अतातुर्क नहीं ब्रह्मोस मार्ग रखें नाम... बॉयकॉट तुर्की के बाद अब उठी नई मांग

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Last Updated:May 19, 2025, 11:38 IST

Boycott Turkey News: दिल्ली में 'मुस्तफा कमाल अतातुर्क मार्ग' का नाम बदलकर 'ब्रह्मोस मार्ग' रखने की मांग की गई है. CTI ने कहा कि इससे यह सड़क भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक बनेगा और तुर्की को सख्त संदेश मिलेगा...और पढ़ें

अतातुर्क नहीं ब्रह्मोस मार्ग रखें नाम... बॉयकॉट तुर्की के बाद अब उठी नई मांग

दिल्ली में 'मुस्तफा केमाल अतातुर्क मार्ग' का नाम बदलकर 'ब्रह्मोस मार्ग' रखने की मांग की गई है.

हाइलाइट्स

CTI ने अतातुर्क मार्ग का नाम बदलने की मांग की.नाम बदलकर 'ब्रह्मोस मार्ग' रखने का सुझाव दिया गया.ब्रह्मोस मार्ग भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक बनेगा.

दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास के नजदीक स्थित ‘मुस्तफा कमाल अतातुर्क मार्ग’ का नाम बदलने की मांग उठने लगी है. व्यापारियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने इस सड़क का नाम बदलकर ‘ब्रह्मोस मार्ग’ रखने की मांग की है. CTI का कहना है कि यह न केवल भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक होगा, बल्कि तुर्की को भी एक सख्त संदेश देने का काम करेगा.

CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री आवास के पास 30 वर्षों से लगा मुस्तफा कमाल अतातुर्क का साइन बोर्ड तुरंत हटाया जाए. उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है कि राजधानी की प्रमुख लोकेशन पर उस देश के संस्थापक का नाम हो, जो लगातार भारत विरोधी रुख अपनाए हुए है.

कौन थे अतातुर्क?

मुस्तफा कमाल अतातुर्क तुर्की के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति थे. उनके ऊपर ही दिल्ली में इस सड़क का नाम रखा गया है. लेकिन CTI का कहना है कि अब समय आ गया है कि भारत की नई सोच और बदली हुई अंतरराष्ट्रीय स्थिति के अनुरूप निर्णय लिए जाएं.

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CTI महासचिव विष्णु भार्गव और गुरमीत अरोड़ा ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि तुर्की अब सिर्फ पाकिस्तान का समर्थक ही नहीं, बल्कि भारत विरोधी गतिविधियों में भी शामिल रहा है. ऐसे में यह पूरी तरह अनुचित है कि भारत की राजधानी के सबसे संवेदनशील और प्रतिष्ठित क्षेत्र में तुर्की के नेता के नाम की कोई पहचान बनी रहे।

तुर्की के खिलाफ लोगों में खूब गुस्सा

CTI की यह मांग ऐसे समय पर आई है, जब देश में सोशल मीडिया पर लगातार ही #BoycottTurkey जैसे ट्रेंड्स चल रहे हैं. भारत में एक वर्ग तुर्की की तरफ से पाकिस्तान के समर्थन और कश्मीर को लेकर की गई बयानबाजियों से खासा नाराज़ है.

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बृजेश गोयल का सुझाव है कि सड़क का नाम बदलकर ‘ब्रह्मोस मार्ग’ रखा जाए. ब्रह्मोस मिसाइल, भारत की सबसे घातक और हाईटेक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. उनके मुताबिक यह नाम न केवल राष्ट्र की सामरिक ताकत को दर्शाएगा, बल्कि राष्ट्रीय गौरव को भी मजबूत करेगा.

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प्रियंका काण्डपालवरिष्ठ संवाददाता

आज तक से टीवी पत्रकारिता शुरू करने वाली प्रियंका कांडपाल को अब तक तकरीबन 11 साल का अनुभव है. तकरीबन चार साल आज तक में रिपोर्टिंग के साथ एंकरिंग भी कर चुकी हैं. उसके बाद इंडिया टीवी में पांच साल तक काम किया. 201...और पढ़ें

आज तक से टीवी पत्रकारिता शुरू करने वाली प्रियंका कांडपाल को अब तक तकरीबन 11 साल का अनुभव है. तकरीबन चार साल आज तक में रिपोर्टिंग के साथ एंकरिंग भी कर चुकी हैं. उसके बाद इंडिया टीवी में पांच साल तक काम किया. 201...

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