PM मोदी जाते कराची, इमरान आते मोहाली, चुटकियों में सुलझ जाता कश्मीर मुद्दा!

3 days ago

Last Updated:March 27, 2025, 19:26 IST

पूर्व पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने खुलासा किया कि इमरान खान सरकार के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक पहलें चल रही थीं. मोदी का कराची दौरा और इमरान का मोहाली दौरा तय था.

PM मोदी जाते कराची, इमरान आते मोहाली, चुटकियों में सुलझ जाता कश्मीर मुद्दा!

पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने इमरान खान के राज में भारत से रिश्ते सुधारने की योजना का खुलासा किया. (Image:PTI)

हाइलाइट्स

फवाद चौधरी ने मोदी के कराची दौरे का खुलासा किया.इमरान खान का मोहाली दौरा भी तय था.जनरल बाजवा की योजना से कश्मीर मुद्दा सुलझ सकता था.

इस्लामाबाद. हाल ही में एक पूर्व पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने खुलासा किया है कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार के दौरान भारत और पाकिस्तान के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहलें चल रही थीं. फवाद चौधरी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कराची दौरा तय था. जबकि इमरान खान मोहाली जाने की योजना बना रहे थे. इन यात्राओं की रणनीति उस समय सेना प्रमुख रहे जनरल कमर जावेद बाजवा के मार्गदर्शन में बनाई गई थी. ये दौरे दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के व्यापक प्रयासों का हिस्सा थे.

फवाद चौधरी ने कहा कि इस योजना को अगर आगे बढ़ाया जाता तो भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते काफी हद तक दोस्ताना हो सकते थे. पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा के यूट्यूब चैनल पर फवाद चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी पीटीआई ने जनरल बाजवा की योजना को न मानकर एक बड़ी भूल की थी. फवाद चौधरी ने कहा कि हमने कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने का एक बड़ा मौका गंवा दिया है. अगर जनरल बाजवा की योजना को कबूल कर लिया गया हो आज का नजारा कुछ और हो सकता था.

फवाद चौधरी ने कहा कि सरकारों को ऐसी पॉलिसी कतई नहीं बनानी चाहिए, जिससे आम पाकिस्तानी या हिंदुस्तानी को कोई नुकसान हो. फवाद चौधरी ने इस मामले में पाकिस्तान सरकार के हिंदुस्तानी फिल्मों पर बैन लगाने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा इसका विरोध किया. हिंदुस्तानी फिल्मों पर बैन लगाकर हमने अपनी फिल्मों को ही नुकसान पहुंचाया है. इससे कोई फायदा तो हुआ ही नहीं. इसलिए हर चीज में संतुलन बनाए रखना चाहिए.

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फवाद चौधरी ने अपने देश के भूगोल और प्रांतों के बीच जारी रस्साकशी के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि 1947 में पाकिस्तान के बनने से सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब और बंगाल को हुआ. उन्होंने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में चीन और अफगानिस्तान का संपर्क है. जबकि बलूचिस्तान से ईरान और अफगानिस्तान भी लगे हैं. मगर पंजाब चारों ओर से जमीन से घिरा है. उसकी सीमा केवल भारत से लगती है. इसलिए हमें अपने नजरिये को खोलना होगा.

First Published :

March 27, 2025, 19:02 IST

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