Last Updated:October 31, 2025, 16:09 IST
Sikkim Snowfall Photos: सिक्किम में साइक्लोन मोंथा के असर से जबरदस्त बर्फबारी हुई. लाचुंग, लाचेन और त्सोमगो झील इलाके में सफेद बर्फ की चादर बिछ गई. मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है. इसके साथ ही ठंड बढ़ने की आशंका.

सिक्किम में मौसम ने अचानक करवट ली है. साइक्लोन मोंथा के असर से राज्य के पहाड़ी इलाकों में अक्टूबर के अंत में ही जबरदस्त ठंड पड़ने लगी है. 28 अक्टूबर से जारी लगातार बारिश ने 30 और 31 अक्टूबर को बर्फबारी का रूप ले लिया. नॉर्थ और ईस्ट सिक्किम के लाचुंग, लाचेन और त्सोमगो झील (Tsomgo Lake) इलाके में सफेद चादर सी बर्फ फैल गई. लोगों के लिए यह नज़ारा भले ही मनमोहक हो, लेकिन ठंड ने कंपकंपी छुड़ा दी है. (फोटो News18)

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक सिक्किम के कई इलाकों में तापमान सामान्य से नीचे चला गया है. पहाड़ी इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है. स्थानीय लोग और सैलानी दोनों इस सीजन की पहली बर्फबारी का आनंद ले रहे हैं. हालांकि प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि ऊंचे इलाकों में फिसलन और बर्फ जमी सड़कों के कारण सफर जोखिमभरा हो सकता है. (फोटो News18)

शुक्रवार को भारत-चीन सीमा के पास नाथूला पास (Nathula Pass) क्षेत्र में जबरदस्त बर्फबारी हुई. बर्फ की मोटी परतों ने पूरे इलाके को ढक लिया और तापमान तेजी से नीचे चला गया. सुबह से ही कुपुप और त्सोमगो झील इलाके में भारी से बहुत भारी बर्फबारी दर्ज की गई. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. (फोटो News18)

एजेंसी रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय परिवहन चालकों से ऊपरी इलाकों की यात्रा टालने की अपील की है. बर्फ से ढकी फिसलन भरी सड़कों पर हादसे की आशंका जताई जा रही है. बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) की टीमें सड़कों से बर्फ हटाने में जुटी हैं ताकि आवश्यक सेवाएं बाधित न हों. (फोटो News18)

नाथूला बेल्ट में रात के दौरान तापमान और नीचे जाने की संभावना है. आपदा प्रबंधन दलों को भी अलर्ट पर रखा गया है. इस बार की बर्फबारी को मौसम विशेषज्ञ इस सीज़न की सबसे जल्दी और सबसे तीव्र मानी जा रही है. यह संकेत है कि सिक्किम में इस साल सर्दियां लंबी और ज्यादा ठंडी रह सकती हैं. (फोटो News18)

उधर पर्यावरण मंत्रालय ने एक अलग पहल के तहत सिक्किम और उत्तर प्रदेश के जैव-विविधता प्रबंधन समितियों को कुल ₹8.3 लाख की राशि जारी की है. मंत्रालय के अनुसार, यह राशि जैव विविधता अधिनियम, 2002 के तहत एक्सेस एंड बेनिफिट शेयरिंग (ABS) मैकेनिज़्म के जरिए दी गई है. (फोटो News18)

सिक्किम के अरितार स्थित लैंपुखरी झील क्षेत्र की समिति को यह राशि माइक्रो-ऑर्गैनिज़्म रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए दी गई है. पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाते हैं और पारिस्थितिकी संरक्षण की दिशा में अहम भूमिका निभाते हैं. वहीं मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों तक राज्य में ठंड का प्रकोप और बढ़ने वाला है. (फोटो News18)
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