Last Updated:November 20, 2025, 07:54 IST
Al Falah University: इन दिनों फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी चर्चा में है. लाल किला कार धमाके में मारा जाने वाला फिदायीन हमलावर डॉक्टर उमर उन नबी इसी यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था. इसके बावजूद इस मेडिकल यूनिवर्सिटी की एमबीबीएस की सभी सीटें भर गईं हैं.
Al Falah University: अल फलाह यूनिवर्सिटी जांच के दायरे में हैनई दिल्ली (Al Falah University). फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. लाल किला बम धमाके की जांच के बीच अल फलाह मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की सभी सीटें भर गई हैं. अल फलाह यूनिवर्सिटी दिल्ली में हुए लाल किला विस्फोट (Red Fort Blast) मामले की जांच के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों की गहन निगरानी के दायरे में है. जांच में सामने आया है कि इस विस्फोट के मुख्य संदिग्धों में यूनिवर्सिटी के कुछ फैकल्टी सदस्य और छात्र भी शामिल थे.
विस्फोट की जांच के दौरान नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और अन्य नियामक संस्थाओं की कड़ी नजर के बावजूद अल फलाह यूनिवर्सिटी का एमबीबीएस सीटों को पूरी तरह से भर लेना चौंकाने वाला है. कुछ सीटें तो एनआरआई कोटे के तहत कम स्कोर (155) पर भी आवंटित की गईं. इससे पता चलता है कि संस्थान में दाखिले के लिए छात्रों की दिलचस्पी अभी भी बरकरार है. यह खबर यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक दावे और सुरक्षा/वित्तीय जांच के बीच एक अजीब विरोधाभास पेश करती है.
Al Falah Medical College: विस्फोट जांच में अल फलाह का कनेक्शन
10 नवंबर, 2025 को लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले की जांच में अल फलाह मेडिकल कॉलेज का नाम प्रमुखता से सामने आया है. विस्फोट को अंजाम देने वाले कथित ड्राइवर डॉ. उमर उन नबी और फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक मिलने के मामले के मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल गनई, दोनों ही इस संस्थान से जुड़े थे. दिल्ली पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी लगभग 20 दिनों तक यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर खड़ी थी.
चेयरमैन पर गिरफ्तारी का साया
लाल किला विस्फोट मामले की जांच के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने यूनिवर्सिटी के वित्तीय दावों और संचालन की भी जांच शुरू कर दी है. ईडी ने यूनिवर्सिटी समूह के अध्यक्ष (चेयरमैन) जावेद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया है. ईडी की जांच में सामने आया कि यूनिवर्सिटी ने फर्जी तरीके से खुद को NAAC-मान्यता प्राप्त और यूजीसी अधिनियम की धारा 12(B) के तहत योग्य बताया था, जिससे छात्रों को गुमराह किया गया.
NMC और नियामक संस्थाओं की प्रतिक्रिया
इस गंभीर मामले के सामने आने के बाद चिकित्सा शिक्षा की नियामक संस्था नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) भी हरकत में आ गई है. NMC ने आतंकी गतिविधियों के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज होने के बाद 4 डॉक्टरों- मुजफ्फर अहमद, अदील अहमद राथेर, मुजम्मिल अहमद गनई और शाहीन शाहिद- के नाम मेडिकल रजिस्टर से हटा दिए हैं. ये डॉक्टर अब देश के किसी भी हिस्से में मेडिकल की प्रैक्टिस नहीं कर सकते हैं.
यूनिवर्सिटी की साख पर सवाल
अल फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस से फैकल्टी सदस्यों के आतंकी लिंक और उसके चेयरमैन की गिरफ्तारी के कारण इसकी साख पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं. हालांकि, यूनिवर्सिटी ने ‘स्ट्रे राउंड’ काउंसलिंग के दौरान 15 सीटों को भरते हुए अपनी एमबीबीएस सीटों को शत-प्रतिशत भर लिया है. इससे पता चलता है कि गंभीर विवादों के बावजूद कुछ छात्रों की दिलचस्पी इस संस्थान में बनी हुई है, भले ही इसके पीछे की वजह सीटों की कमी या कोटे में अंकों का कम होना हो.
With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें
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First Published :
November 20, 2025, 07:54 IST

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