पर शुभांशु शुक्ला ने भी राकेश शर्मा की ऐतिहासिक पंक्ति को दोहराते हुए कहा, ‘आज का भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा दिखता है.’
एक्जियोम स्पेस एक ह्यूस्टन स्थित निजी कंपनी है, जो व्यावसायिक अंतरिक्ष अभियानों का संचालन करती है. यह उसका चौथा स्टेशन मिशन था. पेगी व्हिटसन इसी कंपनी के लिए काम करती हैं. कंपनी का मकसद है- देशों को अंतरिक्ष में प्रतिनिधित्व का अवसर देना और निजी यात्रियों को प्रशिक्षित करना. नासा ने भी वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ानों को बढ़ावा देने की दिशा में एक्जियोम स्पेस को पूरा समर्थन दिया है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi