PM मोदी ने वक्फ कानून के विरोध को बंटवारे से जोड़ा, अब विपक्ष की उड़ेगी नींद!

1 week ago

Last Updated:April 09, 2025, 08:51 IST

PM Modi and Waqf Amendment Act: वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर गरम माहौल के बीच पीएम मोदी ने इसे पारदर्शिता और सामाजिक न्याय का कदम बताया. विपक्ष ने इसे मुस्लिम विरोधी कहा, जबकि पीएम ने कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति...और पढ़ें

PM मोदी ने वक्फ कानून के विरोध को बंटवारे से जोड़ा, अब विपक्ष की उड़ेगी नींद!

वक्फ कानून को लेकर पीएम मोदी ने मुस्लिम समुदाय को स्पष्ट संदेश दिया है.

हाइलाइट्स

वक्फ कानून पर पीएम मोदी ने पारदर्शिता और सामाजिक न्याय की बात की.पीएम ने कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति की आलोचना की.विपक्ष ने वक्फ कानून को मुस्लिम विरोधी बताया.

PM Modi and Waqf Amendment Act: वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर देश में माहौल गरमाने लगा है. संसद में लड़ाई हारने के बाद विपक्ष इस मुद्दे को जनता में ले जाना चाहता है. साथ ही वह इस मसले पर कानूनी लड़ाई भी लड़ने की तैयारी कर रहा है. इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट में इस कानून को चुनौती देने के लिए करीब 10 याचिकाएं दाखिल हो चुकी है. सरकार की ओर से भी इस मसले पर कैविएट दाखिल की गई है. सरकार ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई है कि उसकी राय सुने बिना अदालत कोई आदेश न दे.

इस बीच वक्फ कानून को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी बात रखी है. संसद में जब इस विधेयक को पास करवाया जा रहा था तब पीएम मोदी चर्चा में भाग नहीं ले पाए थे. वह उस वक्त विदेश दौरे पर जाने वाले थे. लेकिन, उन्होंने न्यूज18 के राइजिंग भारत समिट में वक्फ कानून पर खुलकर अपनी बात रखी है.

पीएम मोदी ने न सिर्फ नए कानून की तारीफ की, बल्कि देश के बंटवारे का जिक्र करके एक गहरा संदेश भी दिया. पीएम ने कहा कि बंटवारा आम मुसलमानों की इच्छा से नहीं, बल्कि कांग्रेस के समर्थन से कुछ कट्टरपंथियों की साजिश थी. पीएम की इस बात को सुनकर विपक्ष के कान जरूर खड़े हो गए होंगे, क्योंकि इसके पीछे उनका मकसद साफ है- वक्फ कानून को लेकर चल रही बहस को ऐतिहासिक संदर्भ से जोड़ना और विपक्ष की पुरानी नीतियों पर सवाल उठाना.

बंटवारे का जिक्र क्यों?
पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के समय कांग्रेस ने तुष्टिकरण की राजनीति शुरू की थी. उनके मुताबिक, बंटवारा आम मुसलमानों की मांग नहीं थी, बल्कि कुछ कट्टरपंथी नेताओं की सत्ता की भूख थी, जिसे कांग्रेस ने समर्थन दिया. कांग्रेस चाहती थी कि आजादी मिलने के बाद सत्ता की दावेदार केवल वह ही रहे. इसका नतीजा यह हुआ कि गरीब और पिछड़े मुसलमानों को नुकसान उठाना पड़ा. पीएम ने इस इतिहास को वक्फ कानून से जोड़ा और कहा कि पहले भी तुष्टिकरण के नाम पर गलत नीतियां बनीं. उन्होंने 2013 के वक्फ कानून का उदाहरण दिया. उनका इशारा साफ था कि कांग्रेस ने हमेशा वोट बैंक के लिए अल्पसंख्यकों को इस्तेमाल किया, लेकिन उनके हितों की अनदेखी की. बंटवारे का जिक्र करके पीएम ने विपक्ष को यह याद दिलाया कि उनकी पुरानी गलतियां आज भी देश को परेशान कर रही हैं.

वक्फ कानून और तुष्टिकरण का खेल
मोदी ने वक्फ कानून पर चर्चा को तुष्टिकरण से जोड़ते हुए कहा कि पहले के कानून में पारदर्शिता की कमी थी. 2013 में कांग्रेस की सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव किया था, जिसे पीएम ने कट्टरपंथियों और जमीन माफिया को खुश करने की कोशिश बताया. उनके मुताबिक उस कानून ने आम लोगों की जमीन पर खतरा पैदा कर दिया था. मिसाल के तौर पर उन्होंने केरल में ईसाई समुदाय की जमीन, हरियाणा में गुरुद्वारों की जमीन और कर्नाटक में किसानों की जमीन पर वक्फ के दावों का जिक्र किया. पीएम ने कहा कि पहले एक नोटिस से किसी की भी जमीन वक्फ की संपत्ति बन सकती थी, लेकिन अब नए कानून से पारदर्शिता आएगी और गरीब मुसलमानों, महिलाओं और बच्चों के हक की रक्षा होगी.

Waqf Amendment Act PM Modi remember partition opposition is doing appeasement politics

देश में मुस्लिम समुदाय का एक वर्ग वक्फ कानून का विरोध कर रहा है.

बंटवारे का जिक्र क्यों
पीएम का बंटवारे का जिक्र करना और उसे वक्फ कानून से जोड़ना एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है. पहला मकसद विपक्ष को घेरना है. कांग्रेस और दूसरी पार्टियां नए वक्फ कानून को ‘मुस्लिम विरोधी’ बता रही हैं. लेकिन पीएम ने यह साफ कर दिया कि यह कानून समाज के हित में है, न कि किसी समुदाय के खिलाफ. दूसरा मकसद मुस्लिम समुदाय को भरोसा देना. उन्होंने कहा कि यह कानून गरीब और पासमांदा मुसलमानों को फायदा पहुंचाएगा, जिन्हें पहले की नीतियों में नजरअंदाज किया गया. तीसरा, पीएम ने यह संदेश दिया कि उनकी सरकार तुष्टिकरण नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय के लिए काम करती है.

विपक्ष की नींद क्यों उड़ेगी
विपक्ष के लिए यह बात परेशानी का सबब बन सकती है. पीएम ने बंटवारे का जिक्र करके उनकी पुरानी कमजोरियों को उजागर किया. साथ ही, नए कानून को लोकतंत्र और जनभागीदारी से जोड़ा. 16 घंटे की बहस, 38 जेपीसी बैठकें और 1 करोड़ सुझावों का हवाला देकर उन्होंने यह दिखाया कि यह फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया.

First Published :

April 09, 2025, 08:14 IST

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