Last Updated:November 20, 2025, 07:31 IST
Pukhrayan train accident- ट्रेन नंबर 19321 इंदौर-पटना एक्सप्रेस 2016 में पुखरायां, कानपुर देहात में दुर्घटना की शिकार हुई. इसमें 150 से अधिक मौतें हुईं और सैकड़ों लोग घायल हुए. हादसा एस-1 कोच की वेल्डिंग टूटने से मैकेनिकल फेलियर के कारण हुआ. ट्रेन मध्य प्रदेश के इंदौर से चलकर पटना की ओर जा रही थी.
सीआरएस जांच में मैकेनिकल फेलियर की बात सामने आयी.नई दिल्ली. ट्रेन मध्य प्रदेश के इंदौर से चलकर पटना की ओर जा रही थी. रात में पूरी ट्रेन के यात्री सोए हुए थे. नवंबर का महीना होने की वजह से खिड़कियों से तेज हवा अंदर आ रही थी. जिससे ठंड लग रही थी, इस वजह से ज्यादातर यात्री कंबल या चादर सिर तक ओड़कर सोए थे. तभी ट्रेन में तेज से झटका लगा और कई यात्री हवा में उछलकर कोच की छत से टकराकर नीचे गिरे. इसके बाद चारों ओर कोहराम मच गया. घटना आज ही के दिन साल 2016 में कानपुर देहात के पुखरायां में हुई थी. इस घटना में 150 से अधिक लोग मारे गए थे और सैड़कों लोग घायल हुए थे.
ट्रेन नंबर 19321 इंदौर-पटना एक्सप्रेस 20 नवंबर की रात इंदौर से पटना की ओर जा रही थी. रात लगभग 3 बजे का समय था. ट्रेन झांसी-कानपुर लाइन पर मलासा और पुखरायां के बीच चली जा रही थी. इसकी स्पीड 106 किमी. प्रति घंटे की थी. तभी एस-1 स्लीपर कोच की वेल्डिंग का एक हिस्सा टूटकर पटरी पर गिर गया. यह हिस्सा जंक लगने की वजह से कमजोर हो चुका था. गिरे हुए टुकड़े ने पटरी पर बाधा हुई, जिससे ट्रेन की दो बोगियां (एस-1 और एस-2) पटरी से उतर गईं.
हादसे में काफी संख्या में लोग कोच में फंस गए थे. कोच को काटकर निकाला गया.
14 कोच ट्रैक से उतरे
ये बोगियां फुटबाल की तरह उछलकर तीसरी बोगी (बी-3) पर जा गिरीं, जिससे तेज झटका लगा. इस तरह ट्रेन की करीब 14 कोच पटरी से उतर गए. लोको पायलट ने झटके महसूस किए और इमरजेंसी ब्रेक लगाई, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी.
ज्यादातर मौतें एस 1 और 2 से
बचाव कार्य में पता चला कि ज्यादातर मौतें एस-1 और एस-2 स्लीपर कोचों में हुईं, ज्यादातर यात्री सो रहे थे. हादसे के तुरंत बाद ग्रामीणों ने बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन ज्यादातर यात्री मलबे में फंस चुके थे. इस वजह से उन्हें परेशानी हुई.फिर एनडीआरएफ, डॉक्टरों की टीम और स्थानीय पुलिस ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. भारी मशीनरी से मलबा हटाया गया और रेल मोबाइल मेडिकल यूनिट्स तैनात की गईं. हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए. ट्रेन में ज्यादातर यात्री मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के थे, जो दीवाली और छठ त्यौहार मनाकर काम पर वापस लौट रहे थे.
जांच में मैकेनिकल फेलियर बताया गया
हादसे की जांच सीआरएस को सौंपी गयी. रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की पैनल रिपोर्ट (2020 में जारी) ने स्पष्ट किया कि हादसा मैकेनिकल फेलियर की वजह से हुआ. एस-1 कोच की वेल्डिंग जंक और पुरानी दरारों से टूट गई, जो पटरी में फंस गई. रिपोर्ट में ट्रैक फ्रैक्चर की थ्योरी को नकारा गया, क्योंकि हादसे से पहले चार ट्रेनें आराम से गुजरीं थीं.
एनडीआरएफ की टीम रात में रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गयी थी.
हादसे रोकने को रेलवे की खास पहल
भारतीय रेलवे ने ट्रेन हादसे रोकने के लिए ‘कवच’ नामक स्वदेशी एंटी-कोलिजन सिस्टम को तेजी से लागू करना शुरू कर दिया है. यह ऑटोमैटिक ब्रेकिंग सिस्टम ट्रेनों को आपस में टकराने, सिग्नल पास करने और तेज रफ्तार में खतरे की स्थिति में अपने आप रोक देता है. अब तक 10,000 किलोमीटर से ज्यादा रूट पर कवच लग चुका है और 2025-30 तक पूरे नेटवर्क को कवर करने का लक्ष्य है. साथ ही ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और पुराने सिग्नल सिस्टम को अपग्रेड करने का काम भी तेजी से चल रहा है.
मानव-त्रुटि कम करने पर भी पूरा जोर
रेलवे मानव-त्रुटि कम करने पर भी पूरा जोर दे रहा है. लोको पायलटों के लिए थकान कम करने के लिए केबिन में एयर-कंडीशनिंग, बेहतर सीट और रेस्ट रूम अनिवार्य किए गए हैं. हर ट्रेन में ऑटोमैटिक फायर डिटेक्शन और सप्रेशन सिस्टम लगाए जा रहे हैं. पटरी टूटने की पहले से जांच के लिए अल्ट्रासोनिक मशीनों के साथ अब ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मॉनिटरिंग भी शुरू हो गई है. पुरानी ICF कोचों को तेजी से सुरक्षित LHB कोचों से बदला जा रहा है, जिससे डिरेलमेंट होने पर भी जान का खतरा बहुत कम हो जाता है.
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Location :
Pukhrayan,Kanpur Dehat,Uttar Pradesh
First Published :
November 20, 2025, 06:30 IST

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