Last Updated:August 10, 2025, 00:03 IST
Indian Army News: जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी साझा की, जिसमें भारत ने पाकिस्तानी आतंकी ठिकानों पर हमला किया. उन्होंने तकनीक और पॉलिटिकल क्लीयरिटी की भूमिका पर जोर दिया.

नई दिल्ली. भारत के आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहली बार ऑपरेशन सिंदूर की छोटी-छोटी जानकारी लोगों से शेयर की. पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकी ठिकानों को चकनाचूर कर दिया था. आईआईटी मद्रास में अपनी बात रखते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि आपने टीवी पार्लियामेंट की डिबेट में इस बारे में काफी कुछ सुना होगा. मैं उस बारे में आपसे ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा. मैं आपको बताऊंगा की कैसे तकनीक ने अपना काम किया. अप्रैल में पहलगाम में क्या हुआ आप जानते हैं. 23 अप्रैल यानी अगले दिन हम लोग पीएम के साथ बैठे. हमने डिसाइड कर लिया था कि अब बहुत हो गया है. हमें फ्री हैंड दिया गया था. हमें कहा गया था कि आप खुद निर्णय लीजिए किया क्या करना है. यही वो चीज है जो हम राजनेताओं से चाहते हैं.
पॉलिटिकल क्लीयेरटी थी…
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि पहली बार हमने पॉलिटिकल क्लीयेरटी देखी. हम बहुत कुछ करना चाहते थे. एक तरह से हमारा हाथ पकड़ना और एक तरह से बिना बाधा के काम करना, जिसने हमारा आत्मविश्वस बढ़ाया. उन्होंने बताया कि 25 अप्रैल को हमने नॉर्थन कमांड ऑफिस में विजिट किया, जहां हमने यह निर्णय लिया कि हमें पाकिस्तान पर किस तरह का एक्शन लेना है. हमने 9 में से 7 टार्गेंट सेट किए और वहां बहुत सारे आतंकवादियों को मार गिराया. 29 अप्रैल को हम पीएम से मिले. मैं ये छोटी चीजें आपको बता रहा हूं क्योंकि कैसे एक छोटा सा नाम सिंदूर, जिसकी मदद से हमने पूरे देश से कनेक्ट किया.
सिंदूर नाम से सैनिकों में आया जोश
आर्मी चीफ ने बताया कि डायरेक्टर ने मुझे ऑपरेशन सिंदूर शब्द पर ब्रीफ किया. मैंने कहा कि ओके क्योंकि सिंधू और सिंदूर मैच भी करता था. सिंधू मतलब इंडस रिवर. मैंने कहा यह तो शानदार है क्योंकि इंडस वॉटर ट्रीटी को सस्पेंड कर दिया गया था. हमने सिंधू से सिंदूर हर चीज का ध्यान रखा. मैंने सैनिकों को इसके बारे में बताया. मैंने उन्हें कहा कोई बहन, बेटी मां सिंदूर लगाएगी तो वो सैनिक के बारे में ही सोचेगी. मुझे लगता है वहां से चीजें कनेक्ट कर पाई. यही वजह है कि लोग कहते हैं कि आप रुके क्यों?
पाकिस्तान को उम्मीद नहीं थी…
हमें स्टैटर्जिक क्लीयेंरेटी क्लीयर थी. जब आप इस तरह का कदम उठाने जाते हो तो आपको सोचना होता है कि दूसरा पक्ष क्या सोच रहा है. चेस किस तरह से खेला जाना है. उरी में हमने लॉन्च-पैड पर हमला किया. बालाकोट की बात करें तो जम्मू-कश्मीर के रास्ते प्रवेश कर हमने ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया. ये भी एक तरह की सजा देना ही था. इस बार काफी अंदर तक घुसकर मुख्य जमीन पर हमला किया गया. पहली बार हमने मुख्य जमीन को निशाना बनाया. हमारा टारगेट आतंकवाद की नर्सरी पर हमला करना और उनके आकाओं को निशाना बनाना था. इस तरह की चीज पहले कभी नहीं की गई. पाकिस्तान ने यह उम्मीद भी नहीं की थी कि उनका हार्टलैंड अटैक किया जाएगा. उनके लिए ये शॉक था.
न्यू नॉर्मल…
जनरल द्विवेदी ने बताया कि हमने उनके पांच टारगेट जम्मू-कश्मीर और चार टारगेट बाकी जगह सेट किए थे. यह नया नॉर्मल था, जिसके तहत हमारी फोर्स कंवेंशनल जंग के लिए हमेशा तैयार हैं. पिछले एक साल से हम तैयारी कर रहे थे कि क्या ग्रे जोन होगा और क्या मल्टी जोन होगा लेकिन लोग इसके लिए अभी भी तैयार नहीं थे. हमारी ग्राउंड फोर्स दरअसल एक तरह से चेस खेल रही थी. कितने लोग आगे जाएंगे, कितने लोग पीछे रहेंगे, कितने लोग कही ओर मूव करेंगे. इस तरह का चेस मूव वहां पर था. 64 के इस चेस बोर्ड में कुछ चीजें नजर आने वाली थी जबकि कुछ अदृष्य.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
August 10, 2025, 00:03 IST