Last Updated:July 28, 2025, 13:24 IST
SBI Report: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से रेयर अर्थ मिनरल को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई है. राज्यों की ओर से इसकी खोज में दिलचस्पी दिखाई जा रही है.

नई दिल्ली. चीन की ओर से रेयर अर्थ मिनरल के निर्यात पर बैन लगाने के बाद देश में इन दुर्लभ खनिजों की खोज में राज्यों की सक्रिय भागीदारी काफी उत्साहजनक है. इससे देश में रीजनल आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है. साथ ही देश इन महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भर बन सकता है. यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में दी गई. देश में बीते चार साल में रेयर अर्थ मिनरल का औसत आयात 249 मिलियन डॉलर रहा है. वहीं, वित्त वर्ष 25 में यह 291 मिलियन डॉलर था, जो कि 48 महीनों में सबसे अधिक है.
भारतीय स्टेट बैंक के समूह मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. सौम्य कांति घोष ने कहा, ‘हमारे विश्लेषण से पता चलता है कि बैन से प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में परिवहन उपकरण (Transport Equipment), बेसिक मेटल, मशीनरी, निर्माण और इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल हैं. इससे घरेलू उत्पादन और निर्यात दोनों प्रभावित होंगे.’ क्रिटिकल मिनरल सेक्टर में आत्मनिर्भर होने के उद्देश्य से सरकार ने 2025-31 की अवधि के लिए 18,000 करोड़ रुपए के कुल आवंटन के साथ एक मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के लिए 2025 में नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम) को शुरू किया है.
जान लें रिपोर्ट की बड़ी बात
रिपोर्ट में बताया गया कि क्रिटिकल मिनरल में राज्य सरकार की भागीदारी आवश्यक होगी. कई राज्यों ने अन्वेषण लाइसेंस (EL) की नीलामी के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं. ओडिशा सरकार की इंडस्ट्रियल पॉलिसी रिजॉल्यूशन 2022, इस नीति के तहत रेयर अर्थ मिनरल पर आधारित मूल्यवर्धित उत्पादों को एक प्राथमिकता क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है. ओडिशा सरकार ने हाई-टेक्नोलॉजी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए गंजम में 8,000 करोड़ रुपए की टाइटेनियम फैसिलिटी को मंजूरी दी है.
अन्य देशों में निवेश
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत संसाधन संपन्न देशों में क्रिटिकल मिनरल एसेट्स की खोज और अधिग्रहण में निवेश करेगा. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी कंपनियों को फंडिंग, दिशानिर्देशों और अंतर-मंत्रालयी समन्वय के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी.’ साथ ही कहा गया है कि क्रिटिकल मिनरल बैंकों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक अवसर हैं, जिसके लिए बैंकों के भीतर विशेष नीतिगत फोकस और रणनीतिक दिशा की आवश्यकता होती है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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