SC में प्रशांत भूषण ने ऐसा क्या कहा.. बीच में ही बोले जज साहब- आपकी दलील हम...

1 week ago
सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग और प्रशांत भूषण ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं. (फाइल फोटो)सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग और प्रशांत भूषण ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं. (फाइल फोटो)

चुनाव आयोग के अधिकारी ने कोर्ट को बताया:-

*एक वोटिंग यूनिट में एक बैलट यूनिट,कंट्रोल यूनिट और एक VVPAT यूनिट होती है। सभी यूनिट में अपना अपना माइक्रो कंट्रोलर होता है।इन कंट्रोलर से छेड़छाड़ नहीं हो सकती

*सभी माइक्रो कंट्रोलर में सिर्फ एक ही बार प्रोग्राम फीड किया जा सकता है

*चुनाव चिन्ह अपलोड करने के लिए हमारे पास दो मैन्युफैक्चर है- एक ECI दूसरा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स

* सभी मशीन 45 दिन तक स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी जाती है। उसके बाद रजिस्ट्रार, इलेक्शन से इस बात की पुष्टि की जाती है कि क्या चुनाव को लेकर कोई याचिका तो दायर नहीं हुई है ! अगर अर्जी नहीं दायर होती है तो स्ट्रांग रूम को खोला जाता। वही कोई याचिका दायर होने की सूरत में रूम को सीलबन्द रखा जाता है

ADR के वकील प्रशांत भूषण की दलील- हर माइक्रो कंट्रोलर में एक फ़्लैश मेमोरी होती है। ये कहना ठीक नहीं होगा कि फ़्लैश मेमोरी में कोई दूसरा प्रोगाम फीड नहीं किया जा सकता

जस्टिस संजीव खन्ना- इसलिए हमने चुनाव आयोग से भी यही सवाल पूछा था। आयोग का कहना है कि फ्लैश मेमोरी में कोई दूसरा प्रोग्राम फीड नहीं किया जा सकता। उनका कहना है कि वो फ़्लैश मेमोरी में कोई प्रोगाम अपलोड नहीं करते, बल्कि चुनाव चिन्ह अपलोड करते है, जो कि इमेज की शक्ल में होता है। हमे तकनीकी चीजो पर आयोग पर यकीन करना ही होगा।

प्रशांत भूषण ने दलील दी कि वो चुनाव चिन्ह के साथ कोई ग़लत प्रोगाम तो अपलोड कर सकते हैं और मेरा अंदेशा उसी बात को लेकर है. इस पर शीर्ष अदालत ने कहा, “हम आपकी दलील को समझ गए. हम फैसले में इसका ध्यान रखेंगे.” चुनाव आयोग के स्पष्टीकरण के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से वीवीपैट के 100 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया.

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Tags: Election commission, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Prashant bhushan, Supreme Court

FIRST PUBLISHED :

April 24, 2024, 16:18 IST

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