RSS पर बैन लगे, खरगे ने दिया सरदार पटेल की चिट्ठी का हवाला, बीजेपी का पलटवार

8 hours ago

Last Updated:October 31, 2025, 15:46 IST

Congress RSS News: मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग की, भाजपा और आरएसएस को कानून व्यवस्था बिगाड़ने का दोषी ठहराया, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर पटेल की विरासत नजरअंदाज करने का आरोप लगाया.

RSS पर बैन लगे, खरगे ने दिया सरदार पटेल की चिट्ठी का हवाला, बीजेपी का पलटवारमल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि संघ पर पाबंदी लगनी चाहिए. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर फिर से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए यही संगठन जिम्मेदार है. उन्होंने यह भी कहा कि ये उनके व्यक्तिगत विचार हैं. उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक बयान से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘मेरा व्यक्तिगत विचार है कि (आरएसएस पर) प्रतिबंध लगाना चाहिए.’

खरगे ने दावा किया कि देश में कानून व्यवस्था से जुड़ी ज्यादातर गड़बड़ियों के लिए आरएसएस और भाजपा जिम्मेदार हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी झूठ को सच में बदलने में माहिर हैं. उन्होंने कहा कि पटेल ने भारत के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक स्वरूप की रक्षा के लिए आरएसएस को प्रतिबंधित किया था. उन्होंने कहा, “आप (भाजपा) हर चीज के लिए कांग्रेस को दोष देते हैं तो अपनी करतूत को भी देख लीजिए.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी लोग अगर आरएसएस ज्वॉइन करेंगे तो एकता नहीं रह जाएगी. संघ के विचारधारा की तुलना सांप के विष से करते हुए खरगे ने कहा कि अगर आप सांप को मारते है और विष निकलता है और कोई कहता है कि विष चाटेंगे, अगर विष चाटेंगे तो मरेंगे.

खरगे ने कहा, “सच को जितना मिटाने की कोशिश कर लो, वह नहीं मिटेगा.” उनका कहना था, “वे (प्रधानमंत्री और भाजपा) हमेशा स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच झगड़ा दिखाने की कोशिश करते हैं, जबकि नेहरू और पटेल के बहुत अच्छे रिश्ते थे और पटेल ने नेहरू को जनता का नेता बताया था.”

उन्होंने कहा, “भाजपा से कहना चाहता हूं कि दही में कंकड़ मत ढूंढो. आपका इतिहास सबको मालूम है. नेहरू ने ही सबसे पहले गुजरात में पटेल की प्रतिमा का अनावरण किया था और सरदार सरोवर बांध की बुनियाद रखी थी.”

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “जवाहरलाल नेहरू मानते थे कि सरदार पटेल का योगदान बहुत बड़ा था. 4 फरवरी, 1948 को सरदार पटेल ने RSS के बारे में एक चिट्ठी में लिखा था: ‘RSS ने गांधीजी की मौत का जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं.’ इसके बाद सरकार के पास कोई और ऑप्शन नहीं बचा था.” खरगे ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल को मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक, RSS और हिंदू महासभा की विचारधाराओं से बने माहौल की वजह से महात्मा गांधी की हत्या हुई थी.

बीजेपी का पलटवार
करारा जवाब देते हुए बीजेपी ने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी ने दशकों तक पटेल की विरासत को नज़रअंदाज़ किया और अब सिर्फ़ RSS को निशाना बनाने के लिए उनका नाम ले रही है. बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, “INC का मतलब इंडियन नेशनल कांग्रेस नहीं है. इसका मतलब इंडियन नाज़ी कांग्रेस है. अपनी सभी साज़िशों के बावजूद, कोर्ट ने RSS पर से बैन हटा दिया. कोर्ट ने कहा कि RSS एक नॉन-पॉलिटिकल संगठन है और सरकारी कर्मचारी उसकी एक्टिविटीज़ में हिस्सा ले सकते हैं. लेकिन कांग्रेस इतनी इनटॉलरेंट है कि वह PFI, SDPI और MIM के दंगाइयों के साथ खड़ी होती है, लेकिन RSS के खिलाफ ज़हर उगलती है, जो देश की भलाई के लिए काम कर रहा है.” पूनावाला ने आगे कहा कि कांग्रेस पटेल के सिद्धांतों पर चलने की बात तो करती है, लेकिन उसने कभी भी सच में उनके विज़न या योगदान का सम्मान नहीं किया.

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सरदार पटेल अन्य रियासतों की तरह पूरे कश्मीर को भारत में मिलाना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऐसा नहीं होने दिया. गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के पास राष्ट्रीय एकता दिवस परेड के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “सरदार पटेल का मानना ​​था कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए.”

पीएम मोदी ने कहा, “सरदार पटेल पूरे कश्मीर का एकीकरण करना चाहते थे जैसा उन्होंने अन्य रियासतों के साथ किया था. लेकिन नेहरू जी ने उनकी इच्छा पूरी नहीं होने दी. कश्मीर का विभाजन हुआ, उसे अलग संविधान और अलग झंडा दिया गया और कांग्रेस की इस गलती का खामियाजा देश को दशकों तक भुगतना पड़ा.”

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

October 31, 2025, 15:41 IST

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