Last Updated:August 09, 2025, 16:38 IST

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के निवर्तमान जज जस्टिस सुधांशु धूलिया ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि न्यायपालिका के प्रति विश्वास कभी नहीं डगमगाएगा और शीर्ष न्यायालय देश में स्वतंत्रता और न्याय का “प्रवर्तक और संरक्षक” बना रहेगा. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित विदाई समारोह में बोलते हुए जस्टिस धूलिया ने कहा कि यह आम लोगों का विश्वास ही है जिसने न्यायपालिका और व्यवस्था को जीवित रखा है. जस्टिस धूलिया नौ अगस्त को रिटायर होने वाले हैं.
न्यायपालिका में उनके योगदान के लिए न्यायमूर्ति धूलिया की सराहना करते हुए भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई ने प्रसिद्ध फिल्मी गीत ‘अभी न जाओ छोड़ कर के दिल अभी भरा नहीं’ का जिक्र किया. जस्टिस धूलिया ने कहा, “मुझे विश्वास है कि हमारी अदालतों और न्यायपालिका में विश्वास कभी नहीं डगमगाएगा और भारत का सर्वोच्च न्यायालय इस देश में स्वतंत्रता और न्याय का पथप्रदर्शक और संरक्षक बना रहेगा.”
इससे पहले 8 अगस्त को दिन में रस्मी पीठ पर न्यायमूर्ति धूलिया ने बताया कि वे देश भर के मामलों और वकीलों की सुनवाई करने के आदी हो गए हैं और कहा, “मुझे अपने हिंदुस्तान की याद आएगी”. विदाई समारोह में प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जस्टिस धूलिया का सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट भारत के न्यायिक इतिहास में एक अत्यंत प्रतिष्ठित अध्याय के समापन का प्रतीक है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 09, 2025, 16:37 IST