Last Updated:September 18, 2025, 23:54 IST
Rahul Gandhi News: कथित वोट चोरी के आरोपों के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस का ‘वोट रक्षक अभियान’ लॉन्च किया. 5 लोकसभा सीटों से शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट, 2029 तक इसे बड़ा मुद्दा बनाए रखने की योजना.

नई दिल्ली: कथित ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बाद कांग्रेस अब इस मुद्दे को जिंदा रखने और अपने वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए नए अंदाज में मैदान में उतर आई है. राहुल गांधी ने ‘वोट रक्षक अभियान’ की शुरुआत की है. जिसे पार्टी ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच लोकसभा सीटों पर लागू करने का फैसला किया है. कांग्रेस का दावा है कि इस अभियान से संगठन को मजबूती मिलेगी और मतदाता सूची में धांधली की हर कोशिश पर सीधी नजर रखी जा सकेगी.
कांग्रेस का यह कदम सिर्फ मौजूदा हालात पर प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि 2029 तक की राजनीतिक रणनीति भी माना जा रहा है. राहुल गांधी का इरादा है कि इस मुद्दे को पार्टी लंबे समय तक बहस का केंद्र बनाए रखे और जनता के बीच इसे लेकर सजगता बढ़ाए.
पायलट प्रोजेक्ट के लिए कांग्रेस ने उन सीटों को चुना है, जहां वह बेहद मामूली अंतर से हारी थी. इनमें शामिल हैं-
राजस्थान की जयपुर ग्रामीण राजस्थान की अलवर उत्तर प्रदेश की सुरक्षित सीट बांसगांव छत्तीसगढ़ की कांकेर मध्य प्रदेश की मुरैनाइन सीटों पर पार्टी की हार कुछ हजार वोटों में सिमट गई थी. कांग्रेस का मानना है कि अगर मतदाता सूची से छेड़छाड़ न हुई होती तो तस्वीर बदल सकती थी.
कैसे काम करेगा ‘वोट रक्षक अभियान’?
कांग्रेस ने योजना बनाई है कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी सबसे कम वोटों से हारी है, वहां से अभियान शुरू होगा. हर 20 बूथ पर एक वोट रक्षक तैनात होगा. उसकी जिम्मेदारी होगी कि वह मतदाता सूची पर लगातार नजर रखे. अगर नाम जोड़ने-हटाने में गड़बड़ी दिखे तो वह तुरंत चुनाव आयोग से संपर्क करे. समस्या का समाधान न होने पर मामला सीधे दिल्ली तक भेजा जाएगा. इन वोट रक्षकों की नियुक्ति पहले से की जाएगी ताकि उन्हें अपने क्षेत्र में समय रहते सक्रिय किया जा सके.कांग्रेस का मकसद क्या?
कांग्रेस का इरादा साफ है कथित वोट चोरी को लेकर पार्टी आने वाले सालों तक इसे मुख्य चुनावी मुद्दा बनाए रखना चाहती है. राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह केवल एक प्रयोग नहीं, बल्कि संगठनात्मक मजबूती का जरिया है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह अभियान सिर्फ 5 सीटों तक सीमित नहीं रहेगा. धीरे-धीरे इसे पूरे देश में फैलाया जाएगा. कांग्रेस का मानना है कि इससे कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर सक्रिय रहने का मौका मिलेगा और 2029 के लोकसभा चुनावों तक यह रणनीति असर दिखा सकती है.
2029 की तैयारी या तात्कालिक राजनीति?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस इस अभियान के ज़रिए दो मकसद साध रही है-
जनता के बीच यह संदेश देना कि वोट चोरी हुई थी. पार्टी के कार्यकर्ताओं को अगले कई सालों तक इस मुद्दे पर संगठित रखना. यानी यह सिर्फ चुनावी गिमिक नहीं, बल्कि लॉन्ग-टर्म प्लानिंग है. जो 2029 तक कांग्रेस की रणनीति का अहम हिस्सा बन सकता है.Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...
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First Published :
September 18, 2025, 23:54 IST