Nepal Gen Z Protest : Gen Z आंदोलन के बाद नेपाल में शांति फिर से वापस लौट रही है. लेकिन आंदोलन के दौरान शॉपिंग मॉल, होटल, फैक्ट्रियां, ऑटो शोरूम और व्यापारियों के घरों तक को निशाना बनाया गया जिसकी वजह से अरबों का नुकसान हुआ है. बीते सप्ताह हुई तोड़फोड़ और आगजनी ने देश के निजी क्षेत्र को अरबों का नुकसान पहुंचाया है. शॉपिंग मॉल, होटल, फैक्ट्रियां, ऑटो शोरूम और व्यापारियों के घरों तक को निशाना बनाया गया था। इन हमलों में अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1000 से ज्यादा घायल हुए हैं.
कैसे बर्बाद हुई नेपाल की इकोनॉमी?
Gen Z आंदोलन का सबसे बड़ा झटका राजधानी काठमांडू के होटल हिल्टन को लगा. 9 सितंबर को हुई हिंसा में इस बहुमंजिला होटल को भीड़ ने आग के हवाले कर दिया. होटल एसोसिएशन ऑफ नेपाल (HAN) के मुताबिक सिर्फ हिल्टन को ही 8 अरब नेपाली रुपये (करीब 5 अरब भारतीय रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ है.
यह भी पढ़ें : IndiGo की सेल शुरू, केवल ₹1299 में बुक करें फ्लाइट टिकट, जानिए कैसे होगी बुकिंग?
नेपाल के होटल इंडस्ट्री को 25 अरब नेपाली रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है. हिंसा की चपेट में काठमांडू घाटी के अलावा पोखरा, बुटवल, भैरहवा, झापा, विराटनगर, धनगढी, महोत्तरी और तुलसीपुर जैसे शहरों के होटल भी आए थे.
नेपाल के सबसे बड़े उद्योग समूह चौधरी ग्रुप (CG) को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा. समूह के प्रबंध निदेशक निरवाण चौधरी ने बताया कि हमारे चेयरमैन को निशाना बनाया गया, घरों को जलाया गया. फैक्ट्रियों और कार्यालयों को नुकसान पहुंचाया गया और शो-रूम लूटे गए. दशकों की मेहनत और बलिदान घंटों में राख हो गए. CG का इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबली प्लांट, सीजी नेट का डेटा सेंटर और काठमांडू का ऑटो शोरूम जला दिया गया. चितवन स्थित GG लैंडमार्क मॉल को भी नुकसान पहुंचा था.
राजनीतिक स्थिरता
नेपाल की सरकार को मार्च 2026 में होने वाले चुनावों से पहले आर्थिक दबाव झेलना पड़ेगा. नेपाल से निवेशकों का भरोसा भी कमजोर हुआ है. व्यापारी संगठनों और कंपनियों ने सोशल मीडिया पर ये संदेश दिया है कि वे फिर से खड़े होंगे, लेकिन इन घटनाओं ने नेपाल के कारोबारी समुदाय के विश्वास को गहरी चोट पहुंचाई है, जो पहले ही कम डिमांड और निवेश की कमी से जूझ रहा था.
IANS के इनपुट के साथ