Last Updated:September 02, 2025, 09:53 IST
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले नीतीश कुमार ने सियासी दांव खेलते हुए ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ शुरू की है जिसमें हर परिवार की एक महिला को 10 हजार रुपये की पहली किस्त मिलेगी. यह योजना...और पढ़ें
नीतीश सरकार की 27 हजार करोड़ की योजना से विपक्ष पर निशाना पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते 29 अगस्त को ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ शुरू की है. इसके तहत हर परिवार की एक महिला को स्वरोजगार के लिए 10 हजार रुपये की पहली किस्त मिलेगी. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार के 2.7 करोड़ परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा जिसके लिए सरकार 27 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. छह महीने बाद आकलन के आधार पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त मदद दी जाएगी. ग्रामीण और शहरी विकास विभाग इस योजना को लागू करेंगे और सितंबर 2025 से फंड ट्रांसफर शुरू होगा. दरअसल, नीतीश की यह योजना इंडिया गठबंधन के नेता तेजस्वी यादव के ‘माई बहन मान योजना’ की सीधी काट कही जा रही है. तेजस्वी यादव ने बीते दिसंबर 2024 में महिलाओं को ढाई हजार रुपये मासिक देने का वादा किया था. इसके बाद कांग्रेस ने मई 2025 में दोहराया और अपनी पार्टी की ओर से भी इस वादा को पूरा करने का दावा किया. इसके जवाब में नीतीश ने न केवल 10 हजार रुपये की तात्कालिक मदद का ऐलान किया है, बल्कि हाट बाजारों के जरिए महिलाओं के उत्पादों को बढ़ावा देने की योजना भी बनाई. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की यह रणनीति विपक्ष के वादों के प्रभाव को खत्म करने की कवायद है.
NDA की सियासी रणनीति
जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार की यह योजना एनडीए (NDA) की चुनावी रणनीति का हिस्सा है जिसका मकसद बिहार की 48% महिला वोटरों को लुभाना है. बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में NDA ने 30 सीटें जीती थीं और अब नीतीश 2025 के विधानसभा चुनाव में अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते हैं. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि यह योजना नरेंद्र मोदी की मुफ्त राशन योजना की तरह महिलाओं में उत्साह जगाएगी. इसके अलावा नीतीश कुमार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने, स्कूलों में रसोइयों और गार्ड्स का वेतन दोगुना करने जैसे कदम भी उठाए हैं जो सियासी जमीन पर प्रभावी साबित हो रहे हैं.
विपक्ष पर बढ़ाया दबाव
बता दें कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) के खिलाफ वोटर अधिकार यात्रा चलाकर जनता को लामबंद किया था. लेकिन, नीतीश की इस योजना ने उनके वादों की धार कुंद कर दी है. जानकारों का मानना है कि नीतीश की ‘प्रगति यात्रा’ और महिला रोजगार योजना जैसे कदम NDA को सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर बढ़त दिला सकते हैं. तेजस्वी के 200 यूनिट मुफ्त बिजली के जवाब में नीतीश ने 125 यूनिट मुफ्त बिजली की योजना पहले ही शुरू कर दी है और इसका लाभ भी लोगों को मिलने लगा है.
महिलाओं के लिए अन्य पहल
नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए पहले भी कई कदम उठाए हैं. पंचायतों में 50% आरक्षण और सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण जैसे कदम सियासी रूप से सीएम नीतीश के लिए फायदेमंद सबित होने की बात कही जा रही है. वहीं, ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ में कोई जातिगत या सामाजिक बाध्यता नहीं है जिससे सभी वर्गों की महिलाएं लाभ ले सकती हैं. हाट बाजारों के जरिए उनके उत्पादों को बेचने की व्यवस्था भी की जाएगी जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. नीतीश कुमार ने कहा कि यह योजना बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएगी और प्रवास की मजबूरी कम करेगी.
चुनावी लाभ की उम्मीद
नीतीश सरकार की यह योजना बिहार की सियासत में बड़ा बदलाव ला सकती है. दरअसल, वर्ष 2015 में नीतीश कुमार ने राजद के साथ गठबंधन में ‘बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है’ का नारा दिया था. अब ‘जब बात बिहार की हो, नाम सिर्फ नीतीश कुमार का हो’ जैसे नारों के साथ एनडीए नीतीश को फिर से मुख्य चेहरा बना रहा है. ऐसे में ये योजनाएं न केवल आर्थिक सशक्तीकरण का दावा करती है, बल्कि NDA के लिए दलित, EBC और महिला वोटरों के बीच मजबूत करने की कोशिश है. जाहिर है नीतीश कुमार ने सियासी औजार तैयार कर लिया है, रणनीतिक रूप से हरवे-हथियार भी तैयार रखे हैं, बस मौका देख-देख कर चलाते जा रहे हैं और विपक्ष को धराशायी करते जा रहा हैं!
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
September 02, 2025, 09:53 IST

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