Suicide News: इस देश में जीना क्या इतना हो गया है मुश्किल? 6 महीने में 7 हजार लोगों ने किया सुसाइड, बढ़ते आंकड़ों से सरकार डरी

3 weeks ago

Reasons for increasing suicide in South Korea: सनातन धर्म दर्शन के अनुसार, जीवन अनमोल है. जीव-जंतुओं की सैकड़ों योनियों से गुजरने के बाद जीव को मनुष्य का जीवन मिलता है. लेकिन लगता है कि आजकल लोगों को यह जीवन भी रास नहीं आ रहा है. मानसिक तनाव, अकेलापन, गरीबी, बेरोजगारी जैसे अनेक कारणों की वजह से दुनिया में सुसाइड करने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. 

6 महीने में 7 हजार ने किया सुसाइड

दक्षिण कोरिया से आए सरकारी आंकड़ों की बात करें तो वहां पर जनवरी से जून के बीच 7,067 लोगों ने आत्महत्या की है. यह संख्या पिछले साल की इसी अवधि में दर्ज 7,844 से थोड़ी कम है, लेकिन 2023 की पहली छमाही के 7,142 मामलों के करीब ही है.

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आत्महत्या करने वालों में सबसे बड़ी हिस्सेदारी 50 साल से ऊपर के लोगों की रही, जो कुल मामलों का लगभग 22.4% है. इसके बाद 40 साल (19%), 60 साल (15.1%), 30 साल (13.5%) और 70 साल (9.8%) के लोग रहे.

व्यक्तिगत समस्या मानने की प्रवृति छोड़े सरकार- विशेषज्ञ

विशेषज्ञों का मानना है कि आत्महत्या को सिर्फ व्यक्तिगत समस्या न मानकर इसे सामाजिक और संरचनात्मक समस्या के रूप में देखना चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि सरकार जनस्वास्थ्य से जुड़े ठोस कदम उठाए.

कोरिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता चोई मिन-जे का कहना है कि सरकार को केवल हाई रिस्क वाले समूहों पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि पूरे समाज में आत्महत्या के कारणों को कम करने के लिए सार्वभौमिक नीतियां बनानी चाहिए. साथ ही एक कंट्रोल सेंटर की भी जरूरत है, जो यह देखे कि सरकार की नीतियां आत्महत्या दर को कैसे प्रभावित कर रही हैं.

दक्षिण कोरिया में आत्महत्या दर सबसे ज्यादा

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के सदस्य देशों में, दक्षिण कोरिया की आत्महत्या दर सबसे ज्यादा है. 2024 में यह दर प्रति 1 लाख लोगों पर 26.2 रही, जबकि OECD का औसत सिर्फ 10.8 है.

हालांकि, इसी बीच देश से एक सकारात्मक खबर भी आई है. जुलाई में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग 6% बढ़ी है. इस साल जुलाई में 21,803 बच्चों का जन्म हुआ, जो 2022 के 20,580 से ज्यादा है. यह लगातार 13वां महीना है जब जन्मदर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

कम जन्म दर की समस्या से जूझ रहा है देश

जनवरी से जुलाई तक कुल 1,47,804 बच्चों का जन्म हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 7.2% अधिक है. 2015 के बाद यह पहली बार है जब इस अवधि में जन्मदर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. हालांकि, देश की कुल प्रजनन दर अभी भी बेहद कम है और जुलाई में यह औसत केवल 0.8 रही.

(एजेंसी आईएएनएस)

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