Last Updated:October 01, 2025, 12:44 IST
PM Modi on RSS: पीएम मोदी ने संघ के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के योगदान और भारतीय समाज पर इसके प्रभाव का जिक्र किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह को संबोधित किया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया. उन्होंने संघ की 100 वर्षों की यात्रा को त्याग, निस्वार्थ सेवा, राष्ट्र निर्माण और अनुशासन की अद्भुत मिसाल बताया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि आरएसएस के शताब्दी समारोह का हिस्सा बनकर अत्यंत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं.
प्रधानमंत्री ने आरएसएस के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ‘संघ जब से अस्तित्व में आया है, देश की प्राथमिकता ही उसकी प्राथमिकता रही है. आज़ादी की लड़ाई के दौर से लेकर हर चुनौती में संघ ने खुद को झोंक दिया. 1942 में चिमूर आंदोलन के दौरान अनेक स्वयंसेवकों ने भीषण अत्याचार सहे, बलिदान दिया, लेकिन भाव एक ही रहा- ‘राष्ट्र प्रथम, लक्ष्य एक भारत श्रेष्ठ भारत.’
‘संघ को कुचलने की खूब कोशिशें हुईं’
पीएम मोदी ने याद दिलाया कि आज़ादी के बाद संघ पर प्रतिबंध लगाने और कुचलने की कोशिशें हुईं, गुरुजी को जेल भेजा गया, लेकिन संघ ने कभी कटुता नहीं दिखाई. उन्होंने गुरुजी के कथन का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘कभी-कभी जीभ दांतों के नीचे दब जाती है, लेकिन हम दांत नहीं तोड़ते, क्योंकि दांत भी हमारे हैं और जीभ भी हमारी है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दृष्टिकोण समाज में एकात्मता को मजबूत करता है. आपातकाल के समय भी संघ ने लोकतंत्र के मूल्यों में आस्था बनाए रखी. संघ की कार्य पद्धति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार जानते थे कि राष्ट्र तभी सशक्त होगा, जब हर व्यक्ति के भीतर राष्ट्र के प्रति दायित्व का भाव जागे. उन्होंने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मार्ग चुना.
पीएम मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा, ‘जैसे कुम्हार मिट्टी को मेहनत और तप से ईंट में बदलकर भव्य इमारत खड़ी करता है, वैसे ही हेडगेवार जी सामान्य लोगों को चुनते, उन्हें गढ़ते और देशभक्ति से ओतप्रोत स्वयंसेवक तैयार करते थे.’
‘संघ की शाखाएं व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी’
पीएम मोदी ने कहा, ‘संघ शाखा का मैदान एक ऐसी प्रेरणा भूमि है, जहां से स्वयंसेवक की ‘अहम् और वहम’ की यात्रा शुरू होती है. संघ की शाखाएं व्यक्ति निर्माण की यज्ञ वेदी हैं. उन शाखाओं में व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास होता है. स्वयंसेवकों के मन में राष्ट्र सेवा का भाव और साहस दिन प्रतिदिन पनपता रहता है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके साथ ही कहा कि स्वयंसेवकों के लिए त्याग और समर्पण सहज हो जाता है. श्रेय के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना समाप्त हो जाती है. उन्हें सामूहिक निर्णय और सामूहिक कार्य का संस्कार मिलता है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण का महान उद्देश्य, व्यक्ति निर्माण का स्पष्ट पथ और शाखा जैसी सरल व जीवंत कार्य पद्धति यही संघ की 100 वर्ष की यात्रा का आधार बनी हैं.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 01, 2025, 12:44 IST

3 weeks ago
