अरब सागर में नेवी ने बड़ा हादसा टाला, जोखिम भरे ऑपरेशन को दिया अंजाम

4 hours ago

Last Updated:July 01, 2025, 14:15 IST

NAVY RESCUE: भारतीय नौसेना किसी भी मदद की गुहार को इनकार नहींं करता . चाहे वो पासिक्तान की तरफ से हो या फिर चीन की तरफ से. अरब सागर, हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी के इलाके में हमेशा तैयार रहती है. अपनी समुद्री...और पढ़ें

अरब सागर में नेवी ने बड़ा हादसा टाला, जोखिम भरे ऑपरेशन को दिया अंजाम

अरब सागर में नेवी का साहसिक ऑपरेशन

हाइलाइट्स

भारतीय नौसेना ने अरब सागर में 14 भारतीयों को बचाया.INS तबर ने आग लगे टैंकर से क्रू को सुरक्षित निकाला.नेवी के मिशन डेप्लॉयमेंट से समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित होती है.

INDIAN NAVY RESCUE OPS: मिशन डिप्लॉयमेंट के तहत भारतीय नौसेना के जंगी जहाज हमेशा समंदर में मौजूद रहते हैं. INS तबर भी इसी के तहत तैनात है. एंटी पायरेसी ऑपरेशन के अलावा समंदर में होने वाले हादसों के राहत बचाव में भी मदद करते हैं. ऐसा ही एक वाकया पेश आया नॉर्थ अरब सागर में. एक ऑयल टैंकर में आग की खबर मिली. मदद की गुहार लगाई गई और फिर शुरू हुआ ऑपरेशन. आग लगने वाला टैंकर पालाउ (Palau) का था लेकिन उसमें क्रू भारतीय थे. नौसेना ने तेजी से ऑपरेशन को अंजाम देते हुए ना सिर्फ टैंकर में लगी आग को बुझाया बल्कि सभी भारतीय क्रू को भी सुरक्षित बचा लिया.

ऐसे हुआ पूरा ऑपरेशन
29 जून की सुबह मिशन पर तैनात इंडियन शिप आईएनएस तबर को टैंकर ‘MT Yi Cheng 6’ से इमर्जेंसी मदद का कॉल मिला. शिप के क्रू ने बताया कि इंजन रूम में भयंकर आग लग गई है. यह शिप UAE के फुजैरा से करीब 80 समुद्री मील ईस्ट डायरेक्शन में था. INS तबर ने तुरंत तेजी से घटनास्थल की ओर बढ़ना शुरू किया. MT Yi Cheng 6 शिप के कप्तान से संपर्क साधा गया और फिर आग बुझाने का ऑपरेशन शुरू किया गया. जैसे कहा जाता है कि शिप का कप्तान आखिर तक शिप नहीं छोड़ता, यहां भी वैसा ही हुआ. नेवी ने सबसे पहले 7 क्रू मेंबर्स को जलते शिप से नेवी के शिप में शिफ्ट किया. कप्तान सहित बाकी 7 क्रू जहाज पर ही मौजूद रहे और नेवी की आग बुझाने में मदद करते रहे. INS तबर से 6 सदस्यीय फायरफाइटिंग और डैमेज कंट्रोल टीम भी आग बुझाने के लिए भेजी गई थी. पहली कोशिश में ही नेवी ने धधक रही आग को काफी हद तक काबू किया और फिर धुआं इंजन रूम तक सीमित कर दिया. इसके बाद और 13 नेवी कर्मियों जिनमें 5 अधिकारी और 8 नौसेनिक शामिल थे, को भी भेजा गया. काफी मशक्कत के बाद आखिरकार आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया. तापमान की निगरानी और अन्य सावधानियां अभी भी बरती जा रही हैं. INS तबर सहायता के लिए अब भी मौके पर तैनात है.

समंदर में है नौसेना के मिशन डेप्लॉयमेंट का चक्रव्यूह
साल 2008 से समुद्री लुटेरों के ख़तरों के चलते भारतीय जहाज़ों को इंश्योरेंस के तौर पर दोगुना पैसा देना पड़ता था ताकि अगर लुटेरे जहाज़ पर क़ब्ज़ा कर लें तो कंपनियों के नुकसान की भरपाई हो सके. लिहाजा भारतीय नौसेना ने इस मुश्किल को हल करने के लिए 2017 में मिशन डेप्लॉयमेंट की शुरुआत की. फिलहाल दुनिया में भारतीय नौसेना के कुल 7 मिशन डेप्लॉयमेंट के तहत हमेशा भारतीय जंगी जहाज़ मौजूद रहते हैं. अरब सागर में स्ट्रेट ऑफ हॉरमूज के पास जहां फारस और ओमान की खाड़ी के इलाक़े से भारत का 80 फीसदी एनर्जी ट्रेड आता है. दूसरा अदन की खाड़ी में एनर्जी ट्रेड के अलावा 90 फीसदी अन्य व्यापार होता है जो कि स्वेज कैनाल से रेड सी और अदन की खाड़ी से होते हुए 80 फीसदी ट्रेड अरब सागर के रास्ते भारत पहुँचता है. यह सबसे बड़ा पायरेसी का इलाक़ा है. जिबूती और सोमालिया से लुटेरे इसी जगह पर डकैती डालते हैं. यह व्यापार का सबसे छोटा रूट है इसलिए यहां पर ट्रैफिक बाकी जगह से कहीं ज्यादा है और इसी वजह से यहां पर समुद्री डाकू का ख़तरा बढ़ा रहता है. इंडियन फ्लैग शिप की सुरक्षा में भारतीय नेवी लगातार गश्त करती रहती है. सुरक्षा के अलावा अगर किसी तरह की मदद की जरूरत होती है तो भी नेवी के शिप सबसे पहले पहुंचते हैं.

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