ISRO का धमाका! भारत की स्पेस पावर को मिली नई उड़ान, जानें कैसे मिलेगा फायदा

1 hour ago

Last Updated:November 20, 2025, 02:16 IST

ISRO Cryogenic Engine: इसरो ने महेंद्रगिरि में सीई20 क्रायोजेनिक इंजन का बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट परीक्षण सफलतापूर्वक किया, जो एलवीएम 3 और गगनयान मिशन के लिए अहम है. यह इंजन भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM-3 के ऊपरी चरण को शक्ति देता है. इसी रॉकेट का उपयोग चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और मानव मिशन गगनयान जैसे बड़े अभियानों में किया जा रहा है.

ISRO का धमाका! भारत की स्पेस पावर को मिली नई उड़ान, जानें कैसे मिलेगा फायदासीई-20 की मदद से अब मार्क 3 रॉकेट के ऊपरी हिस्से को ज्यादा ताकत मिलेगी. (सांकेतिक तस्वीर)

बेंगलुरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को घोषणा की कि उसने सीई20 क्रायोजेनिक इंजन के ‘बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट’ परीक्षण का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया है, जो प्रक्षेपण यान मार्क 3 (एलवीएम 3) रॉकेट के ऊपरी हिस्से को शक्ति प्रदान करता है. इसरो ने बताया कि यह परीक्षण 7 नवंबर को महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स स्थित उच्च-ऊंचाई परीक्षण (एचएटी) केंद्र में निर्वात परिस्थितियों में 10 सेकंड के लिए किया गया.

अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, सीई20 क्रायोजेनिक इंजन उड़ान के दौरान चालू होने पर 19 से 22 टन के बीच के ‘थ्रस्ट’ (ऊपर की ओर ले जाने के) स्तर पर संचालन के लिए पहले से ही सक्षम है और इसे गगनयान मिशन में उपयोग के लिए मंजूरी दी गई है.

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वर्तमान प्रारूप के साथ, प्रत्येक रीस्टार्ट के लिए बाहरी सहायता प्रणालियों की आवश्यकता होती है, जिससे यान की पेलोड क्षमता कम हो जाती है. अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा, “इसलिए, बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट प्राप्त करना – जहां इंजन बाहरी सहायता के बिना स्थिर संचालन के लिए तैयार होता है – आवश्यक है.”

इसरो के सीई20 क्रायोजेनिक इंजन के बारे में:
सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित एक अत्याधुनिक रॉकेट इंजन है, जो तरल हाइड्रोजन और तरल ऑक्सीजन जैसे बेहद ठंडे (क्रायोजेनिक) ईंधन पर चलता है. यह इंजन भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM-3 (पहले GSLV Mk-III) के ऊपरी चरण को शक्ति देता है. इसी रॉकेट का उपयोग चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और मानव मिशन गगनयान जैसे बड़े अभियानों में किया जा रहा है.

CE-20 की खासियत यह है कि यह बहुत कम ईंधन में भी अत्यधिक थ्रस्ट देता है, जिससे भारी उपग्रहों (Heavy Satellites) और अंतरिक्ष मिशनों (Space Missions) को ऊंची कक्षा में पहुंचाना आसान हो जाता है. यह इंजन करीब 22 टन का थ्रस्ट पैदा करता है, जो इसे भारत का अब तक का सबसे ताकतवर क्रायोजेनिक इंजन बनाता है.

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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Location :

Bangalore,Karnataka

First Published :

November 20, 2025, 02:09 IST

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