Last Updated:July 05, 2025, 13:56 IST
AI-171 Black Box Controversy: एयर इंडिया फ्लाइट 171 के ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजने का विरोध काफी तेज हो गया है. इसी विरोध के चलते सरकार को यह कहना पड़ा कि अब इसकी जांच भारत में होगी. क्या है पूरा मामला, जानने...और पढ़ें

हाइलाइट्स
12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हुआ था एयर इंडिया का प्लेन.अहमदाबाद से लंदन के लिए एयर इंडिया के प्लेन ने भरी थी उड़ान.प्लेन क्रैश में 241 पैसेंजर और क्रू-मेंबर्स की हो गई थी मृत्यु.Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश मामले में ब्लैक बॉक्स की जांच लेकर लेकर इन दिनों तकरार मची हुई है. तकरार ब्लैक बॉक्स को विदेश भेजने को लेकर है. दरअसल, इस दुखद हासदे से बाद ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित नेशनल सेफ्टी ट्रांसपोर्ट बोर्ड (NTSB) भेजे जाने की बात शुरू हो गई थी.
इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा था कि क्रैश के बाद लगी आग में ब्लैक बॉक्स का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) और कॉकपिट वॉयइ रिकार्डर (सीवीआर) बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. जिसकी जांच अब भारत में एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) के लिए संभव नहीं है. लिहाजा, प्लेन क्रैश का पूरा सच जानने के लिए ब्लैक बॉक्स को आगे की जांच के लिए अमेरिका भेजना पड़ेगा.
वहीं, इस खबर के बाहर आते ही भारतीय पायलट के एक वर्ग ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया था. इस विरोध के बाद केंद्रीय विमानन मंत्रालय को सामने आकर यह कहना पड़ा था कि ब्लैक बॉक्स अभी भी भारत में ही है, उसकी जांच भी भारत में एएआईबी करेगी. ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजने की बात पूरी तरह से गलत है. अब यह सवाल उठता है कि आखिर भारतीय पायलट ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजने का विरोध क्यों कर रहे हैं?
क्यों ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजने का हुआ विरोध?
न्यूज18 हिंदी से बातचीत में नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर एक पायलट ने बताया कि पायलट्स का यह विरोध मंशा को लेकर था. हमेशा से होता आया है कि किसी भी हादसे के लिए आखिर में पायलट को जिम्मेदार बता दिया जाता है. साथ ही, इस अहमदाबाद हादसे में जो प्लेन क्रैश हुआ है, वह प्लेन बोइंग कंपनी का है. बोइंग एक अमेरिकन कंपनी है. लिहाजा, ब्लैक बॉक्स को लगातार अमेरिका भेजने का दबाव बनाया जा रहा था.
उन्होंने बताया कि इस हादसे को लेकर अबतक जो भी थ्योरी सामने आईं है, उनमें एक ही बात कॉमन है कि सभी ने इस हादसे के लिए प्लेन की किसी न किसी खामी को जिम्मेदार बनाया है. यदि यह बात एएआईबी की जांच में साबित हो जाती है तो बोइंग को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है. हो सकता है कि इस जांच की रिपोर्ट का असर भविष्य में एयरक्राफ्ट के ऑर्डर पर भी पड़े. लिहाजा, बोइंग कभी नहीं चाहेगा कि इस एयरक्रैश के लिए उसके एयरक्राफ्ट को जिम्मेदार बताया जाए.
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क्या अमेरिका में प्रभावित हो सकती थी ब्लैक बॉक्स की जांच?
उन्होंने बताया कि शायद इसीलिए ब्लैक बॉक्स को लगातार जांच के लिए अमेरिका भेजे जाने का दबाव बनाया जा रहा था. अमेरिका में ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट को प्रभावित करने की बहुत बड़ी संभावना थी. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि जांच के बाद इस क्रैश के लिए पायलट एरर बता दिया जाता है. ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न ना हो, इसी वजह से भारतीय पायलट एयर इंडिया के क्रैश हुए प्लेन के ब्लैक बॉक्स को अमेरिका भेजने का विरोध किया था.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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