Trump Putin no deal reached in Ukraine talks: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का के जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में मुलाकात की. इस बैठक का मकसद यूक्रेन में चल रहे युद्ध को खत्म करने की दिशा में बातचीत शुरू करना था. क्या वाकई कोई बड़ा नतीजा इस मुलाकात का निकला? आइए जानते हैं 5 प्वाइंट्स में जानें दुनिया की सबसे हाई-प्रोफाइल मीटिंग का सीक्रेट.
कोई डील नहीं, लेकिन बड़ी प्रगति का दावा: अलास्का में हुई मुलाकात पर ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन युद्ध पर कोई ठोस समझौता नहीं हुआ, लेकिन हमने बड़ी प्रगति की है. उन्होंने यह भी कहा, जब तक डील फाइनल नहीं होती, तब तक कोई डील नहीं. पुतिन ने भी इसे रचनात्मक और सम्मानजनक माहौल में हुई बातचीत बताया.
यूक्रेन को शामिल नहीं किया गया: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को इस समिट में शामिल नहीं किया गया, जिससे यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगी नाराज हैं. जेलेंस्की ने इसे पुतिन की निजी जीत बताया और कहा कि बिना यूक्रेन के कोई फैसला मान्य नहीं होगा. ट्रंप ने वादा किया कि वह जेलेंस्की और नाटो नेताओं को फोन करके बैठक की जानकारी देंगे.
मॉस्को में अगली मुलाकात का सुझाव: पुतिन ने यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं को चेतावनी दी कि वे "उभरती प्रगति" में रुकावट न डालें. उन्होंने अगली मुलाकात मॉस्को में करने का प्रस्ताव रखा, जिस पर ट्रंप ने मजाकिया अंदाज में कहा कि यह "विवादास्पद" हो सकता है, लेकिन वह इस पर विचार करेंगे.
यूक्रेन युद्ध की जड़ें खत्म करने पर जोर: पुतिन ने कहा कि युद्ध खत्म करने के लिए "संघर्ष की मूल वजहों" को दूर करना होगा. उन्होंने दावा किया कि अगर 2022 में ट्रंप राष्ट्रपति होते, तो शायद युद्ध शुरू ही नहीं होता. ट्रंप ने भी कहा कि वह इस युद्ध को रोक सकते थे. दोनों नेताओं ने यूक्रेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने की बात की, लेकिन कोई ठोस योजना सामने नहीं आई.
पुतिन को इमेज बूस्ट, ट्रंप खाली हाथ: समिट में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला, लेकिन पुतिन को रेड कार्पेट और सैन्य स्वागत के साथ वैश्विक मंच पर अपनी धमक दिखा दी. कई विश्लेषकों का मानना है कि यह पुतिन की "जीत" रही, जबकि ट्रंप बिना किसी डील के लौटे.